जयपुर Jaipur 30 जनवरी। राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी को संविधान की 10वीं अनुसूची के अन्तर्गत बनाये गये नियमों के तहत पीठासीन अधिकारियों को प्रदत्त्त. शक्तियों पर पुनर्विचार करने के लिए गठित समिति का सभापति बनाया गया है ।
इस आशय के आदेश बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के निर्देशानुसार लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी किये गये ।
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी को इससे पहले भी लोकसभा अध्यक्ष द्वारा विधानमण्डल सचिवालय को वित्त्तीय स्वायत्त्ता दिये जाने के परीक्षण के लिए गठित समिति का सभापति बनाया गया था । डॉ. जोशी ने इस संदर्भ में 6 दिसम्बर 2019 को राजस्थान विधानसभा में बुलाई पहली बैठक में ही प्रतिवेदन तैयार कर लोकसभा सचिवालय को भिजवा दिया था ।
देहरादून में 18 से 21 दिसम्बर, 2019 तक आयोजित पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में लोकसभा अध्यंक्ष की उपस्थिति में डॉ. सी.पी. जोशी द्वारा दिये गए उद्बोधन व चर्चा को द्वष्टिगोचर रखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें 10वीं अनुसूची के अन्तर्गत पीठासीन अधिकारियों को प्रदत्ति शक्तियों पर समीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है । डॉ. सी.पी. जोशी की अध्यक्षता में बनी इस तीन सदस्यीय समिति में ओडिसा विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सूज््र्या. नारायण पैट्रो और कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष श्री विश्वेश्वर हेगडे कांगडी सदस्य होंगे ।