केवल शब्दों में व्यक्त नहीं की जा सकती खादी-सक्सैना


जयपुर, 31 जनवरी। केन्द्रीय खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष  विनय कुमार सक्सैना ने कहा है कि खादी क्या और क्यों को चंद शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता।


उन्होंने कहा कि खादी मतलब ऑनेस्टी, सिंसिएरिटी, स्वदेषी, जीरो कार्बन फूट प्रिन्ट, जल संरक्षण, इकोफैण्डली सहित ना जाने कितने ही प्रेरणास्पद बहुआयामी मायने रखती है।
खाादी ग्रामोद्योग अध्यक्ष शुक्रवार को जयपुर के ओटीएस में उद्योग विभाग, एससीएम रीपा ओटीएस, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, सीआईआई आदि द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित किए गए दो दिवसीय इंटरनेषनल कॉन्फ्रेंस के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज खादी जन जन की पहचान बनती जा रही है। उन्होंने खादी वस्त्रों पर 50 प्रतिषत छूट और इस तरह के ग्लोबल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत  और राज्य सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि खादी में नवाचार किए जा रहे हैं। आईटीईएन्स के सहयोग से उन्नत चरखे तैयार किए जा रहे हैं वहीं डिजाइनरों को इससे जोड़ा जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि पर्यावरण का बचाना है तो खादी को अपनाना ही होगा।


 सक्सैना ने कहा कि खादी की ब्राण्डिंग का ही परिणाम है कि 2018-19 में 3215 करोड़ का टर्नओवर रहा जो इस साल 5 हजार करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। इससे पहले आठ सौ-सवा आठ सौ करोड़ का ही टर्न ओवर रहता था। उन्होंने हनी मिषन, कुम्हार सषक्तिकरण जैसे नवाचारों की भी चर्चा की।
आयोजन समिति के संयोजक  गिरधारी सिंह बाफना ने कहा कि यह पहला मौका है जब खादी को लेकर किसी सरकार द्वारा इतना मंथन, छूट और ग्लोबल कॉफ्रेंस का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि क्लाइमेंटल चैंजेंज के चलते आज की पीढ़ी हमारी पीढ़ी को कोस रही है ऐसे में इको फ्रैण्डली खादी को बढ़ावा देने के समग्र प्रयास किए जा रहे हैं।


सीआईआई राजस्थान के अध्यक्ष  आनन्द मिश्रा ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में वक्ताओं ने खादी में नई तकनीक, फैषन डिजाइनिंग, कम लागत, सप्लाई चैन विकसित करने, अधिक से अधिक को खादी से जोड़कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने जैसे महत्वपूर्ण सुझाव दिए।