जयपुर, 14 फरवरी। पर्यावरण राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि जोधपुर-पाली स्थित औद्योगिक इकाइयों से निकला पानी शोधित करने के बाद ही नदियों में जाएगा।
विश्नोई प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा जोधपुर में रीको से जो प्रदूषित पानी निकलता है, उसके लिए सांगरिया में 20 एमएलडी का सीईटीपी लगाया गया है तथा वर्ष 2017 में 25 बीघा जमीन भी निःशुल्क आवंटित की गई है। इसके अतिरिक्त पाली में 3 सीईटीपी चालू है। जोधपुर में सीवरेज के लिए 3 ट्रीटमेंट प्लांट लगे हुये हैं तथा वासनी में एक प्लांट निर्माणाधीन है। उन्होंंने बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों का गंदा पानी साफ करके ही नदियों तथा खेतों मेें जाएगा।
इससे पहले विधायक मदन प्रजापत के मूूल प्रश्न के जवाब में विश्नोई ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जोधपुर, पाली की औद्यौगिक ईकाईयों से निकलने वाले रसायनयुक्त प्रदूषित पानी से जिला बाडमेर में (पीएचसी, अराबा व सीएचसी, कल्याणपुरा क्षेत्र में) बीमारियों के बढ़ने की कोई सूचना नही है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में दूषित पानी के फैलाव से पीड़ितों के लिए सीएसआर मद से पानी निकास हेतु पक्की कैनाल के निर्माण व गांवों के पानी निकासी तथा स्वास्थ्य संरक्षण हेतु कोई कार्य योजना पर्यावरण विभाग में विचारधीन नही है।