मेरठ, 23 मार्च।सीजीएसटी मेरठ टीम ने दिल्ली, मुरादाबाद ने 281 करोड रूपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के आरोप में तीन आरोपियों को गिरफतार किया गया है ।
मुख्य आयुक्त, मेरठ के अनुसार नकली जीएसटी इनवॉइस को उन फर्जी फर्मों/ कंपनियों की एक श्रृंखला के जरिये प्रसारित करने के बाद अन्य मौजूदा फर्मों को आईटीसी जारी किया गया जो वास्तव में मौजूद नहीं हैं। इन फर्म/ कंपनियों का परिचालन नई दिल्ली के रोहिणी सेक्टर- 6 के एक छोटे से जनता फ्लैट से किया जा रहा था।
जांच से पता चलता है कि अलग-अलग लोगों की आईडी का दुरुपयोग करके न केवल फर्जी फर्म और कंपनियां बनाई गईं बल्कि दूसरों से गैर-सक्रिय कंपनियों को खरीदने, निदेशकों के नाम बदलने और फर्जी जीएसटी बिल तैयार करने के उद्देश्य से इनका उपयोग किया गया।
एक विज्ञप्ति के अनुसार आरोपी प्रदीप कुमार (सरगना) और उसके सहयोगी मो. शमशाद और मो. सज्जाद ने समान ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर का उपयोग करते हुए समान पते पर कई जीएसटी पंजीकरण किए थे।
मेरठ, मुरादाबाद और दिल्ली में की गई तलाशी के दौरान कई रिकॉर्ड, 9.56 लाख रुपये की नकदी, कई फर्मों के फ्लेक्स बोर्ड, विभिन्न फर्मों/ कंपनियों के रबर स्टाम्प, डिजिटल सिग्नेचर डोंगल, अलग-अलग नाम वाले क्रेडिट/ डेबिट कार्ड, फोटोग्राफ, बैंक चेकबुक, पैन कार्ड आदि बरामद और जब्त किए गए हैं।
यह अपराध आरोपी प्रदीप कुमार और उनके सहयोगी मो. शमशाद एवं मो. सज्जाद द्वारा किया गया है। सज्जाद के खिलाफ सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 132 (1) (बी) एवं (सी) के तहत मामला दर्ज किया गया है जो धारा 132 (5) के तहत संज्ञेय एवं गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में आते हैं और यह उक्त कानून की धारा 132 (1) (i) के तहत दंडनीय है। तदनुसार, उपरोक्त 3 अभियुक्तों को 20.03.2020 को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 के तहत गिरफ्तार किया गया और मेरठ में आर्थिक अपराध न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। उन्हें विशेष सीजेएम, मेरठ के आदेश से 21.03.2020 को 14 दिनों के लिए न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। आगे की जांच चल रही है।