जयपुर, 29 फरवरी । राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (राजस्थान शाखा) के तत्वावधान में शनिवार को विधानसभा में आयोजित सेमिनार में राजस्थान के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश चन्द्र मेघवाल ने दलबदल कानून की भूमिका एवं जरूरत पर चर्चा की ।
उन्होने कहा कि दल बदलने से देश की राजनीतिक व्यवस्था में अस्थिरता बनी रही है। इस राजनीतिक प्रदूषण को दूर करने के लिए यह कानून लाया गया। उन्होंने कहा कि सदस्य को अयोग्य ठहराने की अंतिम ऑथोरिटी का निर्णय सामूहिक सोच के आधार पर होना चाहिए। लोकतंत्र को स्वस्थ एवं मजबूत रखने के लिए इसे संविधान के उद्देश्य की कसौटी पर कसना होगा। उन्होंने कहा कि दलबदल मतदाताओं के साथ धोखा है। मतदाता के निर्णय को उलटने की शक्ति किसी को भी नहीं होनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि हमारे देश में 72 साल के लोकतांत्रिक इतिहास में कई उतार-चढ़ाव के बावजूद जनता के फैसले को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए देश को सर्वोच्च मानते हुए विचार करना चाहिए।
सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यहां पीठासीन अधिकारियों की शक्ति पर पुनर्विचार की शुरुआत हुई है। इसके निष्कर्षों से हमारी व्यवस्था और लोकतंत्र मजबूत होगा