कोचिंग छात्रों के लिए राहत की खबर ,यूपी की बसे पहुंची कोटा ।


कोटा Kota , 17 अप्रैल । कोटा में फंसे उत्‍तरप्रदेश Uttar Pradeshके कोचिंग छात्रों को वापस लाने के लिए उत्तर प्रदेश से 250 बसेंं शुक्रवार को कोटा पहुंची।वहीं राजस्थान सरकार ने भी जरूरत पडने पर 100 बसे आरक्षित तैयार कर रखी है ।
 
 कोटा सांसद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस की वजह से लाकॅडाउन लागू होने के कारण कोटा में फंस गये कोचिंग छात्रों को पैतृक घर पहुंचाने के प्रयास शुरू किये थे ।


राजस्थान सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयास के बाद  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोटा में कोचिंग कर रहे उत्तर प्रदेश के छात्र जो अपनी इच्छा से अपने घर लौटना चाहते है उनको लाने के लिए आज 250 बसे कोटा भेजी है ।यह बसे कोटा पहुंच चुकी है ओर देर रात बच्चों को लेकर रवाना होगी ।
 
 कोटा जिला प्रशासन सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश से आकर यहां कोचिंग कर रहे जो छात्र लाक डाउन की वजह से यहां रह गये थे ओर घर नहीं लौट सके थे उन्हे लेने के लिए आज 250 बसे पहुंची है ।उन्होने बताया कि एक बस में अधिक से अधिक 30 बच्चे सवार होंगे ।


 
   सूत्रों ने बताया कि कोटा जिला प्रशासन ने भी 100 बसे नियत किए गए स्थानों पर खडी कर रखी है ताकि यदि बस कम हो तो तुरंत बस बच्चों को लेकर रवाना हो सके । बसों की कोई कमी नहीं है । हालाकि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी बसे कम होने की स्थिति में ओर बसे तुरंत भेजने की बात कही है ।
सूत्रों ने कहा कि आज कितने बच्चे उत्तर प्रदेश लौट रहे है उनकी संख्या फिलहाल नहीं बतायी जा सकती है , बसे रवाना होने के बाद ही अपने घर लौटने वाले बच्चों की संख्या सामने आयेगी ।जिला प्रशासन किसी भी कोचिंग बच्चे को जबरन नहीं भेज रहा है । जाने वाला बच्चा  स्वंय की इच्छा से ही घर जा रहा है  ।
  
 शैक्षणिक नगरी कोटा में कोरोना महामारी की प्राजिटीव रिपोर्ट आने के कारण इसका असर कोटा में मेडिकल व् इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे कोचिंग छात्रों पर भी देखने को मिल रहा है। 


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा में कोचिंग ले रहे छात्र जो लाकडाउन की वजह से फंस गये थे वापस अपने घर भेजे जाने की गुहार करने पर प्रसंज्ञान लेते हुए उत्तरप्रदेश सरकार से बात की। जिसका सकारात्मक परिणाम निकालकर सामने आया है । बसे पहुंचने के साथ ही उत्तर प्रदेश के  घर लौटने वाले छात्रों और अभिभावक खुश हो गए है ।


जानकार सूत्रों के अनुसार सोशल डिस्टैसिंग का पालन करते हुए एक बस में 25से 30 बच्चे ही बैठ कर जाएगें बच्चों को सम्बधित जगह छोड दिया जाएगा। हर बस में एक पुलिसवाले के साथ एक होमगार्ड की भी ड्यूटी लगाई है।  बच्चों एवं अन्य के खाने पीने के भी सभी इंतजाम किए गए हैं।
राजस्‍थान सरकार के स्तर पर लिए गए निर्णय पर जिला कलक्टर ओम कसेरा ने एडीएम प्रशासन नरेन्द्र गुप्ता को  समन्यवय अधिकारी बनाया गया। सम्पूर्ण व्यवस्था के प्रभारी एएसपी मुख्यालय राजेश मील को बनाया गया है।