मुख्यमंत्री ने कोटा से लाए गए विद्यार्थियों से बातचीत की ।


लखनऊ : 28 अप्रैल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कोटा से लाए गए विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षित और जागरूक होने के कारण वह सभी विद्यार्थी कोरोना वायरस कोविड-19 की वैश्विक महामारी की संवेदनशीलता से अच्छी तरह से परिचित हैं ।


आदित्यनाथ  ने कहा कि इस महामारी से बचाव के लिए जब तक कोई वैक्सीन अथवा उपचार हेतु कोई दवा नहीं तैयार कर ली जाती, तब तक इस पर नियंत्रण के लिए दो उपाय, लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग ही हैं ।


उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि घर वापस आने के पश्चात वह सभी 14 दिन होम क्वारंटीन में रहने के साथ ही लॉक डाउन के नियमों व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। 


मुख्यमंत्री  ने कहा कि सभी विद्यार्थी घर पर रहकर ही अपनी परीक्षाओं की तैयारी करें व शासन-प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें ।  राज्य सरकार का यह प्रयास भी है कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सेण्टर स्थापित किया जा सके, जिससे राज्य के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अन्य स्थानों पर जाने की आवश्यकता न हो।


मुख्यमंत्री  ने कहा कि लॉक डाउन के बाद ही प्रवासी श्रमिकों के आने का सिलसिला प्रारम्भ हो गया। इन्हें घर तक पहुंचाने व संस्थागत क्वारंटीन में रखना जरूरी था।


राज्य सरकार द्वारा इन 06 लाख से अधिक श्रमिकों को उनके जनपदों अथवा गांवों में ही क्वारंटीन/शेल्टर होम्स में रखा गया। इनके लिए भोजन, पेयजल, दवा आदि आवश्यक व्यवस्थाएं भी की गईं। वर्तमान में इनमें से किसी भी श्रमिक में कोई भी संक्रमण नहीं है। तमाम श्रमिकों ने अपना कोई न कोई कार्य भी प्रारम्भ कर दिया है ।


मुख्यमंत्री  ने कहा कि भारत सरकार व राजस्थान सरकार के साथ संवाद कर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए गए प्रदेश के विद्यार्थियों को भी वापस लाया गया है।


हरियाणा राज्य से प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों को भी वापस लाया गया है। अन्य राज्यों में प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए कार्यवाही की जा रही है । जनपद प्रयागराज में रह रहे विद्यार्थियों का भी स्वास्थ्य परीक्षण कर उनके घर पहुंचाने का कार्य हो रहा है