जयपुर, 25 अप्रैल, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीमें जो आम तौर पर स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्रो में जाकर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करती हैं, इन दिनों कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिये गांव-गाँव जाकर बाहर से आये लोगो की जांच कर परामर्श देने का काम कर रही हैं। टीम के सदस्य ग्रामीणों को घरों में ही रहने और कोविड19 से बचने के उपायों के बारे में भी बता रहे हैं।
प्रदेश के दक्षिणी और पश्चिमी जिलों में महाराष्ट्र, गुजरात, आन्ध्रप्रदेश, पंजाब आदि राज्यों से कई लोग लॉकडाउन के दौरान अपने गाँव पहुंचे है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के सदस्य इन्हें क्वारेनटीन में रहने के साथ ही इस दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बता रहे हैं। इसके अलावा कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल नजदीक के अस्पताल को सूचित करने के लिये कहा जा रहा है। अकेले राजसमंद जिले में इन टीमो ने अब तक विदेश और अन्य राज्यो से आये 4 हजार 436 लोगो के घर जाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया।
प्रदेश के हर जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीमें कोरोना के विरुद्ध जंग में अपने हिस्से की मदद कर रही हैं। प्रत्येक टीम में एक डॉक्टर, नर्स, और फार्मसिस्ट शामिल होता है। आम तौर पर एक ब्लॉक में दो-दो टीमें काम कर रही हैं। दूरदराज़ के इलाकों में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के सदस्यों द्वारा दी जा रही सेवाओं का कोरोना संक्रमण की रोकथाम में सराहनीय योगदान है। फाइल फोटो साभार गूगल