सीकर Sikar , 5 अप्रैल। कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर चिकित्सा विभाग मुश्तैदी के साथ जुटा हुआ है। स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घर घर जाकर आमजन को जागरूक किया जा रहा हैै। वहीं दूसरे राज्यों व जिलों से आने वाले लोगों की लगातार स्क्रीनिंग की जा रही है।
जिला कलेक्टर यज्ञ मित्र सिंह देव के निर्देशन में चिकित्सा विभाग की ओर से ब्लॉक व गांवों में कोरोना वायरस के संक्रमण के बारे में आमजन को जानकारी दी जा रही है। विदेशों से आए नागरिकों को घर में क्वारेन टाइन किया गया है। वहीं उनकी सेहत व उन पर नजर भी रखी जा रही है। विदेश से आए लोगों को 28 दिन तक घर पर ही रहने के लिए पाबंद किया गया है। देश से अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को भी घरों पर रहने के लिए पाबंद किया गया है। वहीं अन्य राज्यों से जिले में दाखिल होने वाले लोगों को सरकारी स्कूल, धर्मशाला में क्वारेन टाइन किया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय चौधरी ने बताया कि सीकर जिले के अब तक 187 सैम्पल लिए गए। इनमें से 181 की रिपोर्ट नगेटिव आई है। वहीं सीकर के मोहल्लो कुरैशियान के जयपुर एसएमएस में भर्ती किए गए व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी। 5 सैम्पल की रिपोर्ट प्रक्रियाधीन है। वहीं 11 जनों को चिकित्सा संस्थान के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है।
उन्होने कहा कि विभाग की ओर से अब तक 3 लाख 22 हजार 617 घरों का सर्वे कर 14 लाख 54 हजार 766 सदस्यों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इसके अलावा विभाग की ओर से 431 व्यक्तियों को संस्थागत क्वारेन टाइन वार्ड में भर्ती किया गया है। साथ ही 15 हजार 964 व्यक्तियों को होम क्वारेन टाइन किया गया है।
जमात में गए 265 जने संस्थागत क्वारेन टाइन में भर्ती
उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सीपी ओला व जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ विशाल सिंह ने बताया कि दिल्ली व अन्य शहरों में हुई जमात में शामिल होने वाले जिले के नागरिकों की संख्या बढकर 265 हो गई है। इन सभी की पहचान कर ली गई है। सभी 265 व्यक्तियों को संस्थागत क्वारेन टाइन किया गया है।
विभाग की ओर से संस्थागत क्वारेन टाइन किए गए लोगों की सेहत पर लगातार नजर रखी जा रही है। वहीं चिकित्सा विभाग की टीमों द्वारा प्रतिदिन उनके स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। जमात में शामिल होने वाले व्यक्तियों के बारे में विभाग की ओर से सूचना मिलते ही कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा विभाग की टीमें अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के साथ मदरसों व मस्जिद में ठहरे हुए लोगों की स्क्रीनिंग भी कर रही हैं।