डूंगरपुर के मूल निवासी डॉ विश्वास बने केरल राज्य के मुख्य सचिव

 



डूंगरपुर,28 मई । डूंगरपुर जिले में रियासत काल से ही शैक्षिक उन्नयन और उसके माध्यम से प्रतिभाओं का निखर कर आगे आना वागड़ अंचल की इस धरा का हुनर रहा है और इसी की बदौलत राष्ट्रीय से लगाकर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक राज परिवार के साथ साथ क्षेत्र की कई प्रतिभाओं ने अपना परचम फहराया है ।
    इस कडी में पुराने शहर की तंग गलियों में निवास करने वाले प्रितम और सविता मेहता परिवार में जन्मे डॉ विश्वास मेहता बुधवार को अपने गृह जिले व राज्य का नाम रोशन करते हुए केरल राज्य के मुख्य सचिव पद के लिए चुने गये है। वे आगामी 1 जून को कार्यभार ग्रहण करेंगे।


डॉ. विश्वास मेहता ने कक्षा पहली से आठ तक संत पैट्रिक स्कूल में अध्ययन के पश्चात अपने पिता के साथ चण्डीगढ़ चले गये जहां वे प्रोफेसर थे वहां रहते हुए उन्होने ज्योलॉजी में स्नातक, स्नातकोत्तर, एमबीए, मोहनलाल सुखाडिया सुर्निवसीटी से पीएचड़ी करने के पश्चात वर्ष 1983 में स्टील ऑथोरेटी ऑफ इण्डिय़ा इसके पश्चात ओएनजीसी में एज्युकेटिव ऑफिसर चयनित हुए ।
 डा मेहता ने ओएनजीसी में कार्य करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए तैयारियां की और इसी के तहत वे प्रथम चरण में 1985 में आईपीएस चुने गये और इसके पश्चात अगस्त 1986 में नवमी रेंक के साथ वागड़ के प्रथम भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में चयनित होते हुए केरल राज्य का केडर मिला।
 
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. हरिदेव जोशी के ज्येष्ठ पुत्र पूर्व न.पा. अध्यक्ष बांसवाड़ा दिनेश जोशी की पुत्री प्रीति के साथ विवाह बंधन में बंधने के पश्चात वागड़ के इस लाल ने क्षेत्र के नाम को लगातार गौरान्वित करते हुए आगे बढते गये। उदयपुर पश्चिम सांस्कृतिक केन्द्र के निर्देशक के रूप में रहते हुए उन्होने डूंगरपुर जिले में उसकी स्थापना को लेकर वागड महोत्सव का आगाज कराया था। 


डा मेहता इसके पश्चात जब यूपीए सरकार में स्वास्थ्य सचिव के रूप में भारत सरकार में रहते हुए जिले को जो मेडिकल कॉलेज मिला है, उसमे पूर्व सांसद ताराचन्द भगोरा के साथ डॉ. विश्वास मेहता की महत्ती भूमिका रही। जिन्होने तत्कालीन केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलामनबी आजाद से वागड अंचल को यह महत्ती सौगात दिलाने में अग्रणी भूमिका निभाई थी। 
डा मेहता ने हाल ही में केरल में विभिन्न पदों पर रहते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) के रूप में कार्य करते हुए कोविड-19 के तहत संक्रमण को रोकने के लिए उनके द्वारा किये गये प्रयासो ने न केवल केरल राज्य को इस महामारी से निजात दिला दी अपितु देश भर में उनके मॉडल को सराहा गया।