औद्योगिक इकाईयों में चहल पहल

 


जयपुर, 3 मई। कोरोना महामारी की वजह से साठ दिन से अधिक समय तक सूने पडी औद्योगिक इकाईयों में चहल पहल बढ गयी हेै ।
 


कोरोना महामारी के दौरान लगे कडे लाकॅडाउन के दौरान औद्योगिक इकाईयों पर ताले पडे थे और रात के अधियारे के समान साय साय हवाओं के बीच डर लगने लगा था । लेकिन अब तस्वीरे बदलने लगी है और औद्योगिक इकाईयों में ताबड तोड उत्पादन शुरू हो गया है ।


अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में हीरो मोटर्स ने 600 गाडि़या प्रतिदिन निर्माण आरंभ कर दिया हैं वहीं होण्डा गृु्रप में 200 दुपहिया व 100 चौपहिया कारों का प्रतिदिन उत्पादन शुरु हो गया है। 
 एमएसएमई इकाइयों द्वारा नवाचारों का प्रयोग करना राज्य के औद्योगिक परिदृष्य के लिए शुभ संकेत है वहीं कोटा, भीलवाड़ा, भरतपुर, भिवाड़ी, बीकानेर, चित्तोडगढ़, जोधपुर, जयपुर, अजमेर आदि की अधिकांश बड़ी इकाइयों ने उत्पादन शुरु कर दिया है। सीमेंट, टैक्सटाइल्स, पत्थर, आयल, फूड प्रोसेसिंग, फर्टिलाइजर, केमिकल, ग्लास सहित अनेक बड़ी इकाइयों में उत्पादन शुरु हो गया है।



रीको के प्रबंध संचालक  आशूतोष पेडनेकर ने बताया कि रीको औद्योगिक क्षेत्रों में 45 फीसदी इकाइयों ने 28 फीसदी श्रमिकों के साथ उत्पादन कार्य शुरु कर दिया है। उन्होंने रीको अधिकारियों को निर्देष दिए कि औद्योगिक इकाइयों को आत्म निर्भर भारत पैकेज, रिप्स पैकेज सहित, रीको व अन्य वित्तदायी संस्थाओं द्वारा जारी पैकेज की जानकारी और लाभ दिलाने में सहयोग करे।
उद्योग आयुक्त  मुक्तानन्द अग्रवाल ने राज्य में 80 प्रतिषत से अधिक 547 में से 440 वृहदाकार इकाइयों ने उत्पादन शुरु हो गया है। वहीं करीब 30 फीसदी एमएसएमई इकाइयां उत्पादन कार्य में लग गई है। उन्होंने बताया कि जापानी जोन में भी 45 में से 38 इकाइयांे में उत्पादन होने लगा है।


बैठक में जीएम डीआईसी व रीको अधिकारियांे ने श्रमिकों, लिक्विडिटी, बिजली की फिक्स रेट, किसान क्रेडिट कार्ड की तरह एमएसएमई क्रेडिट कार्ड, रिप्स में पुरानी यूनिटों की भी लाभ दिलाने जैसे सुझाव दिए।