संकटकाल में लीडर के लिए 5 सूत्र आवश्यक



जयपुर 12 जनवरी। प्रबंधन गुरु के नाम से प्रख्यात भारतीय प्रबंध संस्थान-इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ने संकटकालीन लीडर के लिए पांच सूत्र आवश्यक बताए हैं।

 उन्होंने कहा कि अच्छे लीडर में चतुराई, कूटनीति, अनासक्ति, निष्पक्षता और विवेक का समावेश होना जरूरी है। यह भी आवश्यक है कि लीडर खुद को इको चैम्बर में न रखे, भिन्न विचार वालों को भी सुने। उसमें अपनी निंदा सुनने का साहस भी होना चाहिए।

पत्रिका समूह की ओर से वर्चुअल माध्यम से सोमवार को पं. झाबरमल्ल शर्मा स्मृति व्याख्यान एवं सृजनात्मक साहित्य पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें प्रो. राय ने कोविड काल की चुनौतियों के तहत संकटकालीन नेतृत्व विषय पर व्याख्यान दिया। समारोह में पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी भी मौजूद रहे। इस मौके पर पत्रिका समूह के परिशिष्टों में 2020 में प्रकाशित कविता और कहानी की श्रेष्ठ रचनाओं के विजेताओं को सम्मानित भी किया। लीडर बनने से लेकर अच्छा लीडर होने और भविष्य में लोगों की स्मृतियों में बने रहने तक के सफर को जीवन्त तरीके से समझाया।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी को परिस्थिति ने लीडर बनाया, परिस्थिति नहीं होती तो वह लीडर नहीं बनते। उन्होंने गीता को लीडरशिप समझने का बेहतर माध्यम बताया। वहीं महाभारत में धृतराष्ट्र के सामने संजय की कमेंट्री को पत्रकारिता का ही रूप बताया। 

उन्होंने कहा कि पत्रकारों के लिए संप्रेषण महत्चपूर्ण है और संप्रेषण के लिए आवश्यक है कि संकटकालीन समय में हृदय, मन व बुद्धि साथ रहें। पत्रिका समूह के डिप्टी एडिटर भुवनेश जैन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि 2020 वर्ष जैसा रहा, वैसा वर्ष सदी में एक बार ही आता हैै। लेकिन पाठकों के प्रति धर्म ने पत्रिका को नया-नया करने की प्रेरणा दी। हर मौके पर हम आमजन के साथ खड़े नजर आए और कई  कीर्तिमान स्थापित किए। 


प्रो. राय ने पत्रिका की निष्पक्षता की मिसाल देते हुए कहा कि लोग पत्रिका को खास तौर पर निष्पक्षता के कारण ही पसंद करते हैं क्योंकि लोगों को विश्वास है कि इसमें कुछ आएगा तो दोनों पक्ष की बात अवश्य होगी।

समारोह के समापन पर डिप्टी एडिटर गोविंद चतुर्वेदी ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया व्याख्यानमाला में विभिन्न वर्गों के गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

 
 
इस मौके पर सृजनात्मक साहित्य पुरस्कारों के तहत पत्रिका में प्रकाशित कहानी 'जानना अभी बाकी है' के लिए सीकर के संदीप मील को कहानी वर्ग में पहला पुरस्कार और 'स्त्रियां और  रंग' कविता के लिए कोटा के रामनारायण मीणा 'हलधर' को कविता वर्ग में पहला पुरस्कार दिया गया। कहानी में दूसरा पुरस्कार जयपुर की पुष्पा गोस्वामी को उनकी कहानी 'अतीतजीवी' और कविता में दूसरा पुरस्कार दिल्ली के मैगसेसे अवॉर्ड विजेता अंशु गुप्ता को उनकी कविता 'एक बार रोका तो होताÓ के लिए दिया गया।