स्कूलों में स्थापित होंगे गांधी दर्शन काॅर्नर: मुख्यमंत्री




जयपुर, 30 जनवरी। मुख्यमंत्री  अशोक  गहलोत ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का व्यक्तित्व एवं उनकी जीवनी युवा पीढ़ी को प्रेरित करने वाली है। श

 आज के इस दौर में गांधी जी के सिद्धांत अधिक प्रासंगिक हो गए हैं। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा गांधी दर्शन  को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए उच्च माध्यमिक विद्यालयों में गांधी दर्शन   काॅर्नर स्थापित किए जाएंगे। इससे गांधी जी के विचारों को छात्रों तक पहंुचाने का उचित प्लेटफाॅर्म मिल सकेगा। 

गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से शहीद दिवस के अवसर पर आयोजित पावन स्मरणांजलि कार्यक्रम में वीडियो काॅंफ्रेेन्स के माध्यम से जय नारायण व्यास विष्वविद्यालय, जोधपुर में नव स्थापित वाइल्इ लाइफ रिसर्च एण्ड कन्जर्वेशन अवेयरनेस सेन्टर एवं गांधी अध्ययन केंद्र के नवीनीकृत कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सोच है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सत्य, अहिंसा एवं सत्याग्रह के विचारों को नई पीढ़ी तक पहुुंचाया जाए। ताकि हमारे युवा उनके जीवन दर्शन को आत्मसात कर सके। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी अध्ययन केंद्र गांधी जी के विचारों को युवाओं में प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। उन्होंने इस केन्द्र के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5 लाख रूपये देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी विष्वविद्यालयों में पहले से स्थापित गांधी अध्ययन केन्द्रों को फिर से शुरू किया जाएगा और जहां यह केन्द्र नहीं खुले हैं वहां खोले जाएंगे। उन्होंने अन्य विष्वविद्यालयों में भी गांधी अध्ययन केन्द्र खोलने पर राज्य सरकार की ओर से पूरा सहयोग देने का आष्वासन दिया। 

गहलोत ने कहा कि स्कूली पाठ्यक्रम में आजादी के आंदोलन में बापू के योगदान को प्राप्त स्थान दिया जा रहा है। उन्होंने युवाओं का आहवान किया कि वे गांधी जी के विचारों का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें। 

कार्यक्रम में प्रख्यात गांधीवादी विचारक डाॅ. एन. सुब्बा राव ने कहा कि आज भाषा, मजहब एवं क्षेत्र की दीवारें हर तरफ खड़ी हो गई हैं। ऐसे में मनुष्य जाति को आपस में जोड़े रखने के गांधी जी के विचार बहुत प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि सभी देषवासी मिलकर आज हिंसा मुक्त, बेरोजगारी एवं भूख मुक्त, नषा मुक्त तथा भ्रष्टाचार मुक्त गांधी जी के सपनों का भारत बनाने का प्रण लें।