जयपुर, 01 फरवरी। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने आज केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट राजस्थान की आशाओं के विपरीत और निराशाजनक रहा है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता ने भाजपानीत एनडीए के 25 सांसदों को चुनकर संसद में भेजा है, परन्तु वे राजस्थान के हितों को साधने में नाकाम रहे। उन्होंने कहा कि संसद में पेश बजट में राजस्थान की महत्वकांक्षी रेल योजनाओं भीलवाड़ा की मेमू कोच फैक्ट्री, रतलाम-डूंगरपुर वाया बांसवाड़ा रेल परियोजना, अजमेर-सवाईमाधोपुर वाया टोंक रेल परियोजना, मथुरा-गंगापुर सिटी वाया करौली रेल परियोजनाओं की प्रगति पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि यह बजट थोथी घोषणाओं और आंकड़ों को तोड़-मरोडकर पेश किया गया बजट है।
डोटासरा ने कहा कि राजस्थान विधानसभा चुनावों से पूर्व जयपुर स्थित अमरूदों के बाग में आयोजित भाजपा की रैली में स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ईस्टर्न कैनाल परियोजना से 13 जिलों को लाभान्वित किए जाने की घोषणा की गई थी परन्तु उसे भी केन्द्रीय बजट में कोई स्थान नहीं देते हुए राज्य परियोजना की श्रेणी से अलग रखा गया है।
उन्होंने कहा कि इस बजट में शिक्षा को लेकर कोई विजन नजर नहीं आ रहा है तथा ना ही विश्वविद्यालयों में शोध के लिए किसी प्रकार के प्रोत्साहन की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र बढ़ावा देने के स्थान पर इस बजट में पिछले वर्ष निवेश की गई राशि 39,161 करोड़ को घटाकर 34,200 करोड़ कर दिया गया है। साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा मिशन में भी केन्द्र सरकार द्वारा 12प्रतिशत की कटौती की गई है।
उन्होंने कहा कि जिन 100 सैनिक स्कूलों की घोषणा बजट में की गई है वो भी निजी सहभागिता के आधार से स्वप्न दिखाया है जबकि दूरदृष्टा प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गाँधी ने 1985 में नवोदय विद्यालयों की स्थापना कर देश के प्रतिभाशाली छात्रों के लिए प्रत्येक जिले में निरूशुल्क आवासीय विद्यालय स्थापित किए थे जिनसे निकली प्रतिभाएं देश के अलग-अलग हिस्सों में राष्ट्र को सशक्त बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। श्री डोटासरा ने कहा कि शिक्षा ना केवल मानव का समग्र विकास करती है अपितु एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण भी करती है।
डोटासरा ने कहा कि देश के दूरदृष्टि पूर्व नेताओं तथा आम लोगों के अथक परिश्रम से बने सार्वजनिक उपक्रमों को विनिवेश के नाम पर बेचने का प्रयास वर्तमान केन्द्र सरकार द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने राजकोषीय घाटे के नाम पर हवाई अड्डों, बंदरगाहों, रेलवे, बीएसएनएल, एमटीएनएल, एयर इण्डिया के बाद अब बिजली ट्रांसमिशन लाईन व वेयरहाऊसों को बेचने का फैसला किया है, जो इस देश की जनता के साथ विश्वासघात है। श्री डोटासरा ने कहा कि संसद में आज पेश बजट में मध्यम वर्ग की पूरी तरह से उपेक्षा की गई है। इन्कम टैक्स स्लैब में किसी प्रकार की छूट नहीं दी गई इसके विपरीत प्रोविडेन्ट फण्ड से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स का बोझ लाद कर मध्यम वर्ग की कमर तोडने का काम किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस बजट में मध्यम व निम्न वर्ग को मिलने वाली विभिन्न सब्सिडियों को घटाकर नगण्य कर दिया गया है, किसान सम्मान निधि का बार-बार जिक्र करने वाली केन्द्र सरकार ने उसमें 10 हजार करोड़ कटौती कर किसान के हितों पर कुठाराघात किया है। श्री डोटासरा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि हमारे प्रदेश के 25 सांसद यह बताएं कि, इस बजट में राजस्थान को क्या मिला?
डोटासरा ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है और आज पेश बजट देश की जनता का नहीं केवल मात्र चंद पूंजीपतियों का बजट है, जिसमें दशक की सबसे खराब अर्थव्यवस्था को सुधारने का कोई उपाय नहीं नजर आता। उन्होंने कहा कि बजट में बार-बार वैश्विक महामारी के कारण गिरती अर्थव्यवस्था का जिक्र किया गया लेकिन केन्द्र सरकार की गलत नीतियों, नोटबंदी व गलत तरीके से थोपी गई जीएसटी के कारण वित्तीय वर्ष 2018-19 से लगातार आठ तिमाही में दर्ज की गई गिरावट को नहीं बताया गया।
उन्होंने कहा कि देश की गिरती अर्थव्यवस्था को सम्बल देने वाले कृषि क्षेत्र के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किए गए है जो सरकार की ओच्छी मानसिकता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि कृषि के नाम पर मात्र कृषि सेस का ही जिक्र किया गया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार एमएसपी से लाभान्वित किसानों की संख्या 1 करोड़ 30 लाख बता रही है जबकि किसान सम्मान निधि में 16.50 करोड़ लघु व सीमान्त किसानों का जिक्र केन्द्र सरकार द्वारा किया गया है जिससे साफ प्रतीत होता है कि किसानों को राहत देने में सरकार असफल रही है।
डोटासरा ने कहा कि इस बजट में देश की युवा शक्ति के लिए रोजगार का कोई सृजन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई में कोई ग्रोथ नहीं नजर आ रही है और ना ही यह माँग पैदा करने वाला बजट है।
श्री डोटासरा ने कहा कि केन्द्र की यूपीए सरकार के दौरान जिस भाजपा ने एफडीआई का सडकों पर उतरकर विरोध किया था आज वही भाजपा विनिवेश के नाम पर एफडीआई को खुलकर आमंत्रित रही है। उन्होंने कहा कि बजट में बीमा क्षेत्र में 74 प्रतिशत एफडीआई की घोषणा वित्तमंत्री द्वारा की गई है जो इस क्षेत्र में हिन्दुस्तान के लोगों के भरोसे के साथ खिलवाड़ करने जैसा है, इस क्षेत्र ने अपने लाभांश से सदैव सरकारों का सहयोग किया है। उन्होंनें कहा कि ऋण के कारण डूबते यश बैंक में विनिवेश कर बीमा क्षेत्र ने ही निवेशकों का भरोसा जीता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ऐसे सार्वजनिक उपक्रम व दो अन्य सार्वजनिक बैंकों में 50 प्रतिशत से ज्यादा एफडीआई की घोषणा कर इनको पूंजीपतियों को बेचने की तैयारी कर रही है।