आवश्यक संसाधनों की पूर्ति हो। राजस्थान सरकार




नई दिल्ली 27 अप्रैल। राजस्थान के तीन मंत्रियों के समूह ने आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला केन्द्रीय मंत्रियों से वर्चुअली जुड कर   केन्द्र सरकार से राजस्थान को मिलने वाली ऑक्सीजन आपूर्ति के साथ उसके परिवहन के लिए टैंकरों की संख्या बढ़ाने तथा रेमडेसिविर इंजेक्शनों की आपूर्ति बढ़ाने की मांग रखी।

मंत्री समूह ने मंगलवार को सुबह लोकसभा स्पीकर 
ओम बिरला से उनके राजकीय आवास पर मुलाकात करके राजस्थान की वर्तमान कोविड-19 की स्थिति से अवगत करवाते हुए केंद्रीय सहयोग बढ़ाने का आग्रह किया।
 मुलाकात के दौरान ओम बिरला ने संबंधित केंद्रीय मंत्रियों और केंद्रीय अधिकारियों से फोन पर बात करके राजस्थान हो भरपूर सहयोग देने का निर्देश दिए।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोशिश से निपटने के लिए संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाने के लिए मंत्री समूह को आज विशेष विमान से दिल्ली भेजा था।

मंत्री समूह ने नई दिल्ली के राजस्थान हाउस से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री  पीयूष गोयल, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एवं स्वास्थ्य मंत्री  हर्षवर्धन और मनसुख मांडविया के साथ वर्चुअली जुड़कर राजस्थान की कोविड-19 के संक्रमण की वर्तमान स्थिति को विस्तार से रखा। 

वर्चुअल मीटिंग में मुख्य सचिव  निरंजन आर्य ने केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष प्रेजेंटेशन देकर बताया कि राज्य में जिस तरह से कोविड-19 के संक्रमण के केसेस बढ़ रहे हैं उससे राज्य की मेडिकल संरचना पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है इसीलिए ऑक्सीजन आपूर्ति, ऑक्सीजन परिवहन के लिए टैंकरों की संख्या बढ़ाने और जीवन रक्षक दवाइयों की आपूर्ति बढ़ाने में केंद्रीय सहयोग अति आवश्यक है।

 वर्चुअल मीटिंग के बाद स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश के लिए अच्छी बात यह रही कि केंद्रीय मंत्रियों ने हमारी बात तसल्ली से सुनी। बातचीत के दौरान मेडिकल आक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने, टैंकरों की संख्या बढ़ाने, रेमेडीशिविर, टॉसिलिजूमैब इंजेक्शन उपलब्ध करवाने की मांग रखी गई। 
उन्होंने कहा कि जिस तेजी से संक्रमण के केस बढ़े हैं उसी अनुपात में ऑक्सीजन और इससे संबंधित दवाइयों की मांग में भी अत्याधिक बढ़ोतरी होने के कारण इसकी किल्लत हो रही है। 

प्रदेश के सीमित संसाधनों से एक्टिव केस बढ़ने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है इसीलिए शीघ्रतिशीघ्र सहयोग अति आवश्यक है।