ध्यानयोगी उत्तम स्वामी बने पंच अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर




उदयपुर/बांसवाड़ा, 10 अप्रेल। देशभर में ध्यानयोगी के नाम से ख्यात उत्तम सेवा धाम बांसवाड़ा के उत्तम स्वामी महाराज को पंच अग्नि अखाड़े के महामण्डलेश्वर का गौरव प्रदान किया गया है। शनिवार को हरिद्वार में आयोजित पट्टाभिषेक समारोह में ध्यानयोगी उत्तम स्वामीजी को यह उपाधि अखाड़े के संत-महंतों ने सनातनी परंपरा के अनुसार प्रदान की।

 हरिद्वार महाकुंभ के पावन अवसर पर सनातनी अखाड़ा परिषद के प्राचीनतम एवं प्रतिष्ठित श्री पंचअग्नि अखाड़े के द्वारा श्री महामण्डलेश्वर की पदवी से अलंकृत किया गया। महामंडलेश्वर पद पर पट्टाभिषेक समारोह दौरान आचार्य महामंडलेश्वर, पंचों सहित कई संत महंतों ने उत्तम स्वामी महाराज को माला पहनाकर व शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन किया और उन्हें वैदिक ऋचाओं के पाठ के बीच परंपरागत अनुष्ठानों के माध्यम से अभिषेक किया गया।

पट्टाभिषेक समारोह में उत्तम स्वामी महाराज को पंच अग्नि अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर रामकृष्णानंदजी (अमरकंटक), सभापति महंत मुक्तानंद ब्रह्मचारी महाराज, महामंत्री महंत सोमेश्वरानंद महाराज, अग्निपीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि रामकृष्णानंद, सचिव संपूर्णानंद महाराज, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष  महंत नरेन्द्रगिरि, महामंडलेश्वर मां कनकेश्वरी देवी, द्वारिका सनातन सेवा मण्डल के केशवानंदजी महाराज,  संत हरिचेतानंद, चित्रकुट धाम के कृष्णानंदजी, संत प्रेमानंद, निलेश चेतनजी, उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मदन कौशिक, रामजन्मभूमि न्यास के महामंत्री चंपकराय, मुक्तानंद सहित 13 अखाड़ों के आचार्य, महामंडलेश्वर, संत-महंत और बड़ी संख्या में गुरुभक्त मौजूद थे। आश्रम के संत श्री रामबाबा के नेतृत्व में समस्त कार्यक्रमों की व्यवस्था की गई और बताया गया कि सार्वजनिक विशाल कार्यक्रम कोरोना काल के उपरांत किया जाएगा।


उत्तम स्वामी अब होंगे महामंडलेश्वर ईश्वरानंदजी:

 

ध्यानयोगी महर्षि उत्तम स्वामी महाराज को पंच अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान किए जाने के बाद अब इन्हें महामंडलेश्वर ईश्वरानंदजी के नाम से जाना जाएगा। उत्तम स्वामी महाराज के देश-विदेशों में लाखों अनुयायी हैं। 



  ध्यानयोगी महर्षि उत्तम स्वामी महाराज के प्रमुख आश्रम बांसवाड़ा, हरिद्वार, मध्यप्रदेश के सलकनपुर, लौहगांव (महाराष्ट्र), मंदसौर व उज्जैन में हैं। उत्तम स्वामी महाराज के सांनिध्य में राजस्थान सहित महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, असम, दिल्ली आदि राज्यों में हजारों गुरुभक्तों द्वारा वर्षभर निर्धन व असहाय विद्यार्थियों  को अध्यापन व अन्य सेवाकार्य और धार्मिक आयोजन किए जाते रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में पंच अग्नि अखाड़े में महामंडलेश्वर पद पर कैलाशानंदजी आरूढ़ थे जो गत दिनों निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर पद पर उनका पट्टाभिषेक हुआ था। कैलाशनंद के बाद अब उत्तम स्वामी महाराज को महामंडलेश्वर उपाधि से अलंकृत किया गया है।