कमलेश शर्मा को ‘होली’ पर पीएचडी उपाधि

बांसवाड़ा, 21 नवंबर। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, उदयपुर के उपनिदेशक कमलेश शर्मा को पेसिफिक विश्वविद्यालय,उदयपुर द्वारा गुरुवार को पीएचडी उपाधि प्रदान की गई है।


 शर्मा को यह उपाधि 'दक्षिणी राजस्थान के लोक-सांस्कृतिक पर्वों की महत्ता एवं जनजीवन पर प्रभाव: होली के विशेष संदर्भ में' विषय पर किए गए शोध के लिए दी गई है। 



 दक्षिण राजस्थान की होली पर किसी शोधार्थी द्वारा पहली बार शोध किया गया है। पहली बार दक्षिण राजस्थान की समस्त होली परंपराओं का शोधरूप दस्तावेजीकरण हुआ है और इससे इस अंचल की पंरपराओं के संरक्षण-संवर्धन के प्रयासों को गति मिलेगी। 


शोध में भारत व राजस्थान के विविध क्षेत्रों में होली पर्व की परंपराओं के साथ दक्षिण राजस्थान की 50 से अधिक परंपराओं पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए इनकी सांस्कृतिक महत्ता को उजागर किया गया है। इस शोध से दक्षिण राजस्थान की भौगोलिक-नैसर्गिक विविधता की भांति ही यहां के निवासियों द्वारा होली को मनाने की अनूठी परिपाटी, तमाम प्रकार की व्यस्तताओं को भूलकर पर्व त्यौहारों को पूरे उत्साह के साथ मनाने की रीति और लोगों के उदात्त व मनमौजी स्वभाव भी उद्घाटित हुआ है।


शोध में बताया गया है कि होली का पर्व न सिर्फ भारत में अपितु विश्व के कई देशों में मनाया जाता है। नेपाल, पाकिस्तान, बंगलादेश, श्रीलंका और मारिशस में जहां भारतीय पंरपरा अनुसार होली मनाई जाती है वहीं केरिबियाई देशों में 'फगुआ',थाईलेण्ड में सौंगक्रान, म्यामार में जलपर्व, हंगरी में ईस्टर, अफ्रीका में ओमेना वोंगा, पौलेंड में आर्सिना, अमरीका में मेडफो, चेेक व स्लोवॉक में बोलिया कोनेन्से, इटली में रेडिका त्यौहार, रोम में सेंटरनेविया, यूनान में मेपोल, ग्रीस में लव एपल होली, जापान में टेमोंजी ओकुरिबी, चीन में च्वेजे नामक त्यौहार होली सरीखे त्यौहार हैं। इसी प्रकार दक्षिण कोरिया में मड फेस्टिवल, ग्रीस के गैलेक्सीडी में हर साल होने वाला फ्लोर फेस्टिवल और स्पेन में एल्स एनफेरिनेट्स नाम से होली जैसे त्यौहारों का आयोजन किया जाता है।