मुम्बई, 27 अप्रेल। (माइंड प्लस) मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि विकसित राजस्थान के संकल्प को साकार करने के लिए राज्य सरकार पानी, ऊर्जा, रोजगार और औद्योगिक क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देते हुए समर्पित भाव से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इस संकल्प को साकार करने में 8 करोड़ प्रदेशवासियों की भागीदारी के साथ ही प्रवासी राजस्थानी भाई-बहनों की भी अहम भूमिका होगी।
सीएम शर्मा शनिवार को मुंबई में आयोजित कर्मभूमि से मातृभूमि कार्यक्रम में प्रवासी राजस्थानी समुदाय को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुझे अपनी देश-विदेश की विभिन्न यात्राओं के दौरान यह देखकर अत्यधिक प्रसन्नता हुई कि हमारे प्रवासी राजस्थानी अपनी कर्मभूमि के विकास में योगदान देने के साथ ही अपनी माटी से जुड़ाव रखते हुए राजस्थान को संवारने और समृद्ध बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी राजस्थानियों ने एक ऐसी ही पहल जल संचय के क्षेत्र में की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान में हमें भामाशाहों और प्रवासी भाई-बहनों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। इसके तहत राज्य में लगभग 45 हजार जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। यह अभियान वर्षा जल की एक-एक बूंद को सहेजकर न केवल जल उपलब्धता बढ़ाएगा बल्कि भूजल स्तर को बढ़ाने में भी मददगार बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने राजस्थान में पानी की पर्याप्त उपलब्धता के लिए कई कदम उठाए हैं। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में वर्षों से लंबित ईआरसीपी (राम जल सेतु लिंक परियोजना) से जुड़ा समझौता कर हमने इसके कार्य भी प्रारंभ कर दिए हैं। इसके साथ ही शेखावाटी के लिए महत्वपूर्ण यमुना जल समझौते को आगे बढ़ाकर हमने हरियाणा के साथ मिलकर टास्क फोर्स गठित कर दी है। उन्होंने कहा कि हथिनीकुंड बैराज से आवंटित यमुना जल से चूरू, झुंझुनूं एवं सीकर जिलों में पेयजल पहुंचाने के लिए डीपीआर बनाने का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है। इसके अतिरिक्त माही बेसिन में जल प्रबंधन के कई काम हाथ में लिए गए हैं। देवास जैसे प्रोजेक्ट्स भी धरातल पर उतर रहे हैं। साथ ही, नर्मदा के पानी से जालोर, सिरोही और बाड़मेर को और अधिक लाभ मिलें, इसके लिए भी हम काम कर रहे हैं।
शर्मा ने कहा कि इन परियोजनाओं के साथ ही राज्य सरकार द्वारा जल संग्रहण के लिए मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के माध्यम से 20 हजार गांवों में 5 लाख वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी प्रयासों के फलीभूत होने के बाद प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध होगा।