मुख्यमंत्री गहलोत के प्रेस कान्फेन्स के मुख्य बिन्दु

 


जयपुर, 19 नवम्बर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज मीडिया से बातचीत की । बातचीत ज्यो की त्यो है ।



गांधी परिवार ने दो प्रधानमंत्री खोये एक सिटिंग प्रधानमंत्री एवं एक पूर्व प्रधानमंत्रीआज भी गांधी परिवार हिट लिस्ट में है - • SPG ने चार बार (6 अगस्त, 2018, 6 नवम्बर 2018, 6 जून 2019 और 29 अगस्त 2019) पत्र लिखकर राहुल गांधी जी की सिक्योरिटी ग्रेट परसेप्शन के बारे में अवगत कराया। इनको खालिस्तान उग्रवादियों, नक्सलवाद छत्तीसगढ़ से वायनाड तक एक्टिव है, अलकायदा जैसे उग्रवादी संगठनों से जान को खतरा है। • महिने भर से ये खबर आ रही थी कि गांधी परिवार से SPG सिक्योरिटी को हटाया जायेगा, अपने आप में ये SPG प्रोटेक्टी की जान के साथ खिलवाड हैउस समय में भी मनमोहन सिंह जी ने 5 नवम्बर 2019 को केबीनेट सचिव को पत्र लिखा था। उसका भी कोई जवाब नहीं आया। SPG नहीं हटती तो राजीव जी बच सकते थे। जस्टिस जगदीश सारण वर्मा कमीशन ने भी इस बात को स्वीकाराएक सुप्रीम कोर्ट जज ने भी माना कि आईबी को राजीव गांधी हत्या की पूर्व जानकारी थी। ये जानकारी गृह मंत्रालय राज्यों तक पहुंचाने में नाकाम रहा। आज भी वही इतिहास दोहराया जा रहा है। इसकी भी जिम्मेदारी केन्द्र सरकार की होगी 


• इन्सानियत के नाते अटल जी की SPG सुरक्षा कायम रखी गयी, जबकि वे अस्वस्थ एवं राजनीति गतिविधियों से बिल्कुल दूर थे। • राजनैतिक सौहार्द की हत्या - जबकि राजीव गांधी ने अटल जी को ट्रीटमेन्ट हेतु अमेरिका भेजा। • CRPF ने SPG पर छापा मारा - एक सिक्योरिटी एजेन्सी के स्थान दूसरी सिक्योरिटी एजेन्सी को टेक ओवर हेतु समय दिया जाता है, लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं किया गया। • SPG पार्लियामेन्ट एक्ट द्वारा बनी हुई सिक्योरिटी एजेन्सी है। ये केबीनेट सचिव के अधीन होती है, लेकिन विड्रोल के आदेश गृह मंत्रालय द्वारा दिये गये। इतनी इमरजेन्सी क्या थी कि रातों-रात CRPF ने SPG को टेक-ओवर किया• मैंने वर्ष 2015 में दो पत्र तत्कालीन गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह को एवं एक पत्र प्रधानमंत्री श्री मोदी को। लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया। • आज श्री अमित शाह के गृह मंत्री बनते ही अचानक ये कार्यवाही क्यों की जा रही है। • अपने निकम्मेपन को छिपाने के लिये गांधी परिवार की सुरक्षा से खिलवाड़। उल्टी गिनती शुरू - महाराष्ट्र एवं हरियाणा में जनता द्वारा नकारे गये। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए सत्ता का दुरूपयोग • सबसे पुराने सहयोगी शिवसेना को इनसे अपने MLA बचाने के लिये उन्हें होटल में रूकना पड़ रहा है। • गिरती हुई अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी से मोदीजी की छवि को नुकसान पहुंच रहा है• इन सब मुददों से ध्यान भटकाने के लिये ये नये-नये हथकण्डे अपना रहे हैं। कभी धारा 370, जब मन चाहा सर्जिकल स्ट्राइक, अब प्रमुख विपक्षी दलों पर ओछी मानसिकता रखना• अब जनता समझ चुकी है और इनकी उल्टी गिनती शुरू हो चुकी हैकांग्रेस के महाराष्ट्र के विधायक राजस्थान में - • ये प्रथा बीजेपी ने चलाई। झारखण्ड के एम.एल.ए. राजस्थान में आये• मणिपुर, गोवा, कर्नाटका हमारे सामने उदाहरण हैं। • महाराष्ट्र में इनके सहयोगी पार्टी शिवसेना के विधायक ही सुरक्षित नहीं. जनता को सब दिख रहा है। जनता इन्तजार कर रही है। करारा जवाब मिलेगा।