जयपुर Jaipur , 31 जनवरी। आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने मंडल के सभी कार्यालयों में निर्माण स्वीकृत बढ़ाने सम्बंधी लम्बित प्रार्थना पत्रों और मांग पत्रों का निस्तारण 28 फरवरी, 2020 तक आवश्यक रूप से करने के निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने बताया कि मण्डल की विभिन्न योजनाओं में आवंटित आवासीय, व्यावसायिक, संस्थानिक भूखण्ड, प्लिंथ स्तर और स्केल्टन आवासों पर भौतिक कब्जा सुपुर्दगी की तिथी से 8 वर्ष की अवधि तक निर्माण कार्य पूर्ण नहीं करने वाले आवंटियों से आवंटन लागत पर 1 प्रतिशत प्रतिषत वार्षिक दर से प्रशासनिक शुल्क वसूलते हुए, ऐसे आवंटियों को निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु दो वर्ष का समय दिया जावेगा। ऐसे प्रकरणों की स्वीकृति के लिए संबंधित उप आवासन आयुक्त सक्षम होंगे।
उन्होंने बताया कि भौतिक कब्जा सुपुर्दगी की तिथी से 10 वर्ष से अधिक की अवधि में निर्माण कार्य पूर्ण नहीं करने वाले आवंटियों से आवंटन लागत पर प्रथम 8 वर्ष के लिए 1 प्रतिशत वार्षिक तथा शेष अवधि के लिए 2 प्रतिशत वार्षिक दर से प्रशासनिक शुल्क वसूलते हुए, ऐसे आवंटियों को निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु दो वर्ष का समय दिया जायेगा। ऐसे प्रकरणों की स्वीकृति के लिए आवासन आयुक्त सक्षम होंगे।
अरोड़ा ने बताया कि संस्थागत भूखण्डों के आवंटियों द्वारा भौतिक कब्जा सुपुर्दगी की तिथी से दो वर्ष की नियत अवधि में अथवा आवंटन पत्र में वर्णित अवधि में निर्माण कार्य पूर्ण नहीं करने पर आवंटन के समय प्रभावी संस्थानिक भूखण्डों की आरक्षित दर का 2 प्रतिषत प्रतिवर्ष की दर से विलम्बित अवधि के लिए प्रशासनिक शुल्क वसूल करते हुए आगामी 5 वर्ष तक निर्माण की अवधि आवासन आयुक्त द्वारा बढाई जावेगी। बढ़ी हुई अवधि में भी निर्माण कार्य पूर्ण नहीं करने पर, आवंटन निरस्तीकरण संबंधी कार्यवाही की जावेगी। सभी प्रकरणों में समयावधि अभिवृद्धि संबंधी स्वीकृति पत्र में अनुमति जारी होने की तिथि से गणना करते हुए, कार्य पूर्ण करने की अंतिम तिथि भी अंकित की जावेगी। प्रशासनिक शुल्क की राषि मासिक आधार पर आनुपातिक रूप से वसूलनीय होगी एवं इसकी गणना अधूरे माह को पूरा माह मानते हुए की जावेगी।