गलता जी Galta Ji:जयपुरJaipur :12 जनवरी ।उत्तर भारत की प्रमुख श्री वैष्णव पीठ में पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य जी महाराज के कर कमलों द्वारा किया गया संत शिरोमणि नाभादास जी के कैलेण्डर का विमोचन।
युवराज स्वामी राघवेन्द्र ने बताया कि श्री गलता पीठ के तत्वावधान में संत शिरोमणि नाभादास सेवा समिति द्वारा किये गए कार्यक्रम में संत शिरोमणि नाभादास जी के कैलेण्डर का विमोचन गलतापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य जी महाराज के कर कमलों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर गलतापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य जी महाराज ने अपने कालक्षेप में बताया कि नाभादास जी भक्त और भक्ति की प्रतिमूर्ति थे। भक्तिकाल का ज्ञान आमजन तक पहुँचाने में संत नाभादास जी प्रमुख भूमिका रही है।
महाराज जी ने बताया कि श्री गलता गादी के द्वितीय आचार्य श्री कील्हदेवाचार्य जी को अपनी दक्षिण भारत की यात्रा के मध्य जन्मांध श्री नाभादास जी मिले, जिन्हें जल छिड़ककर नेत्र देने के पश्चात नाभादास जी को उनके स्वयं के आग्रह पर श्री कील्हदेव जी श्री गलता जी में लेकर आये। श्री नाभादास जी ने अपना पूरा जीवन श्री गलता तीर्थ में ही व्यतीत किया व विश्व प्रसिद्ध 'भक्तमाल' की रचना यहां रहकर की । महाराज जी ने ये भी बताया कि जब सन्त तुलसीदास जी श्री गलता जी आये तो नाभादास जी के भक्ति भाव से प्रसन्न होकर 3 वर्ष तक यहाँ प्रवास किया व रामचरितमानस के अयोध्या काण्ड की रचना श्री गलता जी में की।
कार्यक्रम में गिरधर गोपाल सिंह सिसोदिया, प्रेम सिंह कछांवा सहित क्षत्रिय दमामी राजपूत समाज के पदाधिकारीगण, कार्यकर्ता व सदस्य उपस्थित रहे। सभी लोगों ने गलतापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य जी महाराज व युवराज स्वामी राघवेन्द्र का मालाओं व शॉल से सम्मान किया व महाराज जी का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर सभी भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की।