नई पीढ़ी सजगता के साथ करे सोशल मीडिया का उपयोग: मुख्यमंत्री


 
 जयपुरJaipur , 10 जनवरी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के दुरूपयोग पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह एक क्रांति है, लेकिन दुख की बात है कि इसका उपयोग दूषित विचारधारा को थोप कर युवा पीढ़ी को गुमराह करने में भी किया जा रहा है। नई पीढ़ी पूरी सजगता एवं रचनात्मक सोच के साथ सोशल मीडिया को अपनाए। 
  गहलोत गुरूवार को बिड़ला सभागार में कायस्थ जनरल सभाKayastha General Shabha के जनसेवा अभियान एवं वार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित कर रहे थे। कायस्थ जनरल सभा की ओर से इस अवसर पर  गहलोत का ईडब्ल्यूएस आरक्षण की जटिलताएं दूर करने के लिए अभिनंदन किया गया। 
 मुख्यमंत्री ने कहा कि कायस्थ समाज कलम का धनी है। इस समाज ने स्वतंत्रता संग्राम और देश के निर्माण से लेकर सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि सभी समाज मिलकर देश एवं प्रदेश के हित में एकजुटता के साथ भागीदारी निभाएं। उन्होंने कहा कि हमंे हमारे गौरवशाली इतिहास को नई पीढ़ी तक पहुंचाना चाहिए।
 गहलोत ने कहा कि सेवा के संकल्प के साथ ही मैं तीसरी बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बना हूं। प्रदेश की सेवा ही मेरा एकमात्र एजेंडा है। मेरा धर्म यही है कि 36 की 36 कौम की समर्पित भाव से सेवा करूं। यही मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी पूंजी है। 
 पूर्व केन्द्रीय मंत्री  सुबोध कान्त सहाय ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने हमें जो रास्ता दिखाया है हमें उस पर चलकर देश के पिछड़े समाजों की आवाज बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज ने अपने कर्म के माध्यम से देश सेवा में अहम योगदान दिया है।
 राज्य विधानसभा में मुख्य सचेतक डाॅ. महेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत सही मायने में गांधीवादी विचारधारा के साथ प्रदेश को आगे बढ़ा रहे हैं।  कायस्थ जनरल सभा के अध्यक्ष  अनूप भरतरिया ने कहा कि कायस्थ समाज अन्य समाजों के साथ जुड़कर जनसेवा के कार्याें में भागीदारी निभा रहा है। 
 इस अवसर पर समाज के जनसेवा अभियान के तहत वंचित लोगों की सहायतार्थ विभिन्न सामग्री से भरे ट्रक को मुख्यमंत्री ने झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम में कायस्थ समाज की महान विभूतियों के योगदान पर आधारित लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। सभा के कार्यकारी अध्यक्ष  अवध बिहारी माथुर ने स्वागत उद्बोधन दिया। 
 समारोह में परिवहन मंत्री  प्रताप सिंह खाचरियावास, विभिन्न समाजों के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में कायस्थ समाज के लोग उपस्थित थे।