जयपुर, 20 फरवरी। केन्द्रीय पशुपालन एंव डेयरी सचिव अतुल चतुर्वेदी ने प्रदेश के पशुपालन, डेयरी, गोपालन, आर.सी.डी.एफ एंव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर विभाग के अधिकारियों के साथ गुरूवार को शासन सचिवालय मे समीक्षात्मक बैठक ली।
बैठक में पशुपालन डेयरी एवं मत्स्य विभाग के शासन सचिव, डॉ. राजेश शर्मा, द्वारा राज्य में उपरोक्त विभागों द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के संचालन एवं राज्य में हुई प्रगति के संबंध मे विस्तार से चर्चा की।
सचिव, पशुपालन एवं डेयरी ने किसान क्रेडिट कार्ड के बारे में बताया कि पशुपालक पशुपालन एवं डेयरी गतिविधियों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड में लिमिट बढवा सकते हैं। साथ ही जिन पशुपालकों के पास किसान के्रडिट कार्ड नहीं है वो भी पशुपालन गतिविधियों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड बनवा सकते हैं। इसके लिए निर्धारित प्रपत्र को भरकर बैंक में जमा कराना होगा। इस संबंध में उन्होंन विभाग को निर्देश दिये कि सभी जिलों को किसान क्रेडिट कार्ड के लक्ष्य आवंटित कर उन्हे पशुपालकों से तत्काल भरवाना सुनिश्चित करावें।
बैठक में उन्होने बताया की राज्य में भेड़, बकरी, सूअर एवं पोल्ट्री विकास की अपार संभावना है। केन्द्र सरकार द्वारा इस संंबंध में योजनाएं बन रही है और इन को एक उद्यमिता के रूप में विकसित करने का सरकार का मानस है।
शासन सचिव, पशुपालन राजस्थान ने पशुपालन की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्ती भूमिका के दृष्टिगत भारत सरकार से आवारा पशुओं के नियंत्रण तथा दुग्ध उत्पादन में बढावा दिये जाने के लिए र्सोटेड सीमन की प्रयोगशाला राज्य मे स्थापित करने के साथ- साथ टीका उत्पादन ईकाई, रोग निदान प्रयोगशालाओं, बहुउद्देशीय पशुचिकित्सालयों व पशु फार्मों के सुदृढ़ीकरण, ऊष्ट्र विकास, पशु विपणन में वृद्वि के लिए राज्य स्तरीय पशु मेलोें के विकास तथा डेयरी संयंत्रो की प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने के लिए नवीनीकरण के लिये भारत सरकार के स्तर से सहायता दिये जाने का आग्रह किया।
बैठक में सचिव, भारत सरकार ने राज्य को पूर्ण सहयोग प्रदान करने का आश्वासन देते हुये निर्देश दिये कि राज्य में भारत सरकार के सहयोग से चल रही विभिन्न योजनाओं में प्राप्त राशि को समय पर उपयोग कर पशुपालकों की आय मे बढोतरी के पूर्ण प्रयास सुनिश्चित किये जावें।