बैमौसम बारिश ,प्याज हुई मंहगी ।


नई दिल्ली New Delhi , 20 फरवरी । केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना ने भारत को खाद्यान्न उत्पादन में अधिशेष क्षमता प्राप्त करने में मदद की है।
तोमर ने कल  यहां मृदा स्वास्थ्य कार्ड (एसएचसी) दिवस पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मृदा स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण है।


उन्होंने कहा कि मौसम की अनिश्चितताएं देश के सामने एक नई चुनौती पेश कर रही हैं। पिछले साल बेमौसम बरसात के कारण ही प्याज की कीमतों में उछाल आया था। कृषि वैज्ञानिक लगातार इस संबंध में समाधान खोजने में लगे हुए हैं। 
 तोमर ने कहा, “हमारी योजनाओं को केवल फाइलों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि किसानों को इसका लाभ मिलना चाहिए। मुझे दृढ़ विश्वास है कि हमारे किसान, कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से और मिट्टी के विश्लेषण से इस चुनौती को पार पा सकेंगे। पांच साल पहले इस योजना के शुरू होने के बाद से दो चरणों में 11 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड (एसएचसी) जारी किए गए हैं। सरकार आदर्श ग्राम की तर्ज पर मृदा परीक्षण प्रयोगशाला (एसटीएल) स्थापित करने के प्रयास कर रही है। अभी भी इस दिशा में बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।”


 तोमर ने बताया कि इस योजना के तहत दो साल के अंतराल में सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किए जाते हैं। इन कार्डों में मृदा के स्वास्थ्य की स्थिति और महत्वपूर्ण फसलों के लिए मृदा परीक्षण आधारित पोषक तत्वों की सिफारिशें शामिल होती हैं। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि उर्वरकों के कुशल उपयोग और कृषि आय में सुधार के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सिफारिशों को अपनाएं।


 तोमर ने कहा कि सरकार जल्द ही देश को तेल बीजों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए तिलहन मिशन शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में दालों की कमी के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दालों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया और आज भारत ने दालों में भी आत्मनिर्भरता प्राप्त कर ली है।