छोटे तथा मझौले किसानों की उत्पादकता बढ़ाने पर फोकस करे:उपराष्ट्रपति 

 



   नई दिल्ली New Delhi, 14 फरवरी । उपराष्ट्रपति  एम. वेंकैया नायडू ने वैज्ञानिक समुदाय से छोटे और मझौले किसानों की उत्पादकता बढ़ाने पर बल देने को कहा है। उन्होंने कहा कि छोटे और मझौले किसान सबसे कमजोर हैं और उनके कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।


      उपराष्ट्रपति आज नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के 58वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने हरित क्रांति के बाद के चरण में संस्थान की शानदार उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि 1950-51 के दौरान देश का खाद्य उत्पादन 50.82 मिलियन टन था जो 2018-19 में 283.37 मिलियन टन हो गया है।


      उपराष्ट्रपति ने कहा कि आईएआरआई जैसे संस्थानों को किसानों के जीवन में सुधार लाने के लिए टेक्नोलॉजी में आई प्रगति का उपयोग करना चाहिए तथा अपने अनुसंधान को खेतों तक पहुंचाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे संस्थानों को वैज्ञानिक प्रगति तथा कृषि में नवाचार के माध्यम से देश की सेवा करनी चाहिए।
      कुपोषण तथा प्रच्छन्न भूख की मौजूदगी पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में 80 प्रतिशत से अधिक किशोर प्रच्छन्न भूख से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि इस समस्या को युद्ध स्तर पर निपटाना जाना चाहिए, क्योंकि युवा देश की रीढ़ हैं।


      कुपोषण को गंभीर स्वास्थ्य समस्या बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि कुपोषण के कारण विभिन्न रोगों का संदेह होता है। उन्होंने गैर-संक्रमणकारी बीमारियों पर चिंता व्यक्त की और युवाओं को निष्क्रिय जीवन शैली तथा जंक फूड छोड़ने की सलाह दी।