राजकोषीय घाटा 3.8 प्रतिशत और 2020-21 (बजटीय अनुमान) में 3.5 प्रतिशत रहा


नई दिल्ली, 1 फरवरी । केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्‍त वर्ष 2020-21 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने और निवेशों को बढ़ावा देने के लिए मजबूत वित्तीय प्रबंधन की दिशा में सरकार की वचनबद्धता दोहराई।


      वित्त मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान 3.8 प्रतिशत रहा है, जबकि वर्ष 2020-21 में मध्यावधि वित्तीय नीति एवं रणनीति विवरण के एक अंग के रूप में दीर्घकालीन स्थिरता को प्राप्त करने की सरकार की वचनबद्धता के साथ वित्तीय वर्ष 2020-21 में राजकोषीय घाटा का बजटीय अनुमान 3.5 प्रतिशत रहा है।


      लक्षित वित्तीय आंकड़ों की विश्वसनीयता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के क्रम में उन्होंने सदन को विश्वास दिलाया कि इस मामले में एफआरबीएम अधिनियम के अनुरूप कार्य प्रणालियों को अपनाया गया।


      उन्होंने कहा कि उभरती हुई सामाजिक आर्थिक आवश्यकताओं और सार्वजनिक संसाधनों के अधिकतम उपयोग के लिए केन्द्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं और केन्द्रीय क्षेत्र की योजनाओं की समीक्षा की आवश्यकता है।


      वित्त मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए पूंजीगत व्यय में 21 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव दिया। बजट में दीर्घकालिक अत्यधिक आवश्यकता वाली वित्तीय कंपनियों के बुनियादी ढांचे को विशेष निधि के रूप में 22,000 करोड़ रुपये की घोषणा की गई।


 


निम्नलिखित सारणी अनुमानित आंकड़ों को प्रदर्शित करती है-


 


2019-20 संशोधित अनुमान (लाख करोड़ रुपये)


                                                                               2020-21 बजट अनुमान (लाख करोड़ रुपये)


पावतियां


19.32                                                                             22.46


व्यय


26.99                                                                               30.42


शुद्ध बाजार उधारी


4.99                                                                                     5.36


 


      उपलब्ध रूझानों के आधार पर वर्ष 2020-21 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की अनुमानित 10 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान भी बजट में लगाया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने हाल ही में निवेश को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कर सुधारों को अंजाम दिया है।


      सहकारी संघवाद की भावना को मजबूत करने के महत्व पर बल देते हुए श्रीमती निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि महत्वपूर्ण उपाय के रूप में 15वें वित्त आयोग की प्रथम रिपोर्ट की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया है।