राजस्थान के बजट में कर प्रस्ताव


जयपुर, 20 फरवरी । राजस्थान विधान सभा में आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से पेश किये गये बजट में कर प्रस्ताव इस प्रकार है ।


कर प्रस्ताव पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग : राज्य सरकार, स्थानीय निकायों, राजकीय संस्थाओं द्वारा जारी पट्टों पर स्टाम्प ड्यूटी की गणना, सम्पत्ति के बाजार मूल्य (DLC) के स्थान पर, पट्टों पर वसूल की गई राशि पर की जायेगी। स्टाम्प ड्यूटी की रियायत से वंचित बीमार सूक्ष्म एवं लघु इकाइयों को सम्पत्तियों के हस्तांतरण के दस्तावेजों पर स्टाम्प ड्यूटी में पूर्ण छूट एवं पंजीयन शुल्क में रियायत दी जायेगी तथा नीलामी में विक्रय पर स्टाम्प ड्यूटी की गणना नीलामी राशि पर की जायेगी• नीमराना, भिवाड़ी, अलवर आदि की भूमियों, विशेषकर ग्रुप हाउसिंग योजनाओं की DLC दरों में विसंगतियाँ दूर की जायेगी। लम्बित स्टाम्प प्रकरणों का निस्तारण करने के लिए एमनेस्टी योजना लाकर ब्याज व शास्ति पर शत-प्रतिशत छूट दी जायेगीउद्योगों की सुगमता के लिए भूमि की वर्तमान DLC को 10 प्रतिशत घटाकर स्टाम्प ड्यूटी की दर केवल 1 प्रतिशत बढ़ाई जायेंगी। वर्ष 2020-21 में भी DLC दरें नहीं बढ़ाई जायेंगी। नेशनल ई-गवर्नेस सर्विसेज लिमिटेड (NeSL) के पोर्टल पर ऑनलाईन निष्पादित वाले ऋण दस्तावेजों पर स्टॉक होल्डिंग कार्पोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड के माध्यम ऑनलाईन स्टाम्प ड्यूटी जमा कराने की सुविधा दी जायेगी। स्टाम्प ड्यूटी की गणना एवं वसूली के लिए राज्य में निष्पादित दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिए एक माह तथा राज्य के बाहर निष्पादित दस्तावेजों के लिए तीन माह की अवधि निर्धारित की जायेगीभूमि कर (Land Tax) प्रावधानों का सरलीकरण तथा भूमिकर की दरों को तर्कसंगत करके भुगतान की प्रक्रिया को सरल व पारदर्शी बनाया जायेगा।


• बैंकों एवं वित्तीय संस्थाओं द्वारा निष्पादित ऋण दस्तावेजों पर एकमुश्त अग्रिम स्टाम्प ड्यूटी के भुगतान की सुविधा दी जायेगीभारतीय स्टाम्प अधिनियम में Securities Instruments पर स्टाम की एक समान दर व राज्यों में वितरण की व्यवस्था के समान प्रावधान राजस्थान स्टाम्प अधिनियम में भी किए जायेंगे। • दस्तावेज की वास्तविक श्रेणी छिपाकर स्टाम्प ड्यूटी की अपवंचना रोकने के लिए कलक्टर (मुद्रांक) को सिविल कोर्ट की शक्तियां प्रदान की जायेंगीवाणिज्यिक कर विभाग : • GST ऑडिट प्राधिकरण एवं बिजनेस इंटेलीजेंस यूनिट का गठन किया जायेगाकरदाताओं के हित में वाणिज्यिक कर विभाग का समग्र पुनर्गठन किया जायेगा। प्रशासनिक ढांचे में एकरूपता लाने के लिए वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों के पदनाम भारत सरकार के अधिकारियों के समकक्ष किये जायेगेजीएसटी के अंतर्गत माल परिवहन में सुगमता लाने एवं आर्थिक अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु राज्य के मुख्य मार्गों पर Radio Frequency Identification Device (RFID) व Automatic Number Plate Recognition (ANPR) नेटवर्क पर आधारित पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जायेगा। शुरू किया जायेगा। उपनिवेशन विभाग : • उपनिवेशन क्षेत्रों के सभी श्रेणियों के आवंटियों को कृषि भूमि आवंटन के पेटे दिनांक 31 दिसम्बर, 2020 तक, इस तिथि तक की समस्त बकाया किश्तें जमा कराये जाने पर (i) ब्याज में 50 प्रतिशत छूट प्रदान की जायेगी एवं (ii) बाकी बची हुई किश्तें एकमुश्त जमा कराये जाने पर उपर्युक्त ब्याज में शत-प्रतिशत छूट प्रदान की जायेगीनगरीय विकास, आवासन व राजस्व विभाग : स्टेडियम, खेल मैदान एवं क्रीडा संकुलों के निर्माण में निजी संस्थाओं के निवेश को बढ़ावा देने के लिये कृषि से अकृषि प्रयोजनार्थ भूमि आवंटन एवं नियमन हेतु निर्धारित प्रीमियम दरों, भू–उपयोग परिवर्तन शुल्क एवं भवन निर्माण अनुज्ञा शुल्क में शत-प्रतिशत छूट दी जायेगी।


परिवहन विभाग : उप-नगरीय मार्गों की सभी तीन दूरी आधारित श्रेणियों में मोटर वाहन कर की दर में 50 रूपये प्रति सीट प्रतिमाह की कमी• कॉन्ट्रेक्ट कैरिज बसों की बैठक क्षमता आधारित दो श्रेणियों में मोटर वाहन कर की दर में 100 रूपये प्रति सीट प्रतिमाह की कमी। दो नगरपालिकाओं के मध्य स्थित मार्ग जिसकी दूरी 10 किमी. से अधिक नहीं हो पर संचालित वाहनों के मोटर वाहन कर की दर में 100 रूपये प्रतिसीट प्रतिमाह तक सीमित रखा जानाऔद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ संविदा यान के रूप में संचालित बैठक क्षमता 23 से 32 तक के वाहनों पर आरोपित मोटर वाहन कर में रूपये 14,000/- के स्थान पर 10,000/रूपये रखा जाना। Construction Equipment Vehicle एवं Vehicle Fitted with Equipment पर देय एकबारीय कर में समानीकरण करते हुये कर की दर को चैसिस के रूप में क्रय करने पर 8.5 प्रतिशत के स्थान पर 10 प्रतिशत एवं पूर्णतया निर्मित बॉडी के रूप में क्रय करने पर 7 प्रतिशत के स्थान पर 8 प्रतिशत किया जाना। निजी श्रेणी में पंजीकृत वाहनों के व्यावसायिक उपयोग किये जाने पर समान प्रकार के व्यावसायिक वाहन पर देय एकबारीय कर की राशि को 10 प्रतिशत को बढाकर 25 प्रतिशत किया जाना। खान एवं पैट्रोलियम विभाग : • 'राज्य खनिज अन्वेषण न्यास' का गठन किया जायेगा। उत्खनित खनिज एवं रॉयल्टी की गणना हेतु IT व ड्रोन आदि आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जायेगाउपरोक्त कर प्रस्तावों में कोई भी नया कर नहीं लगाया जा रहा है तथा कर प्रस्तावों से लगभग 130 करोड़ रुपये से अधिक की राहत दी गई है