चंडीगढ़, 13 अप्रैल- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से औद्योगिक व आर्थिक गतिविधियां शुरू होंगी।
मुख्यमंत्री ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से 2 घंटे बातचीत के दौरान हरियाणा आज कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के लोगों को संबोधित कर रहे थे ।
उन्होने कहा कि चरणबद्ध तरीके से औद्योगिक व आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के लिए हॉटस्पॉट वाले गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल और नूंह जिलों को रेड जोन में तथा जिन जिलों में कोरोना संभावित संक्रमित मामले के लोगों को क्वारंटीन में रखा गया है, उन को ऑरेंज जोन और जहां पर कोरोना का कोई भी मरीज नहीं मिला है, उन्हें ग्रीन जोन में रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश में सामाजिक संस्थाएं जिस नि:स्वार्थ भाव से समाज सेवा कर रही हैं, वैसी नि:स्वार्थ भाव की सेवा विदेशों में देखने को नहीं मिलेगी। उन्होंने हरियाणा में कार्य कर रही लगभग 30 हजार सामाजिक संस्थाओं से अपील की है कि वे वैश्विक कोरोना महामारी से लडऩे के लिएआगे आएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी से अमेरिका जैसे विकसित देश भी अछूते नहीं रहे। वहां पर बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हुई है और लाखों लोग संक्रमित हैं। भारत के लोगों में सामाजिक सेवा की भावना है और अब हम इस महामारी के दूसरे चरण में हैं जो सेफ जोन है। इसका तीसरा चरण सामुदायिक संक्रमण का है, जिससे हमें हर हाल में बचना है और इस महामारी को दूसरे चरण पर ही रोक कर खत्म करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न सामाजिक संगठनों के सहयोग से सभी जिला प्रशासन द्वारा 90 लाख खाने के पैकेट तथा 4 लाख 80 हजार सूखे राशन के पैकेट जरूरतमंदों को बांटे गए हैं। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोग सरकार का सहयोग दें, इसके लिए हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड बनाया गया है। इसमें अब तक लगभग 150 करोड़ रुपये का योगदान हो गया है, जिसमें 70 करोड़ रुपये सरकारी कर्मचारियों द्वारा और 75 करोड़ रुपये का अन्य लोगों द्वारा दिया गया योगदान शामिल है। इसी प्रकार, वर्तमान विधायकों ने अपने एक महीने के वेतन के साथ-साथ एक साल तक सैलरी का 30 प्रतिशत तथा पूर्व विधायकों द्वारा एक महीने की पेंशन इस फंड में देने का वायदा किया है। अन्य पेंशनभोगियों ने भी सहयोग की पेशकश की है।
मुख्यमंत्री ने अपील की है कि यह एक यज्ञ है और यज्ञ में आहुति डालने से ही पुण्य की प्राप्ति होती है। उन्होंने सामाजिक संस्थाओं से आग्रह किया कि वे अपनी-अपनी संस्था से जुड़े लोगों की जानकारी जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाएं, वे स्वयं व्यक्तिगत रूप से भी सामाजिक संस्थाओं के सदस्यों को सहयोग के लिए पत्र लिखेंगे।