डिप्रेशन में हैं कोचिंग छात्र


कोटा Kota , 17 अप्रैल ।कोरोना वायरस की महामारी के कारण देशभर में लागू लाकॅडाउन की वजह से  शैक्षणिक नगरी के नाम से ख्यातनाम कोटा शहर के कोचिंग संस्थानों के छात्र ​तनाव की स्थिति से गुजर रहे है ।
  लाकडाउन की वजह से कोटा शहर के कोचिंग संस्थान बन्द होने की वजह से क्लास नही लग रही। लाकडाउन की अचानक घोषणा होने के कारण सैकेडो छात्र अपने पैतृक स्थानों के लिए रवाना नहीं हो सके जिसकी वजह से यह स्टूडेंट कोटा में फंस गए है । कोटा में फंसे  छात्रों की न तो कक्षाएं लग रही है और ना ही अपने घरजा पा रहे। ऐसे में स्टूडेंट्स डिप्रेशन में है। 


कोटा में फंसे कोचिंग छात्रों से बातचीत में यह तथ्य सामने आये कि मोटी भारी फीस लेने वाले कोचिंग संस्थान जब कोटा में फंसे छात्रों को खुशनामा माहौल देकर अपना कर्ज उतार सकते थे लेकिन इन कोचिंग संस्थानों में से अधिकांश ने तो स्टूडेंट्स से  मुंह  ही फेर लिया है । 


मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए हर साल सैकेडों छात्र राजस्थान सहित देश भर से कोटा आते है। बहुमंजिला अत्याधुनिक इमारतों में संचालित कोचिंग संस्थानों में एडमिशन के बाद पढाई का इतना अधिक दवाब बना दिया ​जाता है जिसकी वजह से छात्र भारी दवाब में आ जाते है ।
हालाकि केन्द्र और राज्य सरकार की सख्ती की वजह से छात्रों को पढ़ाई के तनाव से दूर रखने के लिए कोचिंग संस्थान साल भर में कुछ मौकों पर आयोजन भी करते है लेकिन यह समुद्र में एक गिलास पानी की तरह होते है ।


कोटा के दो नामी गिरामी कोचिंग संस्थान के कोटा में रूके छात्रों के बारे में जानकारी चाहने के लिए सम्पर्क साधा लेकिन इन दोनों ने फोन तक उठाना मुनासिब नहीं समझा । शहर में कोरोना पॉजिटिव के मामले आने के बाद स्टूडेंट्स के परिजन विचलित है । अभिभावक कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों को बच्चों की कुशलता जानने के लिए फोन कर रहे है लेकिन यह प्रतिनिधि अधिकाश अभिभावकों के फोन तक रिसीव नहीं कर रहे है ।


कोचिंंग संस्थानों में अध्ययन कर रहे जो स्टूडेंट कोटा में हे वह प्रशासन से गुहार लगाकर घर तक पहुचाने की मदद  मांग रहे हे। लेकिन समस्या ज्यो की त्यों बनी हुई है । काफी छात्रों ने भारत सरकार और राज्य सरकार के अधिकृत हेल्प लाइन नम्बरों और  ट्विटर पर मदद मांगने के सन्देश छोडे है लेकिन जवाब की प्रतीक्षा कर रहे है ।


हॉस्टल में रहकर नीट की तैयारी कर रहे छात्र हर्ष दुबे ने बताया कि जब से लॉकडाउन हुआ है पढ़ाई में मन नहीं लग रहा। पहले 10 से 12 घंटे पढ़ाई होती थी लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद एक या 2 घंटे ऑनलाइन पढ़ाई करनी पड़ रही है ।प्रशासन को स्टूडेंट  की समस्या को समझते हुए घर पहुंचाने की उचित व्यवस्था करनी चाहिए।


रुचिता धाकड़ ने बताया कि कोटा में कई छात्र-छात्राएं फंसे हुए हैं। माता-पिता चिंतित हो रहे हैं। नेट की तैयारी रितेश मंगल ने बताया कि लॉक डाउन से पहले जिन स्टूडेंट्स के पेरेंट्स उन्हें लेने यहां आए थे वह भी कोटा में फंस गए हैं। 


बिहार निवासी श्रुति ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण परीक्षाएं रद्द हो चुकी है। लॉकडाउन होने से कोचिंग संस्थान बंद है जिससे रेगुलर स्टडी नहीं हो पा रही। दिनभर खाली रहने से दिमाग पर मेंटली प्रेशर बन रहा है। ऐसे माहौल में रह पाना मुश्किल है, समय रहते सरकार को कदम उठाना चाइये और यहां फंस बच्चो को घर भेजने की व्यवस्था करवानी चाहिए।


मोशन इंस्टिट्यूट के संस्थापक नितिन विजय ने कहा कि हमारी प्रशासन से इस बारे में बातचीत हुई है उनके जवाब की प्रतीक्षा है ।



जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कल मीडिया से कहा  कोचिंग कर रहे कई छात्र कोटा में हैं। इनमे कई स्टूडेंट्स अन्य राज्यो से है,इन छात्रों की डिटेल के लिए कोचिंग संस्थानों से जानकारी जुटाई जा रही है। इस मामले में राज्य सरकार के निर्देशानुसार कार्य किया जा रहा है।


फाइल फोटो साभार गूगल ।