बूंदी , 27 अप्रैल ।वैश्विक महामारी कोरोना से बचने के लिए जहां एक ओर लॉकडाउन के दौरान लोगों को घरों में ही रहने का संदेश दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों के लिए मनरेगा आजीविका का साधन बन रही है।
गांवों में जॉब कार्ड धारक श्रमिक परिवारों को मनरेगा में मजदूरी मिल रही है। प्रदेश का बूंदी जिला कोरोना के विरुद्ध लड़ी जा रही लड़ाई में ऐसी ही एक मिसाल पेश कर रहा है।
जिले में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की ओर से संचालित मनरेगा में काम की मांग करने वाले जॉबकार्डधारी श्रमिक परिवारों को नियमानुसार रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरलीधर प्रतिहार ने बताया कि जिले की 181 ग्राम पंचायतों में 18 हजार 40 श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है। उन्होंने बताया कि श्रमिकों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए सभी एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं।
श्रमिकों को ग्रुप में नियोजित करने के स्थान पर उचित दूरी रखते हुए अलग-अलग कार्य आवंटित किए जा रहे हैं ताकि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेन्सिंग बनी रह सके। साथ ही विकास अधिकारियों को सभी श्रमिकों को मास्क लगाकर ही कार्य करवाने के निर्देश दिए गए हैं।