जयपुर Jaipur , 6 अप्रैल। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत Chief Minister Ashok Gehlot ने स्वास्थ्य तथा प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जयपुर के रामगंज क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर काम करें।
उन्होने कहा कि इस क्षेत्र में संक्रमण की स्थिति नाजुक है और वायरस के सामुदायिक प्रसार (कम्युनिटी स्प्रेडिंग) को रोकने के लिए आपात योजना (मास्टर प्लानिंग) लागू करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर, जोधपुर चुरू, टोंक, झुन्झुनूं आदि जिलों में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसके लिए तुरन्त सैम्पल कलेक्शन और टेस्टिंग की गति बढ़ाने की जरूरत है। मौके पर ही रेन्डम टेस्ट के लिए सैम्पल की सुविधा हो
गहलोत ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर नियमित वीडियो काॅन्फ्रेंस में कहा कि जयपुर में भीलवाड़ा की तर्ज पर बड़ी संख्या में संदिग्ध लोगों को आइसोलेट करना होगा। इसके लिए तयशुदा प्राटोकोल के अनुसार शहर में स्थित विभिन्न शिक्षा संस्थानों आदि की चिन्हित होस्टल सुविधाओं का उपयोग करें।
उन्होंने कहा कि रामगंज में घर-घर सर्वे और पीसीआर टेस्टिंग सहित जांच की सुविधाएं बढ़ाई जाएं, ताकि मौके पर ही रेन्डम टेस्ट के लिए सैम्पल लिये जा सकें।
स्वास्थ्य कर्मियों की कार्यस्थल तक आवाजाही को भी न्यूनतम करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर के जिन क्षेत्रों में कोरोना के पाॅजिटिव मामले सामने आए हैं वहां लोगों की आवाजाही को तुरन्त और अधिक सख्ती से रोकने की आवश्यकता है। शहर के दूसरे हिस्सों में भी केवल अतिआवश्यक सेवाओं से जुड़े व्यक्ति ही अपने घरे से बाहर निकलें। उन्होंने शहर में स्वास्थ्य कर्मियों की अपने घर से कार्यस्थल तक आवाजाही को भी नियंत्रित कर न्यूनतम करने का सुझाव दिया और कहा कि हर व्यक्ति घर से बाहर निकलने पर एहतियात के तौर पर मुंह एवं नाक को हमेशा कपड़े अथवा मास्क से ढक कर रखें।
धर्मगुरू लाउडस्पीकर, पर्चे, वीडियो संदेश आदि जारी कर प्रेरित करें
गहलोत ने कहा कि राजस्थान में संक्रमण फैलने की तेज गति सभी के लिए एक चुनौती है। हमें सामूहिक रूप से ऐसे प्रयास करने हैं कि लोगों के जीवन पर आसन्न खतरे को जल्द से जल्द टाला जा सके। इसके लिए आमजन को स्वास्थ्य कर्मियों एवं प्रशासन का सहयोग करना होगा। मानवता की रक्षा के लिए धर्मगुरूओं, मौलवियों, जनप्रतिनिधियों और समुदाय के वरिष्ठ लोगों का कर्तव्य है कि वे लाउडस्पीकर, पर्चे, वीडियो संदेश आदि जारी कर आम लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों का सहयोग करने और उन्हें स्वास्थ्य एवं यात्रा संबंधी सही जानकारी देने के लिए प्रेरित करें।
जीवन बचाने के लिए 15 दिन का आइसोलेशन आवश्यक
मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन को इस वायरस के संक्रमण के बारे में शिक्षित करने के दौरान हमें लोगों को यह बताना होगा कि धार्मिक अनुष्ठान, पूजा या नमाज के लिए भी इक्ठ्ठा नहीं हांे और सामाजिक दूरी के अनुशासन का पालन करें। उन्होंने कहा कि क्वारंटाइन में जाने वाले संदिग्ध व्यक्तियों को यह समझाना होगा कि जीवन बचाने के लिए 15 दिन का आइसोलेशन आवश्यक है। इस संकट के समय में सभी समाज के लोग एक-दूसरे का सहयोग करें और साथ मिलकर लड़ें।
बुजुर्गों को छोटे बच्चों का लाड-प्यार छोड़ना होगा
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि बड़े परिवारों में बुजुर्गों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए छोटे बच्चों का मोह और लाड-प्यार थोड़े समय के लिए छोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस सांस से जुड़ी तकलीफंे पैदा करता है और वृद्धजनों की दूसरी बीमारियों के खतरों को कई गुना बढ़ा देता है। ऐसे में बुजुर्गांे को परिवार के अंदर आइसोलेट करने के साथ-साथ छोटे बच्चों के साथ उनके भावनात्मक संबंधों को भी कुछ समय के लिए छोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए परिवार के सदस्यों की समझ बढ़ानी होगी।