नई दिल्ली New Delhi , 1 अप्रेल । पेंशन क्षेत्र का नियामक, पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए)Pension sector regulator, Pension Fund Regulatory and Development Authority (PFRDA)ने 'आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष' (पीएम केयर्स फंड) में कर्मचारियों के वेतन का एक हिस्सा योगदान करने का संकल्प लिया है।
अन्य सरकारी संस्थानों, उद्योगपतियों, जानी-मानी हस्तियों और व्यक्तियों के समान ही, पीएफआरडीए के कर्मचारियों ने अपने वेतन का एक हिस्सा योगदान करने का फैसला किया है और पीएफआरडीए, भारत में इस महामारी के खिलाफ सरकार द्वारा लड़ी जा रही लड़ाई में सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
पीएफआरडीए के चेयरमैन, श्री सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने कहा, “यह सबसे चुनौतीपूर्ण समय में से एक है जिसका सामना आज हमारा देश कर रहा है। इस समय जो सबसे ज्यादा मायने रखता है, वह कोरोनावायरस (कोविड-19) के खिलाफ लड़ाई में जिम्मेदारी को हर संभव तरीके से साझा करना है। पीएफआरडीए इस महामारी की स्थिति के प्रति संवेदनशील है और इस संकट से निपटने में योगदान करना चाहता है।”
पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए), संसद की एक अधिनियम द्वारा स्थापित, वैधानिक प्राधिकरण है, जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) और पेंशन योजनाओं को विनियमित करने, बढ़ावा देने और उसके क्रमिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए है, जिन पर यह अधिनियम लागू होता है। शुरूआत में एनपीएस को 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद सेवा में शामिल हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए अधिसूचित किया गया था और बाद में उसे लगभग सभी राज्य सरकारों द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए अपनाया गया। एनपीएस को स्वैच्छिक आधार पर सभी भारतीय नागरिकों (निवासी/अनिवासी/विदेशी) और कारपोरेट जगत के कर्मचारियों के लिए बढ़ाया गया।
31 मार्च 2020 तक, एनपीएस और अटल पेंशन योजना के अतर्गत ग्राहकों की कुल संख्या 3.45 करोड़ के पार हो गई है और एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 4,17,478 करोड़ रुपये हो गया है। 68 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को एनपीएस के अंतर्गत नामांकित किया गया है और 22 लाख ग्राहकों ने निजी क्षेत्र में एनपीएस की सदस्यता प्राप्त की है, जिसमें 7,568 संस्थाएं कॉरपोरेट के रूप में पंजीकृत हैं। वर्तमान समय में, 2.11 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ता सरकार की गारंटी पेंशन योजना - अटल पेंशन योजना के अंतर्गत आते हैं।