प्रवासी मज़दूरों और जायरिनों को भी घर भिजवाये सरकार ।


जयपुर Jaipur ,18 अप्रेल । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanathद्वारा कोटा के कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत छात्र जो अचानक लागू किए गए लाकॅ डाउन की वजह से अपने घर नहीं लौट सके उन्हे कोटा से कल विशेष बसों से उत्तर प्रदेश लाने के बाद प्रवासी मजदूरों और अजमेर दरगाह में फंसे जायरिनों को घर वापसी की मांग उठ चली है ।


 


    जन संगठनों  ने आज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot को ज्ञापन भेज कर कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे उत्तरप्रदेश के छात्रों को उनके घर भिजवाने की तर्ज पर  लॉकडाउन के कारण प्रवासी मज़दूरों को घर भेजने की व्यवस्था  करने और अजमेर दरगाह में फंसे हुए जायरीन को घर भिजवाने के लिए स्पेशल ट्रेन या  अन्य व्यवस्था करवाने  की मांग् की  हैं ।



जन संगठन के बैनर तले PUCL पीयूसीएल राजस्थान की कविता श्रीवास्तवKavita Srivastava ने मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में कहा है कि जिस प्रकार कोटा में विभिन्न कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे उत्तरप्रदेश के छात्रों को उनके घर भिजवाने की व्यवस्था उत्तरप्रदेश सरकार, केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अनुमति देकर की गई है और सभी राज्यों के मजदूरों को छोड दिया गया है यह बहुत ही भेदभावपूर्ण है और गरीबों के साथ भद्दा मजाक किया गया है ।


 


ज्ञापन में कहा गया है कि  प्रवासी मजदूर विभिन्न राज्यों में फंसे हुए हैं और कोटा के अलावा भी अन्य कई जिलों में छात्र है उन सभी को भी उनके घर तक पहुँचाया जाये. इसलिए इस सम्बन्ध में हमारा आपसे निवेदन है कि आप तुरंत केन्द्रीय गृह मंत्रालय को कड़ा पत्र लिखें और उसमें गरीब और अमीर का भेदभाव केंद्र और उत्तरप्रदेश सरकार कर रही है जिसे बांध किया जाये।


 
 पीयूसीएल ने ज्ञापन में कहा कि 15 और 17 अप्रेल को आपके द्वारा: मुख्यमंत्री : मीडिया को दिये गए वक्तव्य सराहनीय था जिसमें ख़ास तौर से प्रवासी मजदूरों को अपने घर पहुँचाने की बात को लेकर आपके द्वारा चिंता प्रकट की गयी। 
   


पीयूसीएल ने मुख्यमंत्री की बात का समर्थन करते हुए कहा कि हमारा भी मानना है कि प्रदेश के लाखों प्रवासी मजदूर घर जाना चाहते हैं। इनमे से सिर्फ जयपुर में ही कुछ 4.5 लाख होंगे जो सीतापुरा, नाहरी का नाका, विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र आदि व अनेक कच्ची बस्ती में रह रहे हैं, आपके ही सरकारी आंकड़े कहते हैं की 18,000 मजदूर तो वो हैं जो प्रदेश के विभिन्न शेल्टर होम में 30 मार्च से रह रहे हैं अधिकांश प्रवासी मजदूर घर जाने के लिए बहुत ही व्याकुल हैं क्योंकि लॉकडाउन में उन्हें घर से दूर बन्दियों जैसा जीवन जीना पड़ रहा है। सरकार द्वारा दिया जा रहा पका.पकाया भोजन  रोजाना की जरुरत पूरी नही कर सकता और सूखा राशन भी बहुत कम लोगों तक ही पहुँच पा रहा है। सूखे राशन की मात्रा भी बहुत कम है।



पीयूसीएल ने ज्ञापन मं कहा है कि  बड़ा समूह जिसमें चार हजार से अधिक जायरीन हैं जो अजमेर में ख्वाज़ा साहब की दरगाह की ज़ियारत करने आये थे अचानक घोषित लॉकडाउन तथा बस व ट्रेन सुविधा बन्द हो जाने के कारण दरगाह क्षेत्र में विगत दो सप्ताह से भी अधिक समय से फंसे हुए हैं। ये ज़ायरीन उत्तरदेश, बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र आदि राज्यों से आए हुए हैं। इन सभी का पूर्ण विवरण मोबाइल फ़ोन सहित दरगाह कमिटी द्वारा बनाया गया है व जिला कलेक्टर को दिया गया है।


 


ज्ञापन में कहा गया है कि ये ज़ायरीन दरगाह  क्षेत्र में स्थित होटल, गेस्ट हाउस या खादिमो के घर पर रह रहे हैं। इनमे से अधिकांश के पास धनराशि समाप्त हो गयी है और वे दानदाताओ के सहारे जीवन यापन कर रहे हैं। इतने दिन बीत जाने के बाद उनके पास होटल आदि का किराया चुकाने की क्षमता भी नही है और ना ही जिनके घरों में रह रहे हैं अब वहां और लम्बा रह सकते हैं क्योंकि इस वक्त कोई भी किसी और का आर्थिक बोझा लेने की क्षमता नहीं रखता। इनकी विकट परिस्थितियों को देखते हुए अब जब लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया है और ये तब तक जारी रहेगा इसको मद्देनज़र रखते हुए इन लोगों को अपने घर भेजा जाना जरुरी है।


पीयूसीएल समेत जन संगठनों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अनुरोध किया है कि   प्रधानमन्त्री व रेलमंत्री  से वार्ता कर जो मजदूर घर जाना चाहते हैं और जो जायरीन फंसे हुए हैं उनके लिए सम्पूर्ण स्वास्थ्य जांच व सोशल दूरी की प्रक्रिया अपनाते हुए स्पेशल ट्रेन चलवाकर उन्हें घर भिजवाने की व्यवस्था कराये ।


 


  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार Bihar Chief Minister Nitish Kumar ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर राजनीतिक हमला बोलेते हुए कल रात कहा था कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कोटा में फंसे छात्रों को लाने के लिए उत्तर प्रदेश से बसे भेजकर उत्तर प्रदेश लाना, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी Prime Minister Narendra Modi द्वारा लागू किए गए लाकॅडाउन के दिशा निर्देशों का मजाक था , क्यों कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि जो जहां है वो वहीं रहे ।