घाटे से किसानो को उबारे सरकार


जयपुर, 21 मई, जयपुर 21 मई । किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने सरकार से घाटे से किसानो को उबारने की मांग की है ।


जाट ने कहा कि   भारत सरकार के कृषि एवं लागत एवं मूल्य आयोग को देश के किसानो की ओर से किसान महापंचायत द्वारा दलहन एवं तिलहन उपजों की दाने-दाने की खरीद ग्रामस्तर पर वर्ष भर करने के लिए सुझाव प्रेषित किये है ।


 जाट ने कहा कि सुझावों में “प्रधानमंत्री आय संरक्षण अभियान” (पी.एम. आशा) में कुल उत्पादन में से 75% उत्पादन की खरीद को वंचित रखने के प्रावधान को समाप्त करने की मांग है अभी योजना में दलहन एवं तिलहन के कुल उत्पाद में से मात्र 25% ही खरीद का प्रावधान है, जिससे इन उपजों के उत्पादको को 75% उत्पादन न्यनतम समर्थन मल्य से कम दामों पर बाजार में बेचने को विवश होना पड़ रहा है । इस कारण से किसानो को चने पर 1000 रुपये तथा सरसों पर 500 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक का घाटा उठाना पड़ रहा है यानि किसानो को उनके उत्पादों की लागत भी प्राप्त नहीं हो रही है ।


 


रामपाल जाट ने कहा कि ज्ञात रहे कि कृषि लागत एवं मूल्य आयोग रबी एवं खरीफ के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारण के पर्व किसान प्रतिनिधियों के साथ छमाही बैठक करता है इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण ऐसी बैठक संभव नहीं होने से मेल भेजकर सुझाव आमंत्रित किये है ।उसी क्रम में सुझाव प्रेषित किये गए है इन सुझावों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए स्थायी तंत्र तैयार करने, प्राकृतिक आपदाओं से फसलें नष्ट होने पर 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर सहायता राशि देने, केंद्र के बजट घोषणा की पालना में कृषि उपजों की सम्पूर्ण लागत (सी-2) का डेढ़ गुना मूल्य निर्धारण करने, बेसहारा पशु एवं जंगली जानवरों से होने वाली क्षति को रोकने एवं क्षति की पूर्ति करने, राजस्थान की ग्वार, मोठ, जीरा, धनिया, ग्वारपाठा, ईसबगोल, अरंडी सहित सभी उपजों को न्यूनतम समर्थन की परिधि में लेने, औसत उचित गुणवत्ता के लिए पारदर्शी-उत्तरदायी व्यवस्था बनाने, सम्पर्ण खरीद की गारंटी जैसे महत्वपर्ण कारको के लिए “किसानो की सुनिश्चित आय एवं मूल्य का अधिकार विधेयक-2012 के प्रारूप के आधार पर कानून बनाने का उल्लेख किया है इससे केंद्र सरकार की आय केन्द्रित नीति के अनुरूप 2022 तक किसानो की आय दोगुनी करने का संकल्प पूरा हो सकेगा ।