क्वारंटीन हमारा टाॅप एजेण्डा, विधायकों की बड़ी भूमिका -मुख्यमंत्री



जयपुर, 12 मई। मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत ने कहा कि देश के अन्य राज्यों से लाखों की तादाद में लोग राजस्थान लौट रहे हैं, ऐसे में गांवों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए क्वारेंटीन हमारा टाॅप एजेंडा रहेगा। इसमें जिला प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों खासकर विधायकों की बड़ी भूमिका रहेगी। वे इसे चुनौती के रूप में लें और हमारे प्रदेश को सुरक्षित रखने का दायित्व निभाएं।


गहलोत कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में सभी को साथ लेकर चलने तथा सभी पार्टियों के जनप्रतिनिधियों से संवाद की कड़ी में मंगलवार को जयपुर और अजमेर संभाग के सांसदों एवं विधायकोें से वीडियो काॅन्फें्रसिंग के जरिए चर्चा कर रहे थे। दो दिन तक कुल 21 घंटे तक यह मंथन चला। इस दौरान लगभग सभी जनप्रतिनिधियों ने अतिरिक्त गेहूं के आवंटन, पेयजल समस्याओं, सभी प्रकार की दुकानों को खुलवाने, मजदूरों के शीघ्र एवं सुगम आवागमन, मनरेगा की तर्ज पर शहरी क्षेत्र में रोजगार योजना शुरू करने जैसे सुझाव प्रमुख रूप से दिए।
 


मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वारेंटीन के लिए कलेक्टरों के साथ जिला स्तरीय अधिकारियों, उपखंड अधिकारियों एवं बीएलओ को विशेष जिम्मेदारी दी गई है ताकि ग्राम स्तर तक बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित हो सकें। शहरों से कोरोना गांवों में नहीं फैले, इसके लिए क्वारेंटीन व्यवस्था का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है। विधायकों को भी इसमें ध्यान देना होगा। क्वारेंटीन व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए कलेक्टरों को अनटाइड फण्ड में और राशि दी जाएगी। 


 मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण किसी जाति, धर्म अथवा दलगत राजनीति के दायरे को नहीं देखता। उन्होंने कहा कि सभी को साथ में लेकर हम प्रदेश में इस वायरस को हराने में जरूर कामयाब होंगे। राज्य सरकार ने कोविड-19 से मुकाबले में किसी तरह का भेदभाव नहीं किया है। लाॅकडाउन लागू करने से लेकर प्रवासियों के आवागमन, जरूरतमंदों को मदद देने तथा सभी से संवाद रखने में राज्य सरकार ने लगातार आगे बढ़कर पहल की है। इसी का परिणाम रहा कि कोरोना से हम बेहतर ढंग से लड़ पा रहे हैं और दूसरे राज्य भी हमारा अनुसरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राशन वितरण, मरीजों के इलाज, कफ्र्यू में सख्ती एवं क्वारंटाइन सहित सभी सुविधाओं में किसी तरह का भेदभाव प्रदेश में नहीं किया जा रहा है।
विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. सीपी जोशी, उप मुख्यमंत्री श्री सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष श्री गुलाबचंद कटारिया, नगरीय विकास मंत्री श्री शांति धारीवाल, कृषि मंत्री श्री लालचन्द कटारिया, विधायक श्री सतीष पूनिया सहित दोनों संभागों के सांसद-विधायक वीसी से इस चर्चा में शामिल हुए। मंत्रीगण ने जिलों के प्रभारी एवं अपने क्षेत्र के विधायक के रूप में फीडबैक और सुझाव दिए।


 गहलोत का मानना है कि प्रदेश में लगभग एक करोड़ ऐसे लोग संभावित हैं जिनके लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत केन्द्र से गेहूं का आवंटन नहीं हो रहा है। इसमें 54 लाख लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मंे जुड़े हुए हैं, लेकिन केन्द्र द्वारा 2011 की जनसंख्या के आधार पर 4 करोड़ 46 लाख लोगों के लिए ही गेहूं प्राप्त हो रहा है। इसके अलावा करीब 46 लाख लोग ऐसे हैं जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में या तो जुड़ने से छूट गए या जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। ऐसे लोग चाहे एपीएल हों या बीपीएल, वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए उन्हें भी गेहूं मिले।
 उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जिन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा था, उन्हें मई माह में राज्य सरकार ने एफसीआई से 21 रूपये प्रति किलो की दर से गेहंू खरीद कर प्रति व्यक्ति 10 किलो गेहंू निशुल्क उपलब्ध करवाया है। इस पर एक माह में 78 करोड़ रूपये खर्च हुए हैं। प्रदेश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए अधिक समय तक इसे जारी रखना मुश्किल होगा, ऐसे में केन्द्र को खाद्य सुरक्षा योजना मंे प्रतिमाह एक लाख मैट्रिक टन गेहूं अतिरिक्त आवंटित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी सांसद प्रधानमंत्री के समक्ष इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएं। सीकर सांसद स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती ने कहा कि कोरोना संकट में राज्य के सभी सांसद सरकार के साथ खड़े हंै और वे इस मुद्दे को प्रधानमंत्री के समक्ष रखेंगे। 


गहलोत ने कहा कि कोरोना के शुरूआती दौर में ही हमारी सरकार ने सबके सुझावों को शामिल कर कार्ययोजना बनाई और अहम फैसले लिए। प्रदेष में अभी तक 1 लाख 85 हजार से अधिक सैम्पल लिए गए हैं। प्रति 10 लाख जनसंख्या पर राजस्थान में 2213 टेस्ट किए जा रहे हैं जो अन्य राज्यों के मुकाबले अधिक हैं। उन्होंने कहा कि मई के अंत तक टेस्ट क्षमता 25 हजार प्रतिदिन कर ली जाएगी। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पास बनाने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया है और बाहर से आने वाले प्रवासियों के लिए विस्तृत गाइडलाइन 11 मई को जारी की गई है ताकि उन्हेें किसी तरह की परेषानी का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि कोई भी प्रवासी श्रमिक अपने गृह स्थान जाने के लिए सड़क पर पैदल नहीं निकले। राज्य सरकार ने उनके लिए बसों और ट्रेनों की व्यवस्था की है। साथ ही विभिन्न स्थानों पर कैम्प की भी व्यवस्था की गई है।


विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. सीपी जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने ऐसी वैश्विक महामारी से मुकाबला करने के लिए सभी दलों को साथ लेकर एक अच्छी परम्परा स्थापित की है। हमारा प्रयास हो कि पंचायत स्तर तक हम जनप्रतिनिधियों को इस लड़ाई में भागीदार बनाएं। उन्होंने कहा कि हमें कोरोना के साथ रहना सीखना होगा और इसके लिए विधायकों सहित सभी को अपनी कार्य प्रणाली में बदलाव भी करना पडे़गा। उन्होंने कहा कि आमजन में इस महामारी को लेकर पैदा हुए भय को दूर करने में जनप्रतिनिधियों की बड़ी भूमिका है। 


उप मुख्यमंत्री  सचिन पायलट ने कहा कि यह समय दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ कडे़ निर्णय लेने का है। उन्होंने कहा कि हमें प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को और तेज करना होगा, तभी हम इन हालातों का सफलतापूर्वक मुकाबला कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि बाहर से लौट रहे श्रमिकों को हम मनरेगा में आसानी से जाॅब कार्ड उपलब्ध करवाएंगे। उन्होंने क्वारंटीन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जिला एवं तहसील स्तर तक जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन की संयुक्त कमेटी बनाने का भी सुझाव दिया। 


 गहलोत ने सांसदों एवं विधायकोें से चर्चा के दौरान उनके सुझाव भी आमंत्रित किए। सभी पार्टियों के सांसदों-विधायकों ने कहा कि राजस्थान में कोरोना संक्रमण रोकने की दिशा में अच्छा काम हो रहा है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री को बधाई दी।