लॉकडाउन बना वरदान


उदयपुर, 28 मई/कोरोना महामारी के कारण घोषित लॉकडाउन में भी राज्य सरकार की मंशाओं के अनुरूप उदयपुर जिला प्रशासन द्वारा महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत हर मांगने वाले हाथ को काम मुुहैया करवाया जा रहा है और इस वजह से यह योजना नरेगा श्रमिकों के लिए वरदान साबित हो रही है।


जिला कलक्टर एवं महात्मा गांधी नरेगा योजना की जिला समन्वयक श्रीमती आनंदी ने बताया कि जिला स्तर से श्रमिक नियोजन के लिए समस्त विकास अधिकारियों को विडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए विस्तृत दिशा-निर्देश दिए थे एवं विकास अधिकारियों कों पंचायतों के सचिवों, तकनीकी सहायकों व सहायक अभियंताओं को श्रमिकों की वृद्धि के लिए निर्देश किये जाने के लिए पाबंद किया गया था जिसके परिणाम सुखद प्राप्त हो रहे हैं। 


 


 जिले में श्रमिकों की रिकार्ड उपस्थिति दर्ज की गई है जिसके तहत गुरुवार (28 मई) को जिले में 2 लाख 14 हजार 451 श्रमिक 13 हजार 232 कार्यों पर नियोजित किये गये है तथा आज दिनांक को जिले की समस्त ग्राम पंचायतों में श्रमिक नियोजित है एवं शून्य नियोजन वाली कोई ग्राम पंचायत नहीं है। गत वर्ष माह मई में 1 लाख 50 हजार 759 श्रमिक नियोजित थे। जिले मेें वर्ष 2019-20 में 99 प्रतिशत भुगतान समय पर किया गया है एवं वर्तमान में शत-प्रतिशत भुगतान समय पर किया जा रहा है।


जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमर चौधरी ने बताया कि जिले में योजना प्रारंभ से एमआईएस अनुसार वर्ष 2018-19 तक के 201316 कार्यों में से 16़9694 कार्य पूर्ण किए जा चुके है जो कि 84.2़9 प्रतिशत है। कार्य पूर्णता हेतु जिले में विशेष अभियान गत वर्ष 2019-20 चलाया गया जिसके तहत 40 हजार 124 कार्य पूर्ण किये गये जो कि राज्य में सर्वाधिक है एवं शेष कार्यों को पूर्ण कराने के लिए भी यथा संभव प्रयास किए जा रहे है।


जिले में जॉबकार्डधारी परिवारों की संख्या 5.25 लाख है जिसमें से एक्टीव जॉबकार्ड 3.46 लाख है एवं एक्टीव श्रमिकों की संख्या 5.51 लाख है। उदयपुर जिले द्वारा वर्ष 2019-20 में 144.54 लाख मानवदिवसों का सृजन किया गया जो कि विगत 10 वर्षों में सर्वाधिक है। इसके लिए पंचायत वार श्रमिक नियोजन को जिला स्तर से मॉनिटरिंग एवं प्रपत्र 6 की निर्धारित स्थान पर उपलब्ध सुनिश्चित की गई।