जयपुर,2 मई । कोरोना की वजह से लाकॅडाउन में फंसे श्रमिकों की विशेष ट्रेनों से घर वापसी कल रात से शुरू हो चुकी है । लाकॅडाउन में फंसे श्रमिकों के पैदल ही अपने बच्चों के साथ जाते फोटो देख कर हर किसी का दिल पसीजा था ।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को छोडकर अन्य किसी राजनेता ने या केन्द्र एवं राज्य सरकार ने श्रमिकों की घर वापसी और उनके ट्रेनों से छोडने की मांग किसी ने नहीं की ।मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा यह मांग करने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री और बाद में अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने यह मांग दोहरायी ।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सबसे पहले कोटा में अन्य राज्यों के फंसे कोचिंग विद्यार्थियों की घर वापसी और इसके बाद श्रमिकों की घर वापसी और वो भी विशेष ट्रेनों के जरिये छोडने की मांग कर उसे अमली जामा तक पहनाया । गहलोत की पहल की वजह से कोटा में कोचिंग कर रहे अन्य राज्यों के विद्यार्थियों की घर वापसी संभव हो पायी ।
बिहार सरकार अभी तक अपने बच्चों को वापस बुलाने के लिए केन्द्र सरकार से पहले लाकॅडाउन के नियमों में संशोधन पर अडी हुई है । यह अलग बात है कि बिहार के मुख्यमंत्री का इस मुददे पर अपने घर में काफी विरोध हो रहा है । कोटा में कोचिंग कर रहे बिहार के विद्यार्थियों ने बिहार सरकार द्वारा उन्हे नहीं बुलाने के विरोध में कोटा में धरना तक दिया ।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल की वजह से ही कोटा में कोचिंग ले रहे करीब सतर हजार से अधिक विद्यार्थी अपने परिजनों के पास पहुंच सके है । हालाकि राज्य सरकारों ने विद्यार्थियों को अपने घर ले जाने के लिए स्वंय ने वाहनों का इंतजाम किया बावजूद राजस्थान सरकार ने वाहनों की कमी होने पर बसे मुहैया करवायी गयी ।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा में कोंचिग ले रहे विद्यार्थियों की घर वापसी होने के बाद अन्य राज्यों के फंसे मजदूरों की घर वापसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखे और प्रधानमंत्री ने जब जब मुख्यमंत्रियों की वीडियों काफ्रेंसिग पर कोरोना और लाकॅडाउन पर चर्चा की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने श्रमिकों की घर वापसी का मुददा जोरदार तरीके से उठाया ।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार द्वारा श्रमिकों की घर वापसी पर पाजिटिव सकेंत मिलने के साथ ही इन श्रमिकों की सकुशल वापसी के लिए केन्द्र सरकार से विशेष श्रमिक ट्रेन संचालित करने की मांग की । उन्होने कहा कि श्रमिकों की लाखों की संख्या होने के कारण श्रमिकों को बसों से भेजने में दिक्कत आएगी ऐसे में श्रमिकों को भेजने के लिए विशेष ट्रेने संचालित की जाये ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस मांग पर सकारानात्मक रूख दिखाते हुए श्रमिकों की घर वापसी के लिए विशेष ट्रेनों के संचालन को हरी झंडी दिखा दी । इसके बाद तो रेलवे मंत्रालय ने झटपट राज्य सरकारों से विचार विमर्श कर राज्य सरकार द्वाराउ चिन्हित श्रमिकों को उनके राज्य तक पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेने कल रात से रवाना कर दी ।
राज्य सरकार द्वारा पंजीकृत श्रमिकों को स्वयं के साधन द्वारा रेलवे स्टेशन तक लाया जाता है ओर फिर विशेष ट्रेन में सवार करवाया जा रहा है । श्रमिकों को एक साथ आश्रय स्थल से लेकर आया जाता है । बस और ट्रेन को सेनेटाइजर किया जा रहा है । सोशल डिस्टर्स का पूरा ध्यान रखा जा रहा है और प्रत्येक श्रमिक से नाम मात्र पचास रूपये ले रही है ।
श्रमिकों को सफर के दौरान एक समय का भोजन निशुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है । ट्रेन में सवार होने से पहले श्रमिक की स्वास्थ्य जांच की जाती है और नियत स्थान के अलावा बीच में श्रमिक को उतरने की छूट नहीं दी जाती है । यदि श्रमिक की यात्रा के दौरान कोरोना के लक्षण नजर आते है तो ट्रेन में सवार अधिकारी सम्बधित श्रमिक को अगले स्टेशन पर उतार कर असपताल पहुंचाया जाता है ।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल की वजह से ही पहले कोटा में कोचिंग कर रहे विद्यार्थियों की ओर अब श्रमिकों की वह भी विशेष ट्रेनों के माध्यम से घर वापसी संभव हो पायी है ।