तेंदुआ की हुई घरवापसी  


भोपाल ,21 मई । देश में प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी का मुददा जबरदस्त गर्माया हुआ है वहीं एक तेंदुआ की घर वापसी हो गई लेकिन चर्चा तक नहीं है ।



बात कर रहे है वन विहार राष्ट्रीय उद्यान की जहां से चार महिने पहले मरणासन्न हालत में लाया गया तेंदुआ को  स्वस्थ्य होने के बाद कल रात रातापानी अभयारण्य में छोड़ दिया गया।


 यह तेंदुआ गीदगढ़ में तारों में बुरी तरह फंस गया था। लाते समय इसकी हालत अत्यंत गंभीर थी। छाती एवं पेट पर चारों ओर पूरी गोलाई में कंधे के नीचे काफी गहरे घाव थे, जो कि फेंसिग वायर के कसे होने के कारण काफी गहरे हो गये थे। तेंदुए द्वारा तारों में फंस जाने पर निकलने के पुरजोर प्रयास के कारण घाव और ज्यादा गंभीर होते चले गए। डॉ. अतुल गुप्ता के नेतृत्व में रेस्क्यू टीम इसे लेकर आधी रात में भोपाल वन विहार पहुँची और तत्काल चिकित्सा आरंभ की गई।


तेंदुए को वन-विहार के वन्यप्राणी चिकित्सालय के इंडोर वार्ड में रखा जाकर सीसीटीवी के माध्यम से 24 घंटे निगरानी की गई। घाव इतने गंभीर थे कि तेंदुए ने शुरू के 13 दिन तक कुछ भी नहीं खाया। डॉ. गुप्ता ने सेलाईन और पानी के दम पर उसे जीवित रखा। इतनी कठिन परिस्थिति में भी उसको 2 बार बेहोश कर सर्जरी करनी पड़ी। सतत् उपचार और गहन देख-भाल के परिणाम स्वरूप धीरे-धीरे यह तेंदुआ बिल्कुल स्वस्थ्य हो गया।बरखेड़ा परिक्षेत्र की पांझिर बीट में  तेंदुए को छोड़ दिया गया।