भाजपा को पटकनी देने में जुटे अशोक गहलोत 


   जयपुर,4 जून।कोरोना को हराने के लिए  90 दिन से अधिक जुटे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब राज्य सभा की तीन सीटो के लिए होने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पटकनी  देने के लिए जुट गए है ।
 भारतीय जनता पार्टी द्वारा अचानक अपने पूर्व राज्य सभा सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निकट समझे जाने वाले औंकार सिंह लखावत को राज्य सभा चुनाव के लिए नांमाकन दाखिल करवा दिया । नांमाकन वापस नहीं लेने तक राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा था कि लखावत अपना नांमाकन वापस ले लेंगे , लेकिन ऐसा हुआ नहीं और राज्य सभा चुनाव दिलचस्प हो गया । 
कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच मत समीकरण को लेकर जोड तोड की खबर सुर्खियां बनने लगी । इसी दौरान भाजपा ने मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमल नाथ से नाराज चल रहे एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता के सहयोग से कमल नाथ सरकार को पटकनी देकर शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री की शपथ दिलवा कर चौका दिया था । इस दौरान राजस्थान के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता को लेकर खुब चर्चाएं चली लेकिन सब कुछ कोरोना में खो गयी ।


राज्य सभा चुनाव में मतों को लेकर घमासान शुरू होता इससे पहले ही कोरोना ने दस्तक दी और सब कुछ कोरोना को रोकने की भेट चढ गया ।चुनाव आयोग ने कोरोना की स्थिति को देखते हुए तय तिथि पर राज्य सभा चुनाव को टाल दिये । आयोग ने अब राज्य सभा के चुनाव 19 जून को करवाने की घोषणा के साथ ही राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गयी है ।
  
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना पर नजर रखने के साथ ही राज्य सभा चुनाव में  भाजपा को पटकनी देने की तैयारियों में जुट गए है । कांग्रेस ने  के सी वेणुगोपाल और नीरज डांगी को प्रत्याक्षी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा है वहीं भाजपा की ओर से राजेन्द्र गहलोत और औंकार  सिंह लखावत चुनाव समर में है ।
   
राजस्थान विधान सभा में विघायकों के गणित को देखते हुए कांग्रेस अपने  दोनों उम्मीदवारों के आसानी से जीतने का दावा कर रही है वहीं भाजपा ने कांग्रेस की आन्तरिक विवाद में अपने दूसरे उम्मीदवार ओंकार सिंह लखावत को फायदा मिलने का दावा कर रही है । 


भाजपा प्रदेश की कांग्रेस सरकार को कमजोर करने के लिए अपने दूसरे प्रत्याशी औंकार सिंह लखावत को जिताने की रणनीति पर काम कर रही है वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस भाजपा के अरमानों पर पानी फरने के मूड में है ताकि आगे चलकर भाजपा कोई खुराफत नहीं करे ।
राजनीतिक समीकरण के अनुसार कांग्रेस 3 में से दो सीटे वेणुगोपाल और नीरज डांगी की ​जीत पर पूरी तरह से आश्वस्त है ।यानि कांग्रेस को 2 और भाजपा को एक सीट मिलना तय माना जा रहा है ।
 
राजस्थान विधान सभा में कांग्रेस 107, भाजपा 72, निर्दलीय 13, बीटीपी 2,सीपीएम 2, आरएलपी 1 और आरएलडी का एक विघायक है । राज्य सभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों को मत दिखाकर देना होता है इसलिए क्रास वोटिंग होने की संभावना नहीं के बराबर है  लेकिन निर्दलीय विघायकों पर यह लागू नहीं होने के कारण अगर  मतों के गणित को लेकर उलटफेर में निर्दलीय एमएलए पर नजर रहेगी । निर्दलीय विघायक अपना मत दिखाए या नहीं यह उनपर निर्भर है ,इन्हे मत दिखाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता ।
  
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा प्रदेश में कोरोना को हराने की नीतियों की देशभर में तारीफ हो रहीं है जिस तरह की रणनीति कोरोना को हराने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बनायी ठीक उसी तरह की रणनीति राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पटकनी देने की  रणनीति पर काम कर रहे है ।
  राज्य सभा सदस्य नारायण लाल पचारिया, राम नारायण डूडी और विजय गोयल की सीटे खाली होने के कारण यह चुनाव हो रहे है ।