’हिन्दूस्तान जिंक को नोटिस


जयपुर, 15 जून । राज्य के सबसे बड़े खनन कम्पनी ’’हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड’’ से रॉयल्टी अपवंचना की बड़ी जांच में राज्य राजस्व आसूचना निदेशालय (एसडीआरआई) को एक बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। 


हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड राज्य में लेड एवं जिंक की सबसे बड़ी खननकर्ता कम्पनी है। कम्पनी द्वारा राजस्थान राज्य में लेड-जिंक के उत्खनन के लिए रामपुरा, आगुंचा (भीलवाड़ा), सिंदेसर खुर्द, राजपुरा दरीबा (राजसमन्द), जावर (उदयपुर) एवं कायड़ (अजमेर) स्थित पांच खानों का संचालन किया जा रहा है। जिसमें लेड-जिंक के अतिरिक्त सिल्वर एवं कैडमियम भी उपउत्पाद (बाई प्रॉडक्ट ) के रूप में प्राप्त होते है। 


एमएमडीआर, 1957 के अधिनियम के अन्तर्गत खननकर्ता कम्पनी को उत्खनन से प्राप्त खनिज एवं उससे प्राप्त उपउत्पादों की घोषणा केन्द्र सरकार के विभाग भारतीय खान ब्यूरो एवं राज्य सरकार के विभाग खान एवं भू-विज्ञान विभाग को करनी होती है। एसडीआरआई में दर्ज स्वप्रेरित प्रकरण में विस्तृत जांच उपरान्त ज्ञात हुआ कि गत कई वर्षों से कम्पनी द्वारा उपउत्पाद के रूप में प्राप्त होने वाले चांदी एवं कैडमियम की सही मात्रा राज्य सरकार को सूचित नहीं कर रहे थे। जिसमें राज्य सरकार को रॉयल्टी की लगभग 2500 करोड़ रुपए की राजस्व हानि सम्भावित है। 
  
  एसडीआरआई द्वारा वर्ष 2012-13 से वर्ष 2017-18 तक के हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड के उत्पादन के आंकड़ों का जों कि भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) एवं राज्य सरकार के विभाग खान एवं भू-विज्ञान विभाग को उपलब्ध कराए गए के मिलान करने पर पाया गया कि आकंड़ों में एकरूपता का अभाव है। 


हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड को उपउत्पाद के रूप में प्राप्त होने वाली चांदी के आकड़ों में व्याप्त अन्तर का विष्लेषण करने पर पाया गया की हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा खान एवं भू-विज्ञान विभाग को जो आंकडें़ प्रस्तुत किए गए है वो आईबीएम को प्रस्तुत किए गए आकड़ों से मात्रा में कम है। 
इस संबंध में एसडीआरआई द्वारा गहन जांच की गई एवं विस्तृत आंकड़ों का परिक्षण कर कम्पनी द्वारा की जा रही आंकड़ों की हेरा-फेरी को उजागर किया। चूंकि हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा उत्खनित खनिजों पर रॉयल्टी राज्य सरकार द्वारा वसूल की जाती है को राज्य सरकार को रॉयल्टी के रूप में चांदी से प्राप्त होने वाली राजस्व की भारी हानि हो रही है।


   राज्य राजस्व आसूचना निदेशालय द्वारा खनिज चांदी के आकड़ों का विष्लेषण करने पर पाया गया कि वर्ष 2012-13 से 2017-18 तक ही राज्य सरकार को हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा चांदी के 364510 किलोग्राम उत्पादन की कम घोषणा की गई है। जिसका कुल मूल्य लगभग 2500 करोड़ रुपए होता है।


 एसडीआरआई में दर्ज पीआईआर के आधार पर खनिज चांदी पर वर्ष 2012-13 से वर्ष 2017-18 तक कम प्राप्त की गई रॉयल्टी के वसूली हेतु खान एवं भू-विज्ञान विभाग में पदस्थापित नोडल अधिकारी अतिरिक्त निदेषक (खान) सर्तकता दीपक तंवर ने हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उदयपुर को 30 दिवस का वसूली नोटिस जारी किया है। 30 दिवस में कम्पनी द्वारा गत 10 वर्षों की घोषित चांदी पर दी गई रॉयल्टी की सही सूचना खान विभाग को प्रदान नहीं की जाने की स्थिति में 2500 करोड़ की मांग कायम कर वसूली की जाएगी।