जयपुर, 1 जुलाई ।राज्य राजस्व आसूचना निदेशालय (SDRI) ने बडी कार्रवार्इ् करते हुए खुलासा किया है कि स्टाम्प ड्यूटी से बचने के लिए कम्पनिया एवं बैंक प्रदेश के बाहर लोन एग्रीमेन्ट कर राज्य के स्टाम्प विभाग को बड़ी चपत लगा रहे है।
SDRI एसडीआरआई की सूचना पर न्यायालय कलक्टर (मुद्रांक) वृत्त- जयपुर-तृतीय, राजस्थान ने मैसर्स अल्ट्राटेक सीमेन्ट लिमिटेड (तत्कालीन ग्रासिम इण्डस्ट्रीज़ लिमिटेड) के कोटपूतली स्थित सीमेन्ट यूनिट से 2,25,73,354/- रुपए वसूली के आदेश पारित किया। जिसमें कम्पनी ने स्टाम्प शुल्क के रूप में 73,52,200/- रुपए भी जमा करवा दिए गए है।
राज्य राजस्व आूसचना निदेशालय (SDRI) द्वारा जांच में यह पाया कि लोन एग्रीमेंट पर राजस्थान में नियमानुसार देय स्टाम्प ड्यूटी से बचने हेतु संबंधित बैंक तथा कम्पनियां राजस्थान से बाहर महाराष्ट्र/दिल्ली इत्यादि में 100 अथवा 500 रू. के स्टाम्प पेपर पर लोन एग्रीमेंट इत्यदि दस्तावेज निष्पादित करते है।
ग्रासिम इण्डस्ट्रीज़ लिमिटेड द्वारा विभिन्न बैंकों एवं वित्तीय संस्थाओं के साथ वर्ष 2006 से 2008 की अवधि में अलग-अलग 10 लोन एग्रीमेन्ट कुल राशि 735.32 करोड़ रुपए के निष्पादित किए गए थे। यह कि इन लोन एग्रीमेन्ट्स में निर्धारित शर्तों के अनुसार ग्रासिम इण्डस्ट्रीज़ लिमिटेड के द्वारा अपनी अचल सम्बंधित के दस्तावेज़ों की टाइटल डीड्स भारतीय स्टेट बैंक में जमा कराई गई थी और मुम्बई, महाराष्ट्र में ग्रासिम इण्डस्ट्रीज़ लिमिटेड तथा भारतीय स्टेट बैंक के मध्य लोन से संबंधित दस्तावेज़ निष्पादित किए गए। मैसर्स अल्ट्राटेक सीमेन्ट लिमिटेड द्वारा राजस्थान राज्य में ग्राम मोहनपुरा, तहसील-कोटपूतली, जिला-जयपुर में सीमेन्ट प्लांट स्थापित करने हेतु राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना, 2003 के प्रावधानों के तहत् कैपिटल इन्वेस्टमेन्ट सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने हेतु उक्त ऋण दस्तावेज़ों की छाया प्रतियां साक्ष्य के रूप में आयुक्त उद्योग विभाग, राजस्थान सरकार के समक्ष प्रस्तुत किए गए थे। दस्तावेज पर राजस्थान स्टाम्प एक्ट, 1998 के अन्तर्गत नियमानुसार स्टाम्प शुल्क देय है।
राजस्थान स्टाम्प एक्ट के अनुसार राज्य में निष्पादित दस्तावेजों के साथ-साथ राज्य के बाहर निष्पादित दस्तावेजों पर भी स्टाम्प ड्यूटी देय है यदि ऐसे दस्तावेज से संबंधित कोई अचल सम्पत्ति राजस्थान राज्य में स्थित हो या ऐसे दस्तावेज के संबंध में कोई कार्यवाही राजस्थान राज्य में की गई हो या की जानी हो।
फलतः इस एग्रीमेंट पर राजस्थान राज्य में देय स्टाम्प शुल्क की कमी मुद्रांक/चोरी के संबंध में राज्य राजस्व आसूचना निदेशालय द्वारा मामला उजागर किया जाकर प्रकरण दर्ज कर नियमानुसार जांच हेतु पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग, जयपुर को भिजवाया गया, जिस पर न्यायालय कलक्टर (मुद्रांक) वृत्त- जयपुर-तृतीय (राज.) रामावतार गुर्जर द्वारा निर्णय पारित किया गया।
निर्णय में संबंधित कम्पनी को 73,52,200/- रू. की कमी मुद्रांक राशि तथा उस पर देय ब्याज राशि 76,10,577/- रू. जमा कराने को कहा। साथ ही संबंधित कम्पनी पर 76,10,577/- रू. की जुर्माना भी लगाया गया। इस तरह कम्पनी को कुल 2,25,73,354/- रू. जमा कराने है। जिसमें कम्पनी ने स्टाम्प शुल्क के रूप में 73,52,200/- रुपए सम्बंधित सब रजिस्ट्रार के कार्यालय में जमा करवाए गए।
यह आदेश एसडीआरआई द्वारा दी गई सूचना के आधार पर मुद्रांक विभाग द्वारा दिया गया।
उल्लेखनीय है कि भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की कम्पनियों में से एक आदित्य बिड़ला समूह से संबंधित अल्ट्राटेक सीमेन्ट लिमिटेड जो कि सीमेन्ट की अग्रणी उत्पादक कम्पनी है। कोटपूतली सीमेन्ट वर्क्स, अल्ट्राटेक सीमेन्ट लिमिटेड की एक इकाई के रूप में कार्यरत है, जिसकी स्थापना वर्ष 2009 में दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित कोटपूतली में की गई। इस प्लान्ट में किलन्कर और सीमेन्ट का उत्पादन किया जाता है।