केन्द्र सरकार की करनी कथनी में अंतर – रामपाल जाट


महलां:जयपुर: 10 जुलाई ।किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार आत्मनिर्भर भारत की बात करती है वही दूसरी ओर विदेशो से दाल का आयात कर किसानो को उनकी उपजों के दाम से वंचित कर उन्हें घाटे की ओर धकेल रही है ।
उन्होने कहा कि यह स्थिति तो तब है जब सरकार ने 2016-17 की बजट में किसानो की आय 2022 तक दोगुनी करने का संकल्प व्यक्त किया था ।
 जाट ने कहा कि  यह कैसी बिडम्बना  है कि भारत सरकार विदेशो से दलहन एवं चना का आयात बहुतायत में कर रही है लेकिन देश के किसानो का चना नहीं खरीद रही है ।


जाट ने महला सभा स्थल पर किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार किसानों को  कोरोना काल में भटकने को छोड़ रही है ,पिछले 11 वर्षों में सरकार ने विदेशो से 1,55,000 करोड़ रुपये से 446.1 लाख टन दालों को विदेशों से मंगाने के लिए खर्च किये है । इसीप्रकार इन्ही 11 वर्षों में विदेशों से 28.7 लाख टन चना भी मंगाया गया है, इससे देश में चने सहित अन्य दलहनों का भाव गिरे है, फिर सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद बंद कर किसानो को घाटे की ओर धकेल रही है ।
 जाट ने कहा कि आश्चर्य यह है कि सरकार के आंकलन के अनुसार देश में दालों का उपभोग लगभग 23 मिलियन टन है I वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 में तो दलहनों का उत्पादन 23 मिलियन टन से अधिक हुआ, तब भी सरकार ने तीन वर्षों में दालों के आयात की अनुमति प्रदान की है I चने की दाल के विकल्प के रूप में विदेशो से पीली दाल का तीन वर्षो 2016-17, 2017-18, 2018-19 में 69 लाख टन का आयात किया  है ।
  
नानूराम, भंवरलाल यादव , नारायण स्याक, रामसहाय, जगदीश प्रजापत, अमराराम बंजारा ने यह भी बताया कि सरकार की ट्रेक्टरों को आन्दोलन से हटाने के लिए बहकाने में लगी है । सरकार आन्दोलन को कुचलने का प्रयास कर रही हेै लेकिन किसान अपनी मांग मनवा कर ही धरनास्थल से हटेंगे ।
उल्लेखनीय है कि किसानो के दिल्ली कूच का आज छटा दिन है तथा किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के उपवास का तीसरा दिन है ।