मुख्यमंत्री ने  पर्यटन एवं होटल व्यवसाय उद्योगों को 220 करोड़ की राहत दी ।


जयपुर, 21 जुलाई। मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में लाॅकडाउन से प्रभावित पर्यटन एवं होटल व्यवसाय उद्योगों को बडी राहत दी है ।



बैठक में कोविड-19 महामारी के कारण पर्यटन एवं होटल व्यवसाय व्यापक रूप से प्रभावित हुआ है। यह सेक्टर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। साथ ही इस क्षेत्र से लाखों लोगों की आजीविका प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई है। 


मंत्रिपरिषद ने राजस्थान निवेश प्रोत्साहन स्कीम-2019 के तहत पर्यटन, होटल एवं मल्टीप्लेक्स सेक्टर की इकाइयों को एक वर्ष के लिए अतिरिक्त लाभ देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके तहत वे इकाइयां पात्र होंगी, जो अपनी गतिविधि एक जुलाई, 2020 से 31 दिसम्बर, 2020 के बीच प्रारम्भ करेंगी और साथ ही जिनकी पात्रता अवधि 31 दिसम्बर, 2019 के बाद भी शेष है। 
 मंत्रीपरिषद के निर्णय के अनुसार  पैकेज के अंतर्गत पर्यटन उद्योग (होटल एवं टूर आॅपरेटरों) द्वारा देय एवं जमा एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति की अवधि को तीन माह से आगे बढ़ाकर अब एक वर्ष (1 अप्रेल, 2020 से 31 मार्च, 2021) तक किया गया है। रिप्स में पर्यटन सेक्टर को अति प्राथमिकता क्षेत्र (थ्रस्ट सेक्टर) के रूप में शामिल किया जाएगा, इस प्रावधान से इस सेक्टर को रिप्स-2019 में देय सामान्य लाभ के अलावा ब्याज अनुदान और पूंजीगत अनुदान का अतिरिक्त लाभ मिल सकेगा। 


मंत्रिपरिषद् ने उद्योगों को राहत देने के लिए रीको के माध्यम से करीब 220 करोड़ रूपए के राहत पैकेज का भी अनुमोदन किया है। इसके तहत 31 दिसम्बर, 2020 तक सेवा शुल्क एवं आर्थिक किराए की राशि एकमुश्त जमा करवाने पर ब्याज में शत-प्रतिशत की छूट, आवंटित भूखण्ड पर गतिविधि प्रारम्भ करने के लिए दी गई अवधि में हुई देरी के नियमितिकरण पर लगने वाले प्रभार में छूट मिल सकेगी।



इसी प्रकार जिन भूखण्डों पर गतिविधि प्रारम्भ करने की अवधि एक मार्च, 2020 से 30 सितम्बर, 2020 तक समाप्त हो रही है, उन्हें एक वर्ष अतिरिक्त समय देने पर लगने वाले प्रभार में छूट दी जाएगी। सफलतम बोलीदाता को भूमि की कीमत की 25 प्रतिशत राशि जमा करवाने के लिए ब्याज रहित एवं ब्याज सहित समयावधि बढ़ाने, भूमि की बकाया 75 प्रतिशत प्रीमियम राशि 120 दिन में जमा करवाने के लिए 90 दिन की अतिरिक्त ब्याज रहित समय वृद्धि, इस प्रीमियम राशि को किस्तों में भुगतान की समय सारिणी में अतिरिक्त समय वृद्धि एवं ब्याज में छूट 31 दिसम्बर, 2020 तक के लिए दी जाएगी। 
फैसले के अनुसार  लीज डीड निष्पादित कराने की 90 दिन की अवधि में बिना शास्ति के अतिरिक्त समय वृद्धि, वर्षा जल पुनर्भरण संरचना निर्माण नहीं किए जाने की स्थिति में एकमुश्त देय शास्ति की राशि में छूट, आवंटित भूखण्ड का भौतिक कब्जा लिए जाने की अवधि में वृद्धि, भूखण्ड के उप विभाजन तथा हस्तांतरण पर लगने वाले शुल्क में छूट, रीको के द्वारा नीलामी के माध्यम से आवंटित किए जाने वाले भूखण्डों की 75 प्रतिशत बकाया राशि जमा करवाने के लिए वर्तमान में 3 या 7 किस्तों के स्थान पर 11 किस्तों की सुविधा प्रदान करते हुए ब्याजदर में 3 प्रतिशत की कमी के प्रावधान शामिल हैं। इन प्रावधानों से करीब 29 हजार परिवार लाभान्वित होंगे।