मुख्यमंत्री ,न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाए


जयपुर, 6 नवम्बर ।  किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत  से कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने की मांग की है ।
 


जाट ने मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में कहा कि किसानों की खुशहाली उनकी उपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त होने से ही संभल सकती है , सरकारें जितना विशेष ध्यान विदेशी निवेशों को आकर्षित करने में देती है उतना ध्यान कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने पर दे दे तो देश खुशहाली की ओर बढ़ जावेगा  ।
 उन्होने कहा कि  राजस्थान में बाजरा, सरसों, मूंग और जौ का उत्पादन देश के कुल उत्पादन में से 40 प्रतिशत से अधिक है I अन्य किसी भी प्रदेश में उनके उपभोग की आवश्यकता के अतिरिक्त इनमे से कोई भी उपज अधिशेष नहीं बचती है I यदि अकेला राजस्थान भी इन उपजों की खरीद न्यूनतम समर्थन से कम दामों पर होने से रोकने के लिए कानूनी प्रावधान कर दे तो राज्य में व्यापार सहित किसी पर भी विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा, बल्कि बाजरा और मक्का दो उपजों के ही न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्ति से 61,29,16,20,000 (इकसठ अरब उनतीस करोड़ सोलह लाख बीस हजार) रुपये से भी अधिक मिलेगा I 
    जाट ने कहा कि प्रदेश की अधिसंख्य किसानो की जेब में यह अतिरिक्त राशी आने से क्रय शक्ति बढ़ेगी और बाजरा में भी रौनक आकर अर्थचक्र का पहिया तेजी से घूमेगा I इसी के साथ ही देश के कुल उत्पादन में से ग्वार 83.61%, मोंठ 85%, मेहंदी 80%, धनिया 66%, मेथी 87%, जीरा 50%, सौंफ 40% और इसबगोल 40% है । उन्होने कहा कि इन उपजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्राप्ति सुनिश्चित हो जावें तो प्रदेश की अर्थव्यवस्था के पंख लग जायेंगे I
पत्र में ये तथ्य भी प्रकट किये है कि राजस्थान कृषि उपज मंडी अधिनियम, 1961 एवं राजस्थान कृषि उपज मंडी नियम, 1963 में संशोधन किया जाकर किसानो को उपजों का उचित मूल्य दिलाया जा सकता है I 
 राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री का ध्यान इस ओर दिलाते हुए कहा कि इस कानूनों 
को 3 नवंबर 1961 को राष्ट्रपति का अनुमोदन प्राप्त हो चूका है, इस कारण राजस्थान के राज्यपाल की ही अनुमति आवश्यक है  ।