जयपुर, 23 दिसम्बर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत @51ashokgehlotने कहा कि लोगों की खून-पसीने की कमाई हड़पने वाली क्रेडिट को-आॅपरेटिव सोसायटियों से निवेशकों का पैसा दिलाने के लिए संबंधित एजेंसियां कानूनी प्रावधानों का अध्ययन कर आवश्यकता के अनुरूप उनमें बदलाव करने के निर्देश दिए है ।
उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा गंभीर मामला है जिसके कारण लाखों लोगों को मेहनत से कमाया पैसा गंवाना पड़ा। हमारा प्रयास है कि निवेषकों को उनका पैसा और अपराधियों को सजा मिले।
गहलोत ने क्रेडिट को-आॅपरेटिव सोसायटियों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों के संबंध में समीक्षा करते हुए कहा कि गांव-ढाणी तक इन सोसायटियों ने अपना जाल बिछाकर गरीब लोगों को ठगा है, भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों यह सुनिष्चित करने के साथ-साथ वर्तमान प्रकरणों में एसओजी, सहकारिता विभाग आदि प्रभावी कार्रवाई अमल में लाएं। राज्य की एजेंसियां इसके लिए केन्द्रीय एजेंसियों से भी समन्वय करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एसओजी इन प्रकरणों में त्वरित अनुसंधान कर निष्कर्ष तक पहुंचे और पता लगाए कि आखिर निवेषकों का पैसा किस तरह खुर्द-बुर्द किया गया ताकि उस पैसे को वापस दिलाने के लिए आगे की कार्रवाई की जा सके।
उन्होंने कहा कि केवल ’राज सहकार पोर्टल’ पर ही आदर्ष, संजीवनी, नवजीवन, सहारा सहित अन्य मल्टी स्टेट सोसायटीज तथा स्टेट क्रेडिट को-आॅपरेटिव सोसायटीज के विरूद्ध पैसा हड़पने की 75 हजार से अधिक षिकायतें प्राप्त होना यह बताता है कि प्रदेष में बड़ी संख्या में लोगों के साथ खिलवाड़ हुआ है। हमारा दोहरा दायित्व है कि एक तरफ जहां अपराधियों को जेल भिजवाएं और निवेशकों को उनका पैसा दिलाएं।
गहलोत ने कहा कि गृह, सहकारिता, वित्त एवं अन्य संबंधित विभाग मिलकर प्रदेष में ऐसा सिस्टम विकसित करें जिससे अनरेगुलेटेड (अनियमित) जमा स्कीम्स को हतोत्साहित किया जा सके, ताकि कोई भी अवैध सोसायटी अधिक ब्याज का लालच देकर लोगों से पैसा न हड़प सके। लोगों को ऐसी सोसायटियों से बचाने के लिए जागरूक भी किया जाए।
बैठक में एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक अशोक राठौड़ ने बताया कि सोसायटीज द्वारा ठगी के विभिन्न थानों में डेढ़ हजार से अधिक केस दर्ज हैं। ऐसे कई प्रकरणों में एसओजी भी तफ्तीश कर रहा है और कई अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है ।