एक नई चेतना प्राप्त करके मैं जा रहा हूं। अमित शाह


कोलकात्ता, 20 दिसम्बर ।  भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य और आनंद, दोनों का विषय है कि मैं आज उस स्थल पर आया हूं जो न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया भर के लिए चेतना जागृत करने का पवित्र स्थान है। यही वह स्थान है जहां भारत की आकाशगंगा के सबसे तेजस्वी तारे स्वामी विवेकानंद जी ने जन्म लिया था।



शाह ने कहा मैंने आज यहां आकर स्वामी जी के जन्म स्थान पर, उनके पुरुखों के पूजा स्थान पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है और मैं यहाँ से एक नई चेतना प्राप्त करके मैं जा रहा हूं। मैं आज भी मानता हूं कि स्वामी जी के विचार उस वक्त जितने प्रासंगिक थे, आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। दुनिया को स्वामी जी के विचार की उस वक्त जितनी जरूरत थी, उससे ज्यादा जरूरत है शायद आज है।


 मैं इस पवित्र स्थान से यही प्रार्थना करता हूं कि हम सबको स्वामी जी के बताए रास्ते पर चलने का आशीर्वाद और प्रेरणा मिले। मेरा निश्चित मानना है कि यही मार्ग न केवल भारत, बल्कि समग्र विश्व के कल्याण का मार्ग हो सकता है।शाह ने कहा कि स्वामी जी ने अल्पायु में ही भारत के ज्ञान, भारत की संस्कृति और भारत के दर्शन को विश्व भर में दिग्विजय दिलाई थी। जब अमेरिका में सर्वधर्म सम्मेलन हुआ, उस वक्त स्वामी जी ने अपने एक ही वाक्य से सनातन धर्म की विश्व बंधुत्व की व्याख्या से पूरी दुनिया को परिचित कराया था।स्वामी जी वो शख्सियत थे, जिन्होंने आधुनिकता और अध्यात्म को जोड़ने का काम किया। 

उन्होंने पूरे देश का आह्वान किया था कि 50 साल तक सब लोग सब कुछ भूल कर भारत माता की यदि आराधना करें तो भारतवर्ष जागृत हो जाएगा। उनके आह्वान के ठीक 50 वर्ष बाद भारत को आजादी मिली थी।