संरचनात्मक विकास कार्यों को प्राथमिकता.माइंस मंत्री भाया



जयपुरए 12 जनवरी। माइंस एवं पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित राज्य स्तरीय सशक्त समिति ;एसएलईसी की बैठक में खान विभाग के राज्य व जिला स्तरीय डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट से प्रदेश में एक हजार 75 करोड़ रुण् से अधिक के जनहितकारी व विकास कार्यों के लिए राशि खर्च करने की स्वीकृति प्रदान की गई। 

माइंस मंत्री  भाया ने बताया कि मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत का मानना है कि सामाजिक दायित्व निभाते हुए  प्रदेश के विकास कार्यों में डीएमएफटी कोष का उपयोग किया जाए ताकि आधारभूत संरचनाओं के निर्माण व सीधे जनहित से जुड़ी गतिविधियों से आमजन को लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने बताया कि इसी को ध्यान में रखते हुए सिलिकोसिसए इंदिरा गांधी मातृ शिशु पोषण सुरक्षाए कॉलेज भवन निर्माणए सड़क कार्यों सहित आमआदमी व संरचनात्मक विकास कार्यों को प्राथमिकता दी गई है।

माइंस मंत्री मंगलवार को सचिवालय में राज्य स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्रों में सिलिकोसिस प्रभावित लोगों के लिए 200 करोड़ रुण् की राशि खर्च करने की स्वीकृति दी गई हैं वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग की योजना के लिए 20 करोड़ रुण् स्वीकृत किए गए हैं। राज्य में सात कॉलेजों के निर्माण के लिए करीब 46 करोड़ रुण् की राशि दी गई हैं।

उन्होंने बताया कि राज्य में सड़कों के निर्माण व सड़क सुधार कार्यों के लिए 750 करोड़ रुण् से अधिक की राशि के व्यय की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही विभिन्न विभागों से प्राप्त 105 करोड़ रुण् के प्रस्तावों को भी अनुमोदित करते हुए बैठक में स्वीकृति दी गई है।

मंत्री  भाया ने बताया कि मुख्यमंत्री  गहलोत द्वारा आदिवासी कल्याण के लिए पिछले दिनों घोषित इंदिरा गांधी मातृ शिशु पोषण सुरक्षा योजना के लिए प्राथ्मिकता से राशि दी जा रही है। 

उन्होंने बताया कि प्रावधानों के अनुसार दो करोड़ से कम के प्रस्तावों को जिला स्तर पर ही जिला प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति में अनुमोदित कराकर व्यय करने के लिए अधिकृत किया हुआ है। इससे जिला स्तरीय बैठक में अनुमोदित कराकर विभिन्न विभागों को राशि उपलब्ध कराई जा रही है।

माइंस मंत्री भाया ने खनन क्षेत्रों के निवासियों व वहां के विकास कार्यों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता प्रतिपादित करने के साथ ही जिला स्तरीय बैठक के नियमित आयोजन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भविष्य में संबंधित विभाग जिला स्तरीय कमेटी से अनुमोदित कराकर ही प्रस्ताव भिजवाएं। उन्होंने बताया कि खनन विभाग को विभागों द्वारा प्राप्त प्रस्तावों को उदारता से अनुमोदित किया गया है क्योंकि मुख्यमंत्री व सरकार की मंशा उपलब्ध राशि का उपयोग करते हुए विकास कार्यों को गति देना है।

माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा ने बताया कि डीएमएफटी फण्ड में उपलब्ध राशि में से 60 प्रतिशत राशि प्राथमिकता क्षेत्र जैसे पेयजलए पर्यावरण संरक्षणए स्वास्थ्यए शिक्षाए महिला एवं बाल कल्याणए वृद्ध एवं दिव्यांग कल्याणए कौशल विकासए स्वच्छता आदि पर खर्च करने का प्रावधान है वहीं 40 प्रतिशत राशि अन्य प्राथमिकता क्षेत्र जैसे सिंचाईंए उर्जा सड़क एवं जल संरक्षण कार्यों पर खर्च करने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि संबंधित विभागों को जिला स्तरीय बैठक में अनुमोदित कराकर ही प्रस्ताव भिजवाएं।शर्मा ने बताया कि विभाग द्वारा खनन से प्राप्त राजस्व में से डीएमएफटी में प्राप्त राशि का उपयोग विकास व जनहितकारी कार्यों में किया जा रहा है।