खनन गतिविधियों व राजस्व संग्रहण ने गति पकड़ी


जयपुर, 23 जनवरी। प्रमुख शासन सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम  अजिताभ शर्मा ने बताया है कि इस वित्तीय वर्ष में कोरोना महामारी के कारण लाॅकडाउन जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद दिसंबर माह में खनिज क्षेत्र में गत साल की इसी अवधि की तुलना में 26 फीसदी अधिक राजस्व अर्जित किया गया है। 

उन्होने बताया कि समग्र रुप से 21 जनवरी तक पिछले साल के 3425 करोड़ 59 लाख के राजस्व की तुलना में 3557 करोड़ 39 लाख रु. का राजस्व प्राप्त किया जा चुका है, जो करीब 131 करोड़ रु. अधिक है। उन्होंनें बताया कि प्रदेश में खनिज व खनन गतिविधियों को विस्तारित करते हुए राजस्व में बढ़ोतरी के कदम उठाए जा रहे हैं।

प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष के अप्रेल, 20 में पिछले अप्रेल, 19 के 251 करोड 23 लाख रु. के राजस्व की तुलना में केवल 37 करोड़ 43 लाख का राजस्व अर्जित किया गया था। यह 85 प्रतिशत से कम राजस्व था। इसके बाद मई माह में भी 39.33 फीसदी राजस्व कम अर्जित हुआ। उन्होंने बताया कि समग्र व योजनावद्ध प्रयासों से राजस्व में उत्तरोत्तर बढ़ोतरी हो रही है और 21 जनवरी, 21 तक इसी अवधि के 3425 करोड़ 59 लाख रु. के राजस्व की तुलना में 3557 करोड़ 39 लाख रु. का राजस्व अर्जित किया जा चुका है। 

विभाग द्वारा राजस्व छीजत पर प्रभावी रोक लगाने और राजस्व संग्रहण की नियमित मोनेटरिंग का ही परिणाम है कि गत वित्तीय वर्ष की तुलना में इस वित्तीय वर्ष में माइंस विभाग में राजस्व संग्रहण का नया रिकार्ड बनने जा रहा है। उन्होंने बताया कि नवंबर माह में दीपावली का त्यौहारी सीजन होने के कारण खनन गतिविधियां अवश्य प्रभावित हुई है पर उसके बाद दिसंबर में खनन गतिविधियों व राजस्व संग्रहण ने पुनः गति पकड़ ली है।

शर्मा ने बताया कि राज्य में लाॅकडाउन के कारण 1 अप्रेल को खनन गतिविधियां लगभग बंद हो गई थी व ई-रवन्ना की संख्या ओसतन प्रतिदिन करीब 130 के न्यूनतम स्तर पर आ गई थी जो आज ओसतन लगभग 33 हजार प्रतिदिन आ गई है। उन्होंने बताया कि राजस्थान देश का प्रमुख खनिज बहुल प्रदेश है और राज्य में लेड जिंक, राॅक फास्फेट, आयरन ओर, काॅपर, सिल्वर, लाइम स्टोन आदि के साथ ही सेंड स्टोन, मार्बल, ग्रेनाइट, मैसेनरी स्टोन, सोप स्टोन, फेल्सपार आदि की खनन गतिविधियां संचालित हो रही है। 

प्रमुख सचिव  शर्मा ने बताया कि राज्य में करीब 15 हजार खनन लीज जारी है। कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के बावजूद खनन गतिविधियों को पटरी पर लाने के समन्वित व सकारात्मक प्रयासों का ही परिणाम है कि प्रदेश में खनन गतिविधियां पूरी गति से होने लगी है और इस क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों को रोजगार मिलना आरंभ हो गया है। 

राज्य सरकार को राजस्व प्राप्ति में भी सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने लगे हैं। कोविड-19 को देखते हुए खनन गतिविधियों में भी केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा जारी हेल्थ प्रोटोकाल व एडवाइजरी की पालना सुनिश्चित करवाने की सख्त हिदायत है। निदेशक खान व पेट्रोलियम श्री कुंज बिहारी पाण्ड्या ने बताया कि विभाग द्वारा राजस्व बढ़ोतरी के प्रयास और छीजत पर रोक के लिए नियमित समीक्षा की जा रही है।