नई दिल्ली, 01 फरवरी । पहला डिजिटल केन्द्रीय बजट पेश करते हुए केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई 2021 में जारी है और कोविड के बाद जब दुनिया में राजनैतिक, आर्थिक, और रणनीतिक संबंध बदल रहे हैं, इतिहास का यह क्षण, नये युग का सवेरा है-ऐसा युग जिसमें भारत वायदों और उम्मीदों की धरती के रूप में उभरा।
केन्द्रीय
बजट 2021-22 की मुख्य बातें इस प्रकार हैं :
- स्वास्थ्य और कल्याण
- वास्तविक और वित्तीय पूंजी, और बुनियादी ढांचा
- आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास
- मानव पूंजी में नवजीवन का संचार
- नवोन्मेष और अनुसंधान और विकास
- न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन
- स्वास्थ्य और खुशहाली
·
बजट में वित्त वर्ष 2021-22 में स्वास्थ्य और खुशहाली में 2,23,846 करोड़ रुपये का व्यय रखा गया है जबकि 2020-21 में यह 94,452 करोड़ रुपये था। यह 137 प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है।
·
स्वास्थ्य के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए तीन क्षेत्रों को
मजबूत करने पर ध्यान केन्द्रित – निवारक, उपचारात्मक, सुधारात्मक ।
·
स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार के लिए कदम
·
टीका
·
वर्ष 2021-22 में कोविड-19 टीके के लिए 35,000 करोड़ रुपये
·
मेड इन इंडिया न्यूमोकोकल वैक्सीन वर्तमान में पांच राज्यों के साथ देश भर में आ जाएगी- जिससे हर वर्ष 50,000 बच्चों की मौतों को रोका जा सकेगा।
·
स्वास्थ्य प्रणालियां
·
प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के लिए 6 वर्ष में 64,180 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे – एक नई केन्द्र प्रायोगिक योजना जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त शुरू किया जाएगा।
·
प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के अंतर्गत मुख्य पहल
निम्नलिखित हैं:
·
§
·
एक स्वास्थ्य के लिए राष्ट्रीय संस्थान
·
17,788 ग्रामीण और 11,024 शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केन्द्र
·
4 वायरोलॉजी के लिए 4 क्षेत्रीय राष्ट्रीय संस्थान
·
15 स्वास्थ्य आपात ऑपरेशन केन्द्र और 2 मोबाइल अस्पताल
·
सभी जिलों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं और 11 राज्यों में 33,82 ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयां
·
602 जिलों और 12 केन्द्रीय संस्थानों में क्रिटिकल केयर अस्पताल ब्लॉक स्थापित करना
·
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी), इसकी पांच
क्षेत्रीय शाखाओं और 20 महानगर स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों
को सुदृढ़ करना
·
एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में विस्तार
ताकि सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को जोड़ा जा सके
·
17 नई सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को चालू करना और 33 मौजूदा सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को मजबूत करना
·
विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय अनुसंधान प्लेटफॉर्म
·
9 बायो सेफटी लेवल III प्रयोशालाएं
·
पोषण
o
·
मिशन पोषण 2.0 का शुभारंभ होगा:
·
पोषणगत मात्रा, डिलीवरी, आउटरीच
तथा परिणाम को सुदृढ़ बनाना
·
संपूरक पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान का विलय किया जाएगा
·
112 आकांक्षी जिलों में पोषणगत परिणामों में सुधार लाने के लिए एक सुदृढ़ीकृत कार्यनीति अपनाई जाएगी
·
·
·
जल आपूर्ति का सर्वव्यापी कवरेज
·
जल जीवन मिशन (शहरी) के लिए पांच वर्ष में 2,87,000 करोड़ रुपये का परिव्यय – इसे निम्न प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया जाएगा।
§
§
·
2.86 करोड़ परिवारों को नल कनेक्शन
·
सभी 4,378 शहरी स्थानीय निकायों में सर्व सुलभ जल आपूर्ति
·
500 अमृत शहरों में तरल कचरा प्रबंधन
§ स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत
शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के लिए पांच वर्ष की अवधि में 1,41,678 करोड़ रुपये का कुल वित्तीय आवंटन
·
स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के अंतर्गत मुख्य इरादा
·
§
·
पूर्ण मल-मूत्र प्रबंधन और अपशिष्ट जल शोधन
·
कचरे के स्रोत पर पृथक्करण
·
एकल उपयोग प्लास्टिक में कमी लाना
·
निर्माण और विध्वंस के कार्याकलापों के कचरे का प्रभावी रूप से
प्रबंध करके वायु प्रदूषण में कमी लाना।
·
सभी पुराने डम्प साइटों के बायो उपचार पर ध्यान केन्द्रित करना
·
वायु प्रदूषण
·
वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 42 शहरी केन्द्रों के लिए 2,217 करोड़ रुपये की राशि मुहैया कराना
·
स्क्रैपिंग नीति
·
पुराने और अनुपयुक्त वाहनों को हटाने के लिए एक स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति
·
ऑटोमोटिड फिटनेस सेंटर में फिटनेस जांच:
·
निजी वाहनों के मामले में 20 वर्ष के बाद
·
वाणिज्यिक वाहनों के मामलें में 15 वर्ष बाद
- वास्तविक और वित्तीय पूंजी तथा अवसंरचना
·
उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई)
·
13 क्षेत्रों में पीएलआई योजना के लिए अगले पांच वर्षों में 1.97 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था
·
आत्मनिर्भर भारत के लिए विनिर्माण वैश्विक चैंपियन बनाना
·
विनिर्माण कंपनियों के लिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का एक अभिन्न अंग बनने के लिए सक्षमता और अत्याधुनिकी प्रौद्योगिकी रखने की आवश्यकता
·
प्रमुख क्षेत्रों में व्यापकता और आकार लाना
·
युवाओं को नौकरियां प्रदान करना
·
कपड़ा
·
पीएलआई योजना के अतिरिक्त मेगा निवेश टेक्सटाइल पार्क (मित्र) योजना
·
तीन वर्ष की अवधि में 7 टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जाएंगे
·
o
·
कपड़ा उद्योग को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाने, बड़े
निवेश आकर्षित
करने तथा रोजगार सृजन को तेज करने के लिए पीएलआई योजना
·
·
राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) का विस्तार करके इसमें 7400 परियोजनाओं
को शामिल कर दिया गया है
·
1.10 लाख करोड़ रुपये की करीब 217 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं
·
o
·
एनआईपी के लिए वित्त पोषण में वृद्धि के लिए तीन तरीकों में इसे पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे
I.
संस्थागत संरचनाएं सृजित करके
II.
आस्तियों के मुद्रीकरण पर जोर देकर
III.
केन्द्रीय तथा राज्य बजटों में पूंजीगत व्यय के हिस्सों में
बढ़ेतरी करके
- संस्थागत बुनियादी ढांचे का गठन : अवसंरचना वित्त पोषण
·
विकास वित्तीय संस्थान (डीएफआई) के पूंजीकरण के लिए 20,000 करोड़ रुपये की धनराशि मुहैया कराई गई है, ताकि यह बुनियादी ढांचा वित्त पोषण के लिए प्रदाता और उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर सकें
·
तीन वर्षों में प्रस्तावित डीएफआई के अंतर्गत कम-से-कम 5 लाख करोड़ रुपये के उधारी पोर्टफोलियो हों
·
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा आईएनवीआईटी और आरईआईटी का ऋण
वित्तपोषण संगत विधानों में उपयुक्त संशोधन करके पूरा किया जाएगा।
- परिसम्पत्तियों पर जोर
·
राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन की शुरुआत की जाएगी
·
महत्वपूर्ण परिसम्पत्ति
मुद्रीकरण उपाय
- 5,000 करोड़ रुपये के अनुमानित उद्यम मूल्य
के साथ पांच परिचालित टोल सड़कें एनएचएआईआईएनवीआईटी को हस्तांतरित की जा रही है
- 7,000 करोड़ रुपये मूल्य की ट्रांसमिशन
परिसम्पत्तियां पीजीसीआईएलआईएनवीआईटी को हस्तांतरिक की जाएंगी
- रेलवे समर्पित भाड़ा कॉरिडोर की परिसम्पत्तियों
को चालू होने के बाद प्रचालन और रखरखाव के लिए मुद्रीकृत करेगा
- विमान पत्तनों के प्रचालनों और प्रबंधन रियायत के लिए
मुद्रीकृत की जाएगी।
- अन्य प्रमुख बुनियादी ढांचा परिसम्पत्तियों के
परिसम्पत्ति मुद्रीकरण कार्यक्रम के तहत शुरू किया जाएगा
·
गेल, आईओसीएल
और एचपीसीएल की तेल और गैस पाइपलाइनें
·
टियर II और
III शहरों में एएआई विमानपत्तन
·
अन्य रेलवे
बुनियादी ढांचा परिसम्पत्तियां
·
केन्द्रीय वेयरहाउसिंग निगम और नैफेड जैसे सीपीएसई की वेयरहाउसिंग परिसम्पत्तियां
·
खेल स्टेडियम
iii पूंजीगत बजट में तीव्र वृद्धि
·
·
वर्ष 2021-22 के लिए पूंजीगत व्यय में तेज वृद्धि कर 5.54 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं, जो 2020-21 में आवंटित 4.12 लाख करोड़ रुपये से 34.5 प्रतिशत अधिक है :
·
राज्यों और स्वायत्तशासी संगठनों को उनके पूंजीगत व्यय के लिए 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्रदान की जाएगी
·
पूंजीगत व्यय की अच्छी प्रगति को देखते हुए परियोजनाओं/कार्यक्रमों/विभागों के लिए प्रदान किए जाने वाले आर्थिक कार्य विभाग के बजट में 44,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि रखी गई है।
सड़क एवं राजमार्ग
अवसंरचना
·
सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय को 1,81,101 लाख करोड़ रूपये का अब तक का सर्वाधिक आवंटन—जिसमें से 1,08,230 करोड़ रूपये पूंजी जुटाने के लिए
·
5,35 लाख करोड़ रूपये की भारतमाला परियोजना के तहत 3.3 लाख करोड़ रूपये की लागत से 13,000 किमी लंबी सड़कों का निर्माण शुरू
·
3,800 किलोमीटर लम्बी सड़कों का निर्माण हो चुका है।
·
मार्च, 2022 तक 8,500 किलोमीटर लम्बी सड़के और बनाई जाएगी।
·
11,000 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारे भी मार्च, 2022 तक पूरे कर लिए जाएंगे।
·
आर्थिक गलियारे बनाने की योजना
·
तमिलनाडु में 1.03 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 3,500 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का कार्य
किया जाएगा।
·
केरल में 65,000 करोड़ रुपये के निवेश से 1,100 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण
·
पश्चिम बंगाल में 25,000 करोड़ रुपये लागत का 675 किलोमीटर
का राजमार्ग निर्माण कार्य
·
असम में 19,000 करोड़ रुपये लागत का राष्ट्रीय राजमार्ग कार्य इस
समय जारी है। राज्य में अगले तीन वर्षों में 34,000 करोड़ रुपये लागत के 1,300 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य किया जाएगा।
·
महत्वपूर्ण सड़क और राजमार्ग परियोजनाएं
·
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वेः 260 किलोमीटर का शेष कार्य 31/03/2021 तक प्रदान कर दिया जाएगा।
·
बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेस-वेः 278 किलोमीटर का कार्य मौजूदा वित्त वर्ष में शुरू हो जाएगा। निर्माण कार्य 2021-22 में शुरू होगा।
·
कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वेः राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-27 के लिए वैकल्पिक 63 किलोमीटर के एक्सप्रेस-वे का कार्य 2021-22 में आरंभ होगा।
·
दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियाराः 210 किलोमीटर की गलियारे का कार्य मौजूदा वित्त वर्ष
में शुरू होगा। निर्माण कार्य 2021-22 में आरंभ होगा।
·
रायपुर-विशाखापत्तनमः छत्तीसगढ़, ओडिशा
और उत्तरी आंध्र प्रदेश से होकर गुजरने वाले 464 किलोमीटर लम्बी सड़क की परियोजना मौजूदा वर्ष में
प्रदान की जाएगी।
·
चेन्नई-सेलम गलियाराः 277 किलोमीटर लम्बे एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य 2021-22 में आरंभ होगा।
·
अमृतसर-जामनगरः निर्माण 2021-22 में शुरू होगा।
·
दिल्ली-कटराः निर्माण कार्य 2021-22 में आरंभ होगा।
चार लेन और छह लेन के सभी
नए राजमार्गों में उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली स्थापित की जाएगी
·
स्पीड रडार
·
परिवर्तनशील संदेश साइनबोर्ड
·
जीपीएस समर्थित रिकवरी वाहन स्थापित किए जाएंगे।
रेलवे अवसंरचना
·
रेलवे के लिए 1,10,055 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है, जिसमें से 1,07,100 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए।
·
भारत के लिए राष्ट्रीय रेल योजना (2030) : 2030 तक भविष्य के लिए तैयार रेल
व्यवस्था बनाने के लिए
·
दिसम्बर,
2023 तक ब्रॉड-गेज मार्गों पर
शत-प्रतिशत विद्युतिकरण पूरा करना।
·
ब्रॉड-गेज मार्ग किलोमीटर (आरकेएम) विद्युतिकरण 2021 के अंत तक 72 प्रतिशत यानी 46,000 आकेएम तक पहुंचाना।
·
पश्चिमी समर्पित भाड़ा कॉरिडोर (डीएफसी) और पूर्वी डीएफसी को जून 2022 तक चालू करना। इससे परिवहन लागत कम होगी और मेक-इन-इंडिया रणनीति को
समर्थ बनाया जा सकेगा।
·
अतिरिक्त पहले प्रस्तावित हैं :
·
2021-22 में पूर्वी डीएफसी का सोननगर – गोमो खण्ड (263.7 किमी) पीपीपी मोड में शुरू किया जायेगा।
·
भावी समर्पित भाड़ा कॉरिडोर परियोजनाए –
·
खडगपुर से विजयवाड़ा तक पूर्वी तट कॉरिडोर
·
भुसावल से खडगपुर से दानकुनी तक पूर्वी-पश्चिमी कॉरिडोर
·
इटारसी से विजयवाड़ा तक उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर
·
यात्रियों की सुगमता और सुरक्षा के उपाय
·
यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव देने के लिए पर्यटक रूटों पर सौन्दर्यपरक
रूप से डिजाइन किए गए बिस्टाडोम एलएचवी कोच का आरंभ करेंगे।
·
भारतीय रेलवे के उच्च घनत्व नेटवर्क और उच्च उपयोग किए जाने वाले
नेटवर्क रूटों को स्वचालित ट्रेन संरक्षण प्रणाली प्रदान की जायेगी, जो मानवीय त्रुटि के कारण ट्रेनों
के टकराने जैसी दुर्घटनाओं को समाप्त करेगी।
शहरी
अवसंरचना
·
सरकार मेट्रो रेल नेटवर्क का विस्तार करके और सिटी बस सेवा प्रारंभ
कर शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ाने की दिशा में काम करेगी।
·
सार्वजनिक बस परिवहन सेवाओं का विस्तार करने के लिए 18,000 करोड़ रुपये की लागत से एक नई योजना शुरू की जाएगी।
·
इसके तहत नवोन्मेषी पीपीपी मॉडल लागू किया जाएगा, जिसके तहत निजी क्षेत्र के परिचालकों को 20,000 से ज्यादा बसों की खरीद, परिचालन, रख-रखाव और वित्त का प्रबंधन
करने का अवसर मिलेगा।
·
इस योजना से ऑटोमोबाइल क्षेत्र को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ आर्थिक
प्रगति की रफ्तार तेज होगी, युवाओं
के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन होगा और शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के
लिए आवागमन अधिक आसान हो जाएगा।
·
देश में इस समय करीब 702 किलोमीटर पारम्परिक मेट्रो ट्रेनें चल रही हैं और 27 शहरों
में 1,016 किलोमीटर लम्बी मेट्रो तथा आरआरटीएस लाइनों का निर्माण किया जा रहा है।
·
सरकार ‘मेट्रो लाइट’ और ‘मेट्रो नियो’ – दो नई प्रौद्योगिकियां लागू कर आम लोगों को काफी कम कीमत पर और पहले जैसा
अनुभव देने वाली मेट्रो रेल प्रणाली देना चाहती है। यह प्रणाली टियर-2 और टियर-1 शहरों के आस-पास बसे इलाकों में आसान और
सुरक्षित आवागमन की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी।
जिन
योजनाओं के लिए केन्द्रीय बजट में मदद का प्रावधान किया गया है, वे इस प्रकार हैं –
- 1,957.05 करोड़ रुपये की लागत से 11.5 किलोमीटर लम्बा कोच्चि मेट्रो रेलवे फेज-3 .
- 63,246 करोड़ रुपये की लागत से 118.9 किलोमीटर लम्बा चेन्नई मेट्रो रेलवे फेज-2 .
- 14,788 करोड़ रुपये की लागत से 58.19 किलोमीटर लम्बा बेंगलुरु मेट्रो रेलवे प्रोजेक्ट फेज-2ए और 2बी .
- 5,976
करोड़ रुपये की लागत से नागपुर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट फेज-2 और 2,092 करोड़ रुपये की लागत से नासिक मेट्रो
का निर्माण।
विद्युत अवसंरचना
·
पिछले 6 सालों में स्थापित क्षमता में 139 गीगा वाट्स का इजाफा किया गया है और 1.41 लाख किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनें जोड़ी गई हैं, 2.8 करोड़ अतिरिक्त घरों में कनेक्शन दिये गये हैं।
·
ऐसा फ्रेमवर्क तैयार किया जायेगा जिसमें विद्युत वितरण कंपनियों के
बीच प्रतिस्पर्धा बढ़े और उपभोक्ताओं को विकल्प चुनने का अवसर मिले।
·
आने वाले 5 वर्षों में 3,05,984 करोड़ रुपये के व्यय से एक परिष्कृत और सुधार आधारित तथा परिणाम संबद्ध विद्युत वितरण
क्षेत्र योजना शुरू की जायेगी।
·
2021-22 में एक वृहद हाइड्रोजन एनर्जी मिशन शुरू किया जायेगा।
पत्तन, नौवहन, जलमार्ग
·
वित्त वर्ष 2021-22 में बड़े-बड़े पत्तनों पर सरकारी और निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत प्रमुख पत्तनों द्वारा 7 परियोजनाएं प्रस्तावित की जाएंगी जिनकी लागत 2,000 करोड़ रुपये से अधिक होगी।
·
आने वाले 5 वर्षों में भारतीय शिपिंग कंपनियों को मंत्रालयों और सीपीएसई के वैश्विक
टेंडरों में 1624 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की जायेगी।
·
2024 तक रिसाइंकिलिंग की मौजूदा क्षमता को मौजूदा 4.5 मिलियन
लाइट डिस्प्लेसमेंट टन (एलडीटी) से बढ़ाकर दोगुना कर दिया जायेगा।
इससे डेढ़ लाख अतिरिक्त नौकरियां पैदा होंगी।
पेट्रोलियम
और प्राकृतिक गैस
·
उज्ज्वला योजना का विस्तार कर इसमें 1 करोड़
और लाभार्थियों को शामिल किया जायेगा।
·
अगले तीन वर्ष में 100 अन्य जिलों को सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन
नेटवर्क से जोड़ा जायेगा।
·
जम्मू-कश्मीर में एक नई गैस पाइप लाइन परियोजना शुरू की जायेगी।
·
एक स्वतंत्र गैस ट्रांसपोर्ट सिस्टम ऑपरेटर का गठन किया जायेगा
ताकि बिना किसी भेदभाव के खुली पहुंच के आधार पर सभी प्राकृतिक गैस पाइप लाइनों की कॉमन कैरियर कैपिसिटी की बुकिंग में सुविधा प्रदान की जा सकेगी।
वित्तीय
पूंजी
·
एक युक्तिसंगत एकल सिक्योरिटीज मार्केट कोड तैयार किया जायेगा।
·
सरकार जीआईएफटी - आईएफएससी में एक विश्वस्तरीय फिनटेक हब विकसित
करने के लिए समर्थन देगी।
·
दवाब के वक्त में और सामान्य समय में कारपोरेट बांड मार्केट में
भागीदारों के बीच विश्वास पैदा करने के लिए और सेकेन्ड्री मार्केट लिक्विडिटी को
बढाने के लिए एक स्थाई संस्थागत फ्रेमवर्क तैयार किया जायेगा।
·
सोने के विनिमय को विनियमित करने के लिए एक व्यवस्था स्थापित की जायेगी। इस उद्देश्य के लिए सेबी को एक विनियामक के रूप में अधिसूचित किया जाएगा तथा वेयर हाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेट्री अथारिटी को मजबूत बनाया जायेगा।
·
निवेशकों को संरक्षण देने के लिए एक इन्वेस्टर चार्टर लागू किया
जायेगा।
·
गैर परंपरागत ऊर्जा क्षेत्र को और अधिक बढ़ावा देने के लिए भारतीय
सौर ऊर्जा निगम में 1,000 करोड़ रुपये और भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी में 1,500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी लगाई जायेगी।
बीमा
क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाना
·
बीमा कंपनियों में स्वीकार्य एफडीआई सीमा को 49 प्रतिशत
से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करना और विदेशी स्वामित्व
और नियंत्रण से सुरक्षा को बढ़ाना।
तनावग्रस्त
परिसंपत्ति का समाधान
·
एक असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड और असेट मैनेजमेंट कंपनी का
गठन किया जायेगा।
पीएसबी
का पुन: पूंजीकरण
·
पीएसबी की वित्तीय क्षमता को और अधिक समेकित करने के लिए 2021-22 में 20,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त पुन: पूंजीकरण किया जायेगा।
जमा
बीमा
·
डीआईसीजीसी एक्ट,
1961 में संशोधन करने का प्रस्ताव है ताकि इसके प्रावधानों को स्ट्रीम लाइन किया जा सके और बैंक में जमा करन वाले लोग आसानी से और समय से अपनी जमा राशि को उस सीमा तक प्राप्त कर सकें, जिस सीमा तक वह बीमा कवरेज के तहत आती है।
·
छोटे कर्जदारों के हितों को सुरक्षा प्रदान करने और क्रेडिट व्यवस्था
में सुधार लाने के लिए उन एनबीएफसी के लिए जिसकी न्यूनतम परिसंपत्ति 100 करोड़
रुपये तक की हो सकती है, सिक्यूरीटाइजेशन एंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियल असेट्स एंड इनफोर्समेंट ऑफ सिक्यूरिटी कानून, 2002 के तहत ऋण वसूली के लिए न्यूनतम ऋण सीमा को 50 लाख रुपये के मौजूदा स्तर
से कम करके 20 लाख रुपये किया जायेगा।
कंपनी
मामले
·
लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) कानून 2008 को
अपराध मुक्त बनाया जायेगा।
·
कंपनी अधिनियम 2013 के तहत लघु कंपनियों की परिभाषा में संशोधन किया
जायेगा जिसके तहत प्रदत्त पूंजी के लिए उनकी न्यूनतम सीमा 50 लाख रुपये से अधिक नहीं होने के स्थान पर 2 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना तथा कारोबार की न्यूनतम सीमा 2 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होने के स्थान पर 20 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना तय किया जायेगा।
·
स्टार्टअप और नवाचार के लिए काम करने वालों को ओपीसी की मंजूरी देते
हुए एकल व्यक्ति कंपनी के निगमन को प्रोत्साहित किया जायेगा।
·
प्रदत्त पूंजी और टर्नओवर पर बिना किसी प्रतिबंध के उनकी प्रगति को
अनुमति देना।
·
किसी भी समय कंपनी के अन्य प्रकार में उनके परिवर्तन को अनुमति
देना।
·
किसी भारतीय नागरिक के लिए ओपीसी स्थापित करने के लिए निवास अवधि
सीमा 182 दिन से घटाकर 120 दिन करना।
·
गैर प्रवासी भारतीयों को भारत में ओपीसी स्थापित करने की अनुमति
देना।
·
मामलों का निम्नलिखित के द्वारा तेजी से समाधान सुनिश्चित करना
·
एनसीएलटी ढांचे को मजबूत बनाना
·
ई कोर्ट – प्रणाली को लागू करना
·
ऋण समाधान के वैकल्पिक तरीकों को शुरू करना और एमएसएमई के लिए विशेष ढांचा
·
मामलों का निम्पलिखित के द्वारा तेजी से समाधान सुनिश्चित करना
·
वर्ष 2021-22 में डाटा विश्लेषण, कृत्रिम बौद्धिकता मशीन, शिक्षा जनित एमसीए 21 वर्जन 3.0 की शुरुआत।
·
विनिवेश एवं रणनीतिक बिक्री
·
बजट अनुमान 2020-21 में विनिवेश से 1,75,000 करोड़ रुपए की अनुमानित प्राप्तियां
·
बीपीसीएल, एयर इंडिया, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर
कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, बीईएमल,
पवन हंस, नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड आदि का
रणनीतिक विनिवेश 2020-21 में पूरा हो जाएगा
·
आईडीबीआई बैंक के अलावा दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और एक जनरल
बीमा कंपनी का निजीकरण किया जाएगा
·
2021-22 में
एलआईसी का आईपीओ
·
रणनीतिक विनिवेश के लिए नई नीति को मंजूरी
·
सीपीएसई ने 4
रणनीतिक क्षेत्रों में निजीकरण को स्वीकार किया
·
नीति आयोग रणनीतिक विनिवेश के लिए सीपीएसई की नई सूची पर काम करेगा
·
केंद्रीय निधियां उपयोग करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र कंपनियों के
विनिवेश के लिए राज्यों को प्रोत्साहन दिया जाएगा
·
बेकार पड़ी जमीन के मौद्रिकरण के लिए कंपनी के रूप में विशेष उद्देश्य
वाहन
·
बीमार और हानि उठा रही सीपीएसई को समय पर बंद करने के लिए संशोधित
कार्यविधि की
शुरुआत
·
सरकारी वित्तीय सुधार
·
o
·
वैश्विक आवेदन के लिए स्वायत्तशासी निकायों के लिए ट्रेजरी सिंगल
एकाउंट का विस्तार
·
सहकारिता के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को सहज बनाने के लिए अलग
प्रशासनिक ढांचा.
·
·
आकांक्षी भारत के समग्र विकास
·
कृषि
·
सभी जिन्सों के लिए उत्पादन लागत का कम से कम डेढ़ गुना न्यूनतम
समर्थन मूल्य सुनिश्चित करना
·
खरीद में काफी बढ़ोत्तरी के कारण किसानों को भुगतान में निम्नानुसार
बढ़ोत्तरी हुई।
·
करोड़ रुपये में)
2013-14 |
2019-20 |
2020-21 |
|
गेहूं |
33,874 रुपये |
62,802 रुपये |
75,060 रुपये |
चावल |
63,928 रुपये |
1,41,930 रुपये |
172,752 रुपये |
दालें |
236 रुपये |
8,285 रुपये |
10,530 रुपये |
· स्वामित्व योजना का सभी राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों में विस्तार
किया जाएगा। 1241
गांवों में 1.80 लाख संपत्ति मालिकों को कार्ड पहले ही उपलब्ध
कराए जा चुके हैं
· वित्तीय वर्ष 2022 में कृषि क्रेडिट लक्ष्य बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है। पशुपालन डेरी और मछली पालन ध्यान
केंद्रित क्षेत्र होंगे
· ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास निधि 30 हजार करोड़ से बढ़ाकर 40
हजार करोड़ रुपए की जाएगी
· सूक्ष्म सिंचाई निधि दोगुनी करके 10 हजार करोड़ रुपए की गई
· ऑपरेशन ग्रीन स्कीम जल्दी खराब होने वाले 22 उत्पादों तक विस्तारित
ताकि कृषि और संबद्ध उत्पादों में मूल्य संवर्द्धन को बढ़ावा मिले।
· ई-नाम के माध्यम से लगभग 1.68 करोड़ किसानों को पंजीकृत किया गया और 1.14 लाख करोड़ रुपए मूल्य का व्यापार किया गया। 1000
और मंडियों को पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा लाने के लिए ई-नाम के साथ एकीकृत किया
जाएगा
· ईपीएमसी को बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने के लिए कृषि बुनियादी ढांचा
निधियों तक पहुंच मिलेगी।
· मछली पालन
· समुद्र और देश में आधुनिक मछली बंदरागाहों और मछली लैंडिंग केंद्रों
के विकास के लिए निवेश
· पांच प्रमुख मछली बंदरगाहों कोच्चि, चेन्नई, विशाखापट्टनम,
पाराद्वीप और पेतवाघाट को आर्थिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में
विकसित किया जाएगा
· सीवीड उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए तमिलनाडु में बहुउद्देशीय
सीवीड पार्क
·
·
प्रवासी कामगार और मजदूर
·
देश में कहीं भी राशन का दावा करने के लिए लाभार्थियों के लिए वन
नेशन, वन राशन कार्ड योजना-इसका प्रवासी कामगारों ने
सबसे अधिक लाभ उठाया है
·
योजना लागू होने से अब तक 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 86 प्रतिशत लाभार्थियों को शामिल किया गया
·
बकाया 4
राज्य भी अगले कुछ महीनों में इसमें एकीकृत हो जाएंगे
·
गैर संगठित मजदूरों, प्रवासी कामगारों विशेष रूप से इनके लिए सहायता प्रदान करने वाली योजनाओं
को तैयार करने के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए पोर्टल
4 श्रम संहिताओं को लागू करने की प्रक्रिया जारी
·
नावों और प्लेटफॉर्मो पर काम करने वाले मजदूरों के लिए सामाजिक
सुरक्षा का लाभ
·
सभी श्रेणि के मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी की व्यवस्था लागू
होगी और उनको
कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अंतर्गत लाया जाएगा
·
महिला कामगारों को सभी श्रेणियों में काम करने की इजाजत होगी, जिसमें वह रात्रि पाली में भी काम कर सकेंगी और उन्हें पूरी सुरक्षा
प्रदान की जाएगी
·
नियोजकों पर पड़ने वाले अनुपालन भार को भी कम किया जाएगा और उनको
सिंगल रजिस्ट्रेशन और लाइसेंसिंग का लाभ दिया जाएग, जिससे
वे अपना रिटर्न ऑनलाइन भर सकेंगे
वित्तीय समायोजन
·
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के लिए चलाई गई स्टैंडअप
इंडिया स्कीम
·
मार्जिंन मनी को घटाकर 15 प्रतिशत किया गया
·
इसमें कृषि से संबंधित क्रियाकलापों के लिए दिये जाने वाले ऋणों को
शामिल किया जाए
·
एमएसएमई क्षेत्र के लिए बजट में 15700 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है, जोकि इस
वर्ष के बजट अनुमान का दोगुना है।
4. मानव पूंजी का पुनः शक्तिवर्धन
विद्यालय शिक्षा
15,000 से अधिक विद्यालयों में गुणवत्ता की दृष्टि से सुधार किया जाएगा ताकि वहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी घटकों का अऩुपालन हो सके। वह अपने-अपने क्षेत्र में एक
उदाहरणपरक विद्यालय के रुप में उभर कर आएंगे और अन्य विद्यालयों को भी सहारा
देंगे।
गैर-सरकारी संगठनों / निजी स्लूकों / राज्यों के साथ भागीदारी में 100 नए
सैनिक स्कूल स्थापित किए जाएंगे।
उच्चतर शिक्षा
भारतीय उच्चतर शिक्षा
आयोग गठित करने को लेकर इस वर्ष विधान पेश किया जाएगा। यह एक छत्रक निकाय होगा
जिसमें निर्धारण, प्रत्यायन, विनियमन, और फंडिग के लिए चार अलग-अलग घटक होंगे।
सभी सरकारी कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों द्वारा कई शहरों में छत्रक
संरचनाओँ की स्थापना की जाएगी, जिससे बेहतर समन्वय हो सके।
इस उद्देश्य के लिए एक
ग्लू ग्रांट अलग से रखा जाएगा।
लद्दाख में उच्च शिक्षा
तक पहुंच बनाने के लिए लेह में केन्द्रीय विश्व विद्यालय स्थापना की जाएगी।
अनुसूचित जाति एवं
अनुसूचित जनजाति कल्याण
जनजातीय क्षेत्रों में 750 एक्लव्य
मॉडल रिहायशी स्कूलों की स्थापना करने का लक्ष्य।
ऐसे स्कूलों की इकाई लागत
को बढ़ाकर 38 करोड़ रुपये करना।
पहाड़ी और दुर्गम
क्षेत्रों के लिए इसे बढ़ाकर 48 करोड़ रुपये करना।
जनजातीय विद्यार्थियों के
लिए अवसंरचना सुविधा को पैदा करने पर ध्यान देना।
·
·
अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना
पुनः प्रारंभ की गई
·
2025-2026 तक
6 वर्षों के लिए 35,219 करोड़ रुपए की
केन्द्रीय सहायता में वृद्धि की गई
·
इससे 4 करोड़
अनुसूचित जाति के छात्रों को लाभ मिलेगा
·
·
कौशल
·
·
युवाओं के लिए अवसरों को बढ़ाने के लिए अप्ररैन्टिसशिप अधिनियम में
सुधार का प्रस्ताव दिया
·
अभियांत्रिकी में स्नातकों और डिप्लोमा धारकों की शिक्षा-उपरांत
अप्ररैन्टिसशिप, प्रशिक्षण
की दिशा में मौजूदा राष्ट्रीय अप्ररैन्टिसशिप प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) के
पुनर्सृजन के लिए 3,000 करोड़ रूपए
·
कौशल में अन्य देशों के साथ साझेदारी की पहलों को आगे बढ़ाया जाएगा।
जिस तरह की साझेदारी इन देशों के साथ की गई हैः
·
संयुक्त अरब अमीरात के साथ कौशल योग्यता, मूल्याँकन, प्रमाणीकरण
और प्रमाणित श्रमिकों की तैनाती
·
जापान के साथ कौशल, तकनीक और ज्ञान के हस्तांतरण के लिए सहयोगपूर्ण अंतर-प्रशिक्षण कार्यक्रम
(टीआईटीपी)
5. नवोन्मेष और अनुसंधान और विकास
·
o
·
राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के लिए जुलाई 2019 में एक कार्यप्रणाली
तैयार की गई थी।
·
पाँच वर्ष में 50,000 करोड़ रुपए का परिव्यय
·
संपूर्ण अनुसंधान व्यवस्था को मजबूत करना और राष्ट्रीय प्राथमिकता
वाले क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रति करना
·
भुगतान के डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की प्रस्तावित योजना के लिए 15,00 करोड़ रुपए
·
प्रमुख भारतीय भाषाओं में शासन और नीति से संबंधित ज्ञान को उपलब्ध
कराने के लिए राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन (एनटीएलएम) की शुरूआत की पहल
·
न्यू स्पेश इंडिया लिमिटेड द्वारा पीएसएलवी-सीएस51 को छोड़ा जाएगा जो अपने साथ
ब्राजील के अमेज़ोनिया उपग्रह और कुछ भारतीय उपग्रहों को ले जाएगा
·
गगनयान मिशन गतिविधियों के तहत-
§
·
चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को रूस में जैनरिक स्पेस फ्लाइट के
बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है
·
पहला मानवरहित प्रक्षेपण दिसंबर 2021 में होगा
·
o
·
गहरे महासागर मिशन सर्वैक्षण अन्वेषण और गहरे महासागर की जैव विविधता
के संरक्षण के लिए पाँच वर्षों में 4,000 करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है
6. न्यूनतम
सरकार, अधिकतम शासन
·
o
·
तेजी से न्याय सुनिश्चित करने के लिए, ऩ्यायाधिकरणों में सुधार लाने के उपाय
राष्ट्रीय संबंद्ध स्वास्थ्यदेखभाल
व्यवसायी आयोग का पहले ही प्रस्ताव किया जा चुका है ताकि 56 संबंद्ध स्वास्थ्य देखभाल
कर्मियों की पारदर्शिता और दक्षता पर नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके।
·
राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवायफरी आयोग विधेयक नर्सिंग व्यवसाय में
पारदर्शिता और प्राशसनिक सुधार के लिए प्रस्तुत किया गया
·
सीपीएसई के साथ अनुबंध विवाद के तुरंत निपटारे के लिए विवाद निपटान
तंत्र का प्रस्ताव
·
भारत के इतिहास में पहली डिजिटल जनगणना के लिए 3,768 करोड़ रुपये आवंटित
·
पुर्तगाल से गोवा राज्य की स्वतंत्रता की हीरक जयंती समारोह मनाने के
लिए गोवा सरकार को 300 करोड़ रुपये का अनुदान
·
असम और पश्चिम बंगाल में चाय बगान कामगारों विशेष रूप से महिला और
उनके बच्चों की कल्याण के लिए विशेष योजना के लिए 1000 करोड़ रुपये का आवंटन
राजकोषीय स्थिति
मूल बजट अनुमान 2021-22 |
मूल अनुमान 2020-21 |
बजट अनुमान 2021-22 |
|
व्यय |
30.42 लाख करोड़ रुपये |
34.50 लाख करोड़ रुपये |
34.83 लाख करोड़ रुपये |
पूंजीगत व्यय |
4.12 लाख करोड़ रुपये |
4.39 लाख करोड़ रुपये |
5.5 लाख करोड़ रुपये |
राजकोषीय घाटा (जीडीपी का प्रतिशत) |
|
9.5 प्रतिशत |
6.8 प्रतिशत |
·
30.42 लाख करोड़ रुपये के वास्तविक बजट अनुमान व्यय की अपेक्षा व्यय के लिए मूल अनुमान 34.50 लाख करोड़ रुपये है।
·
व्यय की गुणवत्ता बरकरार रखी गई है, जबकि
कैपिटल व्यय का अनुमान 2020-21 के बजटीय अनुमान के अनुसार 4.12 लाख
करोड़ रुपये
की अपेक्षा 2020-21 में वास्तविक अनुमान के अनुसार 4.39 लाख
करोड़ रुपये हैं।
·
2021-22 के बजट अनुमान में अनुमानित व्यय 34.83 लाख करोड़ रुपये रखा गया है, इसमें 5.5 लाख करोड़ रुपये कैपिटल व्यय के लिए शामिल है और अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए 34.5 प्रतिशत की
वृद्धि की गई है।
·
2021-22 के बजट अनुमान में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.8 प्रतिशत अनुमानित है। सरकार की उधारी, बहुपक्षीय उधारी, लघु बचत कोष और लघु अवधि की उधारी से प्राप्त धन के कारण 2020-21 के वास्तविक अनुमान के अनुसार राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 9.5 प्रतिशत हो गया है।
·
अगले वर्ष के लिए बाजार से सकल उधारी लगभग 12 लाख
करोड़ रुपये रखे गए है।
·
2025-26 तक राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत तक करने के लिए राजकोषीय संकोचन के मार्ग पर अग्रसर होने की योजना है।
·
यह लक्ष्य उचित समाधान के द्वारा कर से प्राप्त आय में वृद्धि और
सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और भूमि सहित परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण से हासिल
किया जाएगा।
·
इस वर्ष अभूतपूर्व परिस्थितियों को देखते हुए एफआरबीएम अधिनियम के
भाग 4(5) और 7(3) (बी) के अंतर्गत विचलन विवरणी प्रस्तुत की गई।
·
लक्षित राजकोषीय घाटा स्तर हासिल करने के लिए एफआरबीएम अधिनियम में
संशोधन का प्रस्ताव।
·
वित्त विधेयक के माध्यम से भारत के फुटकर व्यय कोष को 500 करोड़
रुपये बढ़ाकर 30,000 करोड़ रुपये किया गया।
राज्यों की कुल उधारीः
·
·
15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार वर्ष 2021-22 के दौरान राज्यों को जीएसडीपी के 4 प्रतिशत कुल उधारी प्राप्त करने की मंजूरी।
·
इसके हिस्से के तहत पूंजीगत व्यय में वृद्धि
·
कुछ शर्तों के साथ जीएसडीपी का 0.5 प्रतिशत अतिरिक्त उधारी की सीमा प्रदान की गई
·
·
15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार राज्यों का 2023-24 तक राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3 प्रतिशत तक लाना।
15वां वित्त आयोगः
·
·
2021-26 के लिए अंतिम रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी गई, राज्यों के सीधे शेयर 41 प्रतिशत पर रखे गए।
·
केन्द्र से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केन्द्र शासित प्रदेशों को धन
उपलब्ध कराया जाएगा।
·
आयोग की सिफारिश के अनुसार वर्ष 2020-21 में 14 राज्यों को राजस्व हानि अनुदान के रूप में 74340 करोड़ रुपये की अपेक्षा 2021-22 में 17 राज्यों को 118452 करोड़ रुपये दिए गए।
कर प्रस्तावः
निवेश बढ़ाने और रोजगार सृजत करने के साथ-साथ
करदाताओं पर बोझ करने के उद्देश्य से पारदर्शी और उचित कर प्रणाली का दृष्टिकोण।
·
·
प्रत्यक्ष कर
उपलब्धियाः
·
o
·
कॉरपोरेट कर की दर कम कर विश्व में सबसे कम स्तर पर लाया गया
·
छोटे करदाताओं पर कर का भार करने के लिए छूट में वृद्धि कम की गई
·
2014 में आयकर दाखिल करने वालों की संख्या 3.31 करोड़
से बढ़कर 2020 में 6.48 करोड़ हुई
·
फेसलेस निर्धारण और फेसलेस अपील की शुरूआत
वरिष्ठ नागरिकों को राहतः
·
·
बजट में 75
वर्ष की आयु और उससे अधिक के वरिष्ठ नागरिकों को आयकर दाखिल करने से राहत प्रदान
की गई है। भुगतान करने वाला बैंक उनकी आय से आवश्यक कर की कटौती करेगा।
विवादों को कम करना, समाधान आसानः
·
·
मामलों को दोबारा खोलने की समय सीमा घटाकर 6 वर्ष से 3 वर्ष की
गई
·
कर प्रवंचना के गंभीर मामलों में जहां एक वर्ष में 50 लाख या उससे अधिक की आय को
छुपाने के सबूत मिलते हैं। ऐसे मामलों में संबंधित आकलन को 10 साल तक दोबारा खोला जा सकता है, लेकिन इसके लिए
प्रधान मुख्य आयुक्त का अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है।
·
50 लाख
रुपये तक की कर योग्य आय और 10 लाख रुपये तक की विवादग्रस्त
आय के साथ कोई भी व्यक्ति इस समिति में पहुंचने के लिए हकदार होगा और उसे दक्षता,
पारदर्शिता तथा जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए समिति के सामने
उपस्थित नहीं होना पड़ेगा।
·
राष्ट्रीय फेसलेस आयकर अपीलीय ट्रिब्यूनल केन्द्र स्थापित करने
की घोषणा।
·
‘विवाद से
विश्वास’ योजना के तहत 30 जनवरी,
2021 तक 1 लाख 10 हजार
से अधिक करदाताओं ने इस योजना के तहत 85,000 करोड़ रुपये से
अधिक के कर विवाद को निपटाने का विकल्प चुना है।
अप्रवासी भारतीयों के लिए छूटः
·
·
अप्रवासी भारतीयों के लिए विदेश से उनकी सेवानिवृत्ति होने के बाद
भारत लौटने पर आय से संबंधित मुद्दों को आसानी से सुलझाने के लिए नियमों को सरल
बनाया गया।
डिजिटल
लेन-देन को बढ़ावा
·
·
डिजिटल लेन-देन के लेखापरीक्षा की सीमा 5 करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक बढ़ाई उन लोगों के लिए जो 95
प्रतिशत लेन-देन डिजिटल माध्यम से करते हैं।
लाभांश पर राहतः
·
·
टीडीएस मुक्त लाभांश भुगतान आरईआईटी/आईएनवीआईटी को करने का प्रस्ताव
·
लाभांश आय पर अग्रिम कर की देयता लाभांश का भुगतान या उसकी घोषणा के
बाद
·
विदेशी पोर्टफोलियो वाले निवेशकों के लिए बजट में कम संधि दर पर
लाभांश आय में कर कटौती का प्रस्ताव
बुनियादी ढांचे के लिए विदेशी को आकर्षित करनाः
·
·
जीरो कूपन बॉन्ड जारी कर बुनियादी ढांचा डेप्ट फंड को धन अर्जित
करनेक के लिए योग्य बनाना
·
प्राइवेट फंडिग पर प्रतिबंध, वाणिज्यिक गतिविधियों पर नियंत्रण और प्रत्यक्ष
विदेशी निवेश पर नियंत्रण से संबंधित शर्तों में रियायत।
सबके लिए मकान का समर्थनः
·
·
सस्ते घर खरीदने के लिए मिलने वाले ऋण के ब्याज में 1.5 लाख रुपये तक की छूट का
प्रावधान 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया
जाएगा
·
सस्ते घर की योजना के तहत कर छूट का दावा करने के लिए पात्रता की
समय-सीमा एक वर्ष और बढ़ाकर 31
मार्च, 2022 तक बढ़ाई
·
सस्ते किराये वाली आवासीय परियोजनाओं के लिए कर राहत की नई घोषणा।
गिफ्ट शहरों में आईएफएससी को कर रियायतः
·
·
एयरक्राफ्ट लीजिंग कंपनियों की आय से पूंजी इकट्ठा करने में कर की
छूट
·
विदेशी व्यवसायियों को विमानों के लिए दिए जाने वाले किराये में कर
की राहत
·
अंतर्राष्ट्रीय वित्त सेवा केन्द्र (आईएफएससी) को बढ़ावा देने के
लिए बजट में कर प्रोत्साहन राशि की घोषणा
·
विदेशी निधियों के निवेश पर प्रोत्साहन राशि और आईएफएससी में स्थित
विदेशी बैंक की शाखाओं में निवेश करने पर कर राहत।
आयकर फाइलिंग का सरलीकरणः
·
·
अधिसूचित प्रतिभूतियों से प्राप्त कैपिटल गेन, लाभांश आय,बैंक
से प्राप्त ब्याज इत्यादि का विवरण रिटर्न में पहले से भरना होगा।
छोटे ट्रस्ट को राहतः
·
·
छोटे चैरिटेबल, जो विद्यालय और अस्पताल चला रहे है उन्हें वार्षिक प्राप्ति की छूट सीमा 1
करोड़ रुपये से 5 करोड़ रुपये की गई ।
श्रमिक कल्याणः
·
·
कर्मचारी का योगदान देरी से जमा करने पर इसे नियोक्ता का योगदान नहीं
माना जाएगा
·
स्टार्ट-अप्स कम्पनी
की टैक्स में छूट की दावे की समयसीमा एक वर्ष और बढ़ाई गई
·
स्टार्ट-अप्स में निवेश करने पर कैपिटल गेन से छूट 31 मार्च, 2020 तक की गई।
2. अप्रत्यक्ष कर
वस्तु एवं सेवा करः
·
·
आज तक किए गए उपायः
·
एसएमएस के माध्यम से शून्य रिटर्न
·
छोटे करदाताओं के लिए मासिक और त्रैमासिक भुगतान
·
इलेक्ट्रॉनिक प्राप्ति प्रणाली
·
वैध इनपुट टैक्स विवरण
·
पहले से भरा हुआ परिवर्तन करने योग्य जीएसटी रिटर्न
·
रिटर्न फाइलिंग का शीघ्र निपटान
·
जीएसटीएन प्रणाली की क्षमता में वृद्धि
·
कर प्राप्त करने वाले लोगों की पहचान के लिए आर्टिफिशल इंटेलीजेंस और
गहन विश्लेषण का उपयोग
सीमा शुल्क को व्यवहारिक बनानाः
·
·
दोहरे उद्देश्यः घरेलू विनिर्माताओं को प्रोत्साहन देना और भारत को
वैश्विक स्तर पर अच्छे उत्पादों की श्रृंखला में शामिल करना तथा बेहतर निर्यात
·
पुरानी 80 छूट
पहले ही समाप्त
·
400 से
अधिक पुरानी छूटों की समीक्षा कर 1 अक्टूबर, 2021 से संशोधित और बाधारहित सीमा शुल्क ढांचा शुरू करना
·
नई सीमा शुल्क में छूट की वैधता उसके जारी होने के दो वर्ष के बाद 31 मार्च तक बढ़ाई गई।
इलेक्ट्रॉनिक और मोबाइल फोन उद्योगः
चार्जर
के भाग और मोबाइल के कुछ अन्य भागों से छूट समाप्त की गई
·
मोबाइल के कुछ पुर्जों पर शुल्क शून्य से 2.5 % तक संशोधित किया गया
लौह और
अयस्क
·
सीमा शुल्क घटाया गया गैर अयस्क, अयस्क
और स्टैनलेस स्टील के छोटे, चपटे और
लंबे उत्पादों पर एक समान 7.5 %
·
स्टील के कबाड़ पर शुल्क में छूट 31 मार्च 2022 तक
·
एंटी-डंपिंग शुल्क (एडीडी) और काउंटर-वैलिंग शुल्क को रोका गया इस्पात के कुछ प्रमुख उत्पादों पर
·
तांबा के कबाड़ पर शुल्क घटाया गया 5 % से 2.5 %
टेक्सटाइल्स:
·
मूलभूत सीमा शुल्क (बीसीडी) केप्रोलेकटम, नायलॉन चिप्स, नायलॉन
फाइबर और धागों पर 5 % तक कम किया गया
केमिकल्स:
·
रसायनों पर सीमा शुल्क की सुसंगत दरें घरेलू मूल्य संवर्धन को बढ़ावा
देंगी और विसंगतियों को दूर करेंगी
·
नेप्था पर सीमा शुल्क 2.5 % घटाया गया
सोना और
चांदी:
·
सोना और चांदी पर सीमा शुल्क की दरें तर्कसंगत बनाई जायेंगी
नवीकरणीय
ऊर्जा:
·
चरणबद्ध निर्माण योजना सोलर सेल और सौर पैनल के लिये
·
घरेलू निर्माण उद्योग को बढ़ावा देने के लिये सोलर इंवर्टर पर शुल्क 5 % से 20 % किया
गया और सोलर लालटेन पर 5 % से 15 % तक बढ़ाया गया
पूंजी
उपकरण:
·
टनल बोरिंग मशीन पर अब 7.5 % का सीमा शुल्क होगा; और इसके
उपकरणों पर 2.5 % पर सीमा शुल्क
·
चुनिंदा आटो पार्ट्स पर शुल्क में सामान्य दर से 15 % की
बढ़ोतरी
सूक्ष्म, लघु एवम् मध्यम उद्योग उत्पाद:
·
स्टील के पेंचों और प्लास्टिक बिल्डर वेयर्स पर 15 % शुल्क
·
झींगा मछली के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये सीमा शुल्क पहले के 5 % से 15 %
·
वस्त्र, चमड़ा और हस्तशिल्प उत्पादों के निर्यातकों को प्रोत्साहित
करने के लिये शुल्क-मुक्त वस्तुओं के आयात की आजादी
·
चुनिंदा किस्म के चमड़ा उत्पादों के आयात पर छूट
कृषि
उत्पाद:
·
कपास पर सीमा शुल्क शून्य से 10 % और कच्चे रेशम तथा रेशम के धागों पर 10 % से 15 % किया गया
·
डीनेचर्ड एथिल
अल्कोहल के लिये अंतिम उपभोक्ता को मिलने वाली रियायत को वापस लिया गया
·
कई उत्पादों पर कृषि अवसंरचना एवम् विकास उपकर
प्रक्रियाओं
को युक्तिसंगत बनाना और अनुपालन को आसान बनाना:
·
तुरंत कस्टम योजना, व्यक्ति रहित, कागज रहित और स्पर्श रहित उपाय
·
मूलभूत नियमों के प्रबंधन के लिये नई प्रक्रिया
कोविड-19 महामारी के दौरान उपलब्धियां और मील के पत्थर
·
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई):
o
·
2.76 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान
·
80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज
·
8 करोड़ परिवारों को मुफ्त रसोई गैस
·
40 करोड़ से अधिक किसानों, महिलाओं, बुजुर्गों, गरीबों और ज़रुरतमन्दों को सीधे नकद
धनराशि का अंतरण
·
आत्मनिर्भर भारत पैकेज (एएनबी 1.0):
o
§
·
23 लाख
करोड़ रुपए का पैकेज जीडीपी के 10 प्रतिशत से ज्यादा
·
पीएमकेजेवाई, 3 आत्मनिर्भर
भारत पैकेज (एएनबी 1.0, 2.0 और
3.0) इसके अलावा पांच छोटे बजटों जैसी घोषणाएं भी
बाद में की गईं।
·
आरबीआई के आंकड़ों के आधार पर 27.1 लाख करोड़ रुपए का व्यय तीनों आत्मनिर्भर
पैकेज पर हुआ, जोकि जीडीपी के 13
प्रतिशत से ज्यादा है।