शीलामाता के नहीं हुए दर्शन, कोरोना पडा भारी




जयपुर, 13 अप्रेल । आज से आंरभ हुए चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन मुहुर्त के अनुसार विधि विधान से घट स्थापित कर पूजा अर्चना की ।

 तेजी से बढ रहे कोरोना महामारी की वजह से शीलामाता मन्दिर प्रबंधन सहित अन्य मन्दिरों द्वारा मन्दिर मेें आम भक्तों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहने की वजह से आमेर सहित अन्य स्थानों पर मन्दिर में भक्त नजर नहीं आये ।

कटरा भवन स्थित माता वैष्णो देवी मन्दिर को आकर्षक  ढंग से सजाया गया है । मन्दिर परिसर में फल फूलों से सजाया गया । कारोना के कारण माता के दरबार में आने वाले भक्तों को सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप बैठाया गया । चैत्र नवरात्र पर अतिथि् कलाकारों ने माता के दरबार को भजनों से महका दिया ।

 चैत्र नवरात्रि के पहले दिन जिसे प्रतिपदा भी कहा जाता है घर घर में घट स्थापना की गई और अखंड ज्योत जलाई गयी । आज पहले नवरात्रे पर मां शैलपुत्री की पूजा की गयी ।


14 अप्रैल को दूसरे नवरात्रा पर मां ब्रह्मचारिणी तृतीया नवरात्रा को मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाएगी इस दिन गौरी पूजा और सौभाग्‍या तीज भी है। 16 अप्रैल चौथे नवरात्र को  मां कुष्मांडा देवी की पांचवे दिन पर मां स्कंदमाता की पूजा होगी । भगवान कार्तिकेय को स्कंदकुमार का नाम दिया गया है। इस दिन को लक्ष्मी पंचमी भी कहा जाता है। 


 छठे नवरात्रा 18 अप्रेल को मां कात्यायनी की सातवें दिन मां कालरात्रि की और आठवे नवरात्र को महा अष्टमी पर महागौरी की पूजा की जाएगी। चैत्र नवरात्रि का नौवां दिन राम नवमी के नाम से जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, त्रेता युग में राजा दशरथ के घर में भगवान राम का जन्म हुआ था। इसलिए राम नवमी धूमधाम से मनायी जायेगी ।